एडवांस्ड सेंसर, HD कैमरे… दिल्ली में क्राइम पर होगा पूरा कंट्रोल, दिल्ली पुलिस का खास प्लान तैयार
दिल्ली पुलिस एडवांस्ड सेंसर और हाई-रिजॉल्यूशन कैमरों से जुड़ी एक नई टेक्निक अपनाने जा रही है. ये सिस्टम तुरंत अधिकारियों को सचेत करेंगे, हमलावरों की पहचान करने में मदद करेंगे और अपराध स्थलों से भागने के लिए इस्तेमाल किए गए वाहनों को ट्रैक करने में मदद करेंगे.

अब दिल्ली में सरेआम गोलीबारी करने से पहले अपराधियों को सोचना पड़ेगा. दिल्ली पुलिस इस पर लगाम लगाने के लिए पुख्ता तैयारी कर रही है. दरअसल दिल्ली पुलिस एडवांस्ड सेंसर और हाई-रिजॉल्यूशन कैमरों से जुड़ी एक नई टेक्निक अपनाने जा रही है. ये सिस्टम तुरंत अधिकारियों को सचेत करेंगे, हमलावरों की पहचान करने में मदद करेंगे और अपराध स्थलों से भागने के लिए इस्तेमाल किए गए वाहनों को ट्रैक करने में मदद करेंगे. इस परियोजना का उद्देश्य पूरे शहर में निगरानी और क्विक रिस्पांस को बढ़ाना है
कैसे करेगा ये सेंसर और हाई-रिजॉल्यूशन कैमरा काम?
ये एडवांस्ड सेंसर और हाई-रिजॉल्यूशन कैमरा 500 मीटर से एक किलोमीटर के दायरे में गोलीबारी का पता लगाने में सक्षम होगा. सेंसर संवेदनशील स्थानों पर लगाए जा रहे हैं. एक बार जब फायरिंग की आवाज का पता चलता है तो सेंसर पास के PTZ (पैन-टिल्ट-जूम) कैमरों को अलर्ट ट्रिगर कर देगा, जिससे वे घूमेंगे और ध्वनि की दिशा पर सटीक रूप से ध्यान केंद्रित करेंगे.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी जानकारी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये सेंसर निकटतम पीटीजेड कैमरे को अलर्ट भेजेंगे जो फिर संदिग्ध गोलीबारी वाले स्थान की ओर घूमेगा. इससे हमें घटना, आरोपियों और भागने के लिए उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन की फुटेज लेने में मदद मिलेगी. यह सिस्टम फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) कैमरों और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरों को एकीकृत करेगा. जहां FRS-सक्षम कैमरे वास्तविक समय में संदिग्धों की पहचान करने में सहायता करेंगे, वहीं ANPR कैमरे वाहन की नंबर प्लेट रिकॉर्ड करेंगे. इससे भागने के रास्तों का पता लगाने और अपराध में शामिल लोगों की पहचान करने में मदद मिलेगी.
पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि पूरा नेटवर्क दिल्ली पुलिस मुख्यालय में एकीकृत कमांड, नियंत्रण, संचार और कंप्यूटर केंद्र (सी4आई) से जुड़ा होगा. पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) कार्यालयों और स्थानीय पुलिस स्टेशनों को भी अलर्ट भेजे जाएंगे. एक बार जब गोलीबारी का पता चलता है तो सी4आई का ऑपरेटर अलर्ट का तुरंत आकलन करेगा. यदि यह सही पाया जाता है तो बिना किसी देरी के घटनास्थल पर रिस्पांस करने के लिए निकटतम पीसीआर को तत्काल अलर्ट भेजा जाएगा.
अधिकारी ने कहा कि यह प्रणाली हमें तेजी से प्रतिक्रिया करने में मदद करेगी. यह जानते हुए कि वे निगरानी में हैं, अपराधी सार्वजनिक रूप से गोलीबारी करने से पहले दो बार सोचेंगे. कुछ महीने पहले ही झारोदा कलां में पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में इस टेक्निक का सफल परीक्षण किया जा चुका है. अब इसे शहर के प्रमुख स्थानों पर विस्तारित किया जा रहा है, ताकि गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं से मुकाबला करने की व्यापक रणनीति बनाई जा सके.