'हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदी नहीं!', कक्षा 5वीं तक हिंदी अनिवार्य किए जाने पर राज ठाकरे ने जताया ऐतराज
मनसे नेता वागीश सारस्वत के बयान "हम हिंदू हैं, हिंदी नहीं" ने महाराष्ट्र में भाषा विवाद को हवा दे दी है। इस बयान के बाद मराठी और हिंदी भाषाओं को लेकर बहस तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य बनाने के राज्य सरकार के फैसले को लेकर सियासत शुरू हो गई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हिंदी को जबरन थोपना उचित नहीं है। सरकार के इस फैसले पर MNS चीफ राज ठाकरे ने कहा कि हम हिंदू हैं, हिंदी नहीं.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के महासचिव वागीश सारस्वत ने भी ऐसा ही बयान देते हुए कहा, "हम हिंदू हैं, हिंदी नहीं। हिंदू होने का मतलब हिंदी होना नहीं होता है। जहां तक त्रिभाषा नीति का सवाल है, सरकारी कामकाज में इसका इस्तेमाल समझ में आता है, लेकिन शिक्षा में इसे जबरन थोपना ठीक नहीं है। महाराष्ट्र का गठन भाषाई आधार पर हुआ है और मराठी भाषा के लिए महाराष्ट्र बना है। राज्य की भाषा मराठी है और यहां की शिक्षा व्यवस्था में इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए।"
हिंदी को राष्ट्र भाषा बताने पर जताई आपत्ति
उन्होंने कहा, "हिंदी राष्ट्र भाषा नहीं है और अगर राष्ट्र भाषा होती तो पूरे देश की स्वीकृत राष्ट्र भाषा बना दी गई होती। तब हिंदी को अनिवार्य विषय बनाकर पढ़ाया जाता तो अलग बात थी। अब महाराष्ट्र की भाषा मराठी है और यहां के विद्यार्थियों पर इसे लादने की कोशिश होगी तो इसका विरोध किया जाएगा। मनसे पार्टी सरकार के इस फैसले का विरोध करती है। यहां की भाषा मराठी है और इसे यही होना चाहिए। मराठी को हटाने या दबाने या फिर किसी दूसरी भाषा को लादने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।"
Mumbai, Maharashtra: Maharashtra Navnirman Sena (MNS) General Secretary and spokesperson, Vagish Saraswat says, “We are Hindus, not Hindi. Being Hindu doesn't mean being Hindi. As far as the three-language policy is concerned, its application in government functioning is… pic.twitter.com/cr1t6jI2rD
— IANS (@ians_india) April 17, 2025
वागीश सारस्वत ने कहा, "मैं हिंदी भाषी प्रदेश से हूं, लेकिन महाराष्ट्र में मराठी बोलता हूं। मैं यही बात मराठियों से बोलता हूं कि वे जिस भी राज्य में रहें, वहां की भाषा को स्वीकार करें। अपनी मराठी भाषा को वहां न दें। मराठी पर किसी भी भाषा को थोपना अस्वीकार्य है।"
महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों में हिंदी भाषा को कक्षा 1 से 5 तक अनिवार्य कर दिया है। सरकार के इस आदेश को लेकर मनसे ने मोर्चा खोल दिया है। राज ठाकरे ने गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट कर सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य बनाने को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बर्दाश्त नहीं करेगी।