UP में 6500 करोड़ का निवेश… CM योगी के साथ मीटिंग में उद्योगपतियों ने रखा प्रस्ताव, खुलेंगे नई नौकरियों के द्वार!
उद्यमियों ने CM योगी के सामने मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी, बायो रिफाइनरी, फार्मा, फूड प्रोसेसिंग और सर्विस सेक्टर से जुड़े 6500 करोड़ के निवेश प्रस्ताव रखा.
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देश-विदेश की 25 प्रतिष्ठित कंपनियों से जुड़े 45 प्रोफेशनल्स ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. CM योगी ने इन प्रोफेशनल के साथ एक महत्वपूर्ण हाई लेवल बैठक की. इस बैठक का उद्देश्य UP में निवेश की संभावनाओं, औद्योगिक वातावरण और भविष्य की विकास योजनाओं पर विस्तार से चर्चा करना था.
इस प्रतिनिधिमंडल में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, फाइनेंस, ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, बेवरेज, फार्मा सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े सीईओ, सीएफओ, डायरेक्टर्स और शीर्ष प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. मीटिंग में निवेश और उद्यम के लिहाज से CM योगी के नेतृत्व पर गहरा भरोसा जताया गया.
UP में 6500 करोड़ निवेश का प्रस्ताव
विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े इन उद्यमियों ने UP में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और विस्तार के लिए कुल लगभग 6,500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव CM योगी के सामने पेश किए. इन प्रस्तावों में मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी, बायो रिफाइनरी, फार्मा, फूड प्रोसेसिंग और सर्विस सेक्टर से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं. जिनसे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के साथ प्रदेश की आर्थिक गति को और मजबूती मिलने की संभावना है. निवेशकों ने भरोसा जताया कि UP की मजबूत कानून व्यवस्था, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकार की प्रो-एक्टिव अप्रोच उनके दीर्घकालिक निवेश के लिए सबसे उपयुक्त आधार प्रदान करती है. ये बड़ा निवेश UP में रोजगार के नए द्वार भी खोलेगा.
इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी उद्योग प्रतिनिधियों का UP में स्वागत करते हुए कहा कि बीते कई दशकों तक राजनीतिक अस्थिरता और गलत धारणाओं के कारण प्रदेश की छवि पूरे देश में नकारात्मक बनी रही. अब उन पुरानी धारणाओं को पीछे छोड़कर नए UP को जानने और समझने की जरूरत है. CM योगी ने कहा, अतीत पीड़ादायक और अव्यवस्थित रहा, लेकिन वर्तमान सुरक्षित, स्थिर और अवसरों से भरा है और भविष्य उज्जवल. CM ने ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य रखते हुए बताया कि स्वतंत्रता के समय देश की अर्थव्यवस्था में UP का योगदान लगभग 14 से 15 प्रतिशत था, जो समय के साथ घटकर 7.5 से 8 प्रतिशत के आसपास रह गया और प्रदेश को बीमारू राज्य के रूप में देखा जाने लगा. बीते साढ़े आठ साल में PM मोदी के मार्गदर्शन में किए गए व्यापक सुधारों और नीतिगत बदलावों का परिणाम है कि आज UP आत्मविश्वास के साथ अपने आर्थिक पुनरुत्थान की बात कर सकता है.
‘जहां लोग सुरक्षित, वही निवेश सुरक्षित’
CM योगी ने साफ शब्दों में कहा कि पूंजी तभी सुरक्षित रह सकती है जब समाज और राज्य सुरक्षित हों. उन्होंने कहा कि साल 2017 से पहले की स्थिति यह थी कि हर तीसरे दिन दंगे होते थे, महीनों तक कर्फ्यू लगता था और लगभग 50 ऐसे जिले थे जहां सूर्यास्त के बाद बेटियों का सुरक्षित घर लौटना मुश्किल था. रंगदारी और गुंडा टैक्स जैसी अव्यवस्थाएं अघोषित प्रणाली का हिस्सा बन चुकी थीं. सरकार बनने के पहले दिन ही यह संकल्प लिया गया कि इस अराजकता को समाप्त करना है. परिणामस्वरूप आज लगभग नौ साल में एक भी दंगा नहीं हुआ, एक दिन का भी कर्फ्यू नहीं लगा और प्रदेश माफिया मुक्त हुआ है.
उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर में आए व्यापक बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि साल 2017 में UP में केवल डेढ़ एक्सप्रेसवे थे. जबकि आज देश के कुल एक्सप्रेसवे नेटवर्क का लगभग 55 प्रतिशत अकेले उत्तर प्रदेश के पास है. देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क, पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, इनलैंड वॉटरवे, रैपिड रेल परियोजनाएं और शहरी परिवहन में रोपवे जैसी आधुनिक व्यवस्थाएं प्रदेश में विकसित की जा रही हैं. यह परिवर्तन योजनाबद्ध और दूरदर्शी निवेश का परिणाम है.
UP में निवेश के लिए अनुकूल माहौल देने के लिए योगी सरकार ने कई कदम उठाए. साल 2018 में जब पहली बार इन्वेस्टर समिट हुआ. तब केवल 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिलने की उम्मीद थी. सरकार ने देशभर में रोड शो किए, उद्योग जगत से सीधा संवाद किया और खुद मुख्यमंत्री ने प्रमुख औद्योगिक केंद्रों का दौरा कर उत्तर प्रदेश की नई पहचान पेश की. इसका परिणाम यह रहा कि 2018 के समिट में 4.67 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिला. इसके बाद साल 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले, जो UP के परिवर्तन की सशक्त कहानी है.
CM योगी ने बताया, आज UP ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग अनुकूल वातावरण, भूमि और बिजली की उपलब्धता और कुशल मानव संसाधन के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है. यहां IIM, IIT, NIT इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय और तकनीकी संस्थान मौजूद हैं. 96 लाख से ज्यादा इकाइयों के साथ यह देश का सबसे बड़ा MSME बेस है. ODOP को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली. डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के 6 नोड विकसित किए जा रहे हैं और लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण इसका सशक्त उदाहरण है. बुंदेलखंड क्षेत्र में झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण को विकसित किया जा रहा है. जहां निवेश के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
सुरक्षित निवेश का वादा
योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया कि नए UP में हर निवेशक की पूंजी पूरी तरह सुरक्षित है और यहां विकास की स्पष्ट गारंटी है. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करना है, जिसके लिए विकसित उत्तर प्रदेश जरूरी है. इसी उद्देश्य से हर जिले, हर नगरीय निकाय, हर गांव और हर नागरिक को विकास प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है. विकसित भारत विकसित UP के संकल्प के साथ प्रदेशव्यापी अभियान प्रारंभ किया गया है.
‘उद्यमी खुद महसूस करें निवेश का माहौल’
मीटिंग में CM योगी ने उद्योग प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे पूरे प्रदेश में खुद जाकर देखें और बदलाव को महसूस करें. ताकि निवेश के लिए उपयुक्त माहौल को खुद महसूस करें. CM योगी ने कहा, निवेश कहीं भी हो, फायदा देश को ही होता है, लेकिन राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए और निवेशकों को नीतियों और वातावरण की तुलना कर निर्णय लेना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि UP सरकार अन्य राज्यों में भी अपने कार्यालय खोल रही है, ताकि नए उत्तर प्रदेश की कहानी और संभावनाओं से सभी को सहज रूप से परिचित कराया जा सके.
निवेशकों ने साझा किए अनुभव
बैठक के दौरान निवेशकों और उद्यमियों ने भी अपनी भावनाएं और अनुभव साझा किए. निवेशक अरुण दुबे ने बताया कि वे मूल रूप से कानपुर देहात से हैं और लगभग दस साल के बाद स्वदेश लौटे हैं. उन्होंने कहा कि बचपन में बिजली के तारों का जाल और अव्यवस्था देखी थी, लेकिन आज प्रदेश में व्यापक बदलाव स्पष्ट दिखाई देता है. उन्होंने उत्तर प्रदेश में बायो रिफाइनरी की एक बड़ी इकाई स्थापित करने की इच्छा जताई. अन्य निवेशकों ने भी UP के विकास में सहभागी बनने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए विभिन्न औद्योगिक निवेश प्रस्तावों को CM योगी के सामने रखा.
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