Advertisement

जन्माष्टमी पर बारिश में भी 352 साल पुरानी परंपरा निभाते दिखे भक्त, श्रीनाथजी को दी 21 तोपों की सलामी

इस परंपरा की शुरुआत मेवाड़ के महाराणा राजसिंह प्रथम ने शुरू की थी. मथुरा से औरंगज़ेब के काल में श्रीनाथजी की मूर्ति को सुरक्षित लाकर उदयपुर के मेवाड़ में स्थापित किया गया और उन्हें पूरे राज्य का देवता मानते हुए इस परंपरा की शुरुआत हुई

Author
17 Aug 2025
( Updated: 11 Dec 2025
01:45 PM )
जन्माष्टमी पर बारिश में भी 352 साल पुरानी परंपरा निभाते दिखे भक्त, श्रीनाथजी को दी 21 तोपों की सलामी
Photo Credit: AI Image

जहां पूरा देश जन्माष्टमी के रंग में रंगा है, वहीं आस्था की एक ऐसी तस्वीर भी सामने आई जिसने सबको हैरान कर दिया है.
जब भक्तों ने भारी बारिश को भी अपनी आस्था के सामने मात दे दी और हजारों की संख्या में एक साथ जुटकर इस रस्म के साक्षी बने. लेकिन ये कौन सी रस्म है जो लगभग 352 सालों से चली आ रही है? आखिर ये रस्म किसने और कैसे शुरू की? सारी जानकारी जानिए इस खास रिपोर्ट में…

352 साल पुरानी परंपरा  

जन्माष्टमी पर वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ और विश्वप्रसिद्ध श्रीनाथजी मंदिर में 352 साल पुरानी परंपरा एक बार फिर से जीवंत हुई. आधी रात मंदिर के पास रसाला चौक पर भगवान श्रीकृष्ण को 21 तोपों की सलामी दी गई. तेज बारिश में भी भक्त इस परंपरा को देखने के लिए खड़े रहे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस परंपरा की शुरुआत कैसे हुई?

परंपरा की शुरुवात कैसे और किसने की? 

इस परंपरा की शुरुआत मेवाड़ के महाराणा राजसिंह प्रथम ने शुरू की थी. मथुरा से औरंगज़ेब के काल में श्रीनाथजी की मूर्ति को सुरक्षित लाकर उदयपुर के मेवाड़ में स्थापित किया गया और उन्हें पूरे राज्य का देवता मानते हुए इस परंपरा की शुरुआत हुई और तब से आज तक ये परंपरा पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ निभाई जाती है. इस बार भी पूरे हर्षोल्लास के साथ ये परंपरा मनाई गई. साथ ही इस अवसर पर मंदिर में ठीक 12 बजे विशेष आरती और दर्शन भी हुए. पूरा मंदिर परिसर भगवान कृष्ण के जयकारों से गूंज उठा. भक्त देर रात तक मंदिर में रहकर श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहे.

इस दौरान प्रशासन से हुई चूक!

यह भी पढ़ें

इसके अलावा बता दें कि मंदिर में इस आयोजन के दौरान एक अलग ही रौनक देखने को मिली. पूरा मंदिर परिसर फूलों से सजा हुआ नजर आया. लेकिन जहां एक ओर मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों से गूंज रहा था वहीं दूसरी तरफ प्रशासन की लापरवाही की तस्वीर भी सामने आई. भक्तों की भीड़ के बीच आसमान में चार ड्रोन भी उड़ते हुए पाए गए. जिन्हें उड़ाने की अनुमति पुलिस से नहीं ली गई थी.

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
Gautam Khattar ने मुसलमानों की साजिश का पर्दाफ़ाश किया, Modi-Yogi के जाने का इंतजार है बस!
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें