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आजमगढ़ में तमंचा, कट्टा बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश! ऑनलाइन ऑर्डर देने पर होती थी होम डिलीवरी

यूपी के आजमगढ़ जिले की पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है। जो अलग-अलग तरह के हथियारों की डिमांड के अनुसार ऑनलाइन सप्लाई करते थे। पुलिस ने कुल 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।

यूपी के आजमगढ़ जिले में एक खतरनाक गैंग का पर्दाफाश हुआ है। यहां ऑनलाइन ऑर्डर देने पर तमंचा कट्टा और कई तरह के हथियार बनाए जाते थे। इन  हथियारों की होम डिलीवरी भी होती थी। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी के दौरान मौके से निर्मित और कई अनिर्मित हथियारों का जखीरा बरामद किया है। इस मामले में हिस्ट्रीशीटर सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

आजमगढ़ एसपी ने क्या बताया?  


आजमगढ़ के एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि "कई लाइसेंसधारी शस्त्र धारकों द्वारा भी इनसे खरीदारी की जाती थी। इन सभी की पहचान की जा रही है। जांच-पड़ताल के बाद कार्रवाई की जाएगी। बीती रात मारे गए इस छापे में कुल 5 लोग पकड़े गए हैं। इनमें एक हिस्ट्रीशीटर भी शामिल है। सिंधारी पुलिस व स्वाट टीम की संयुक्त रूप से इस फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। 

68 जिंदा,69 खोखा कारतूस और कई अन्य हथियारों के साथ 5 अभियुक्त गिरफ्तार  


आजमगढ़ पुलिस द्वारा पकड़े गए अभियुक्तों में से चोरी की लाइसेंसी बंदूक के साथ 68 जिंदा कारतूस,69 खोखा कारतूस, एक मैगजीन, कई निर्मित और अनिर्मित तमंचे और 2 बाइक भी बरामद की गई है। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों में से रविकांत उर्फ बड़क सिधारी थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उस पर कुल 9 मुकदमे दर्ज हैं। 

पकड़े गए सभी अभियुक्तों पर कई मुकदमे दर्ज 


पुलिस द्वारा पकड़े गए इन अभियुक्तों पर अलग-अलग थानों के कई मामले दर्ज हैं। मुख्य हिस्ट्रीशीटर रविकांत उर्फ बड़क के अलावा संजय विश्वकर्मा निवासी थाना जहानागंज के ऊपर भी सिधारी थाने में कई मुकदमे दर्ज हैं। इन दोनों के अलावा पकड़े गए अभियुक्तों में रामविलास चौहान थाना जहानागंज, पंकज निषाद निवासी हरबंशपुर थाना सिधारी और मुंशीराम थाना जहानागंज को हिरासत में लेने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। इन सभी के अलावा वांछित अभियुक्तों में से रामधारी राजभर निवासी बसही लहुआ कला थाना देवगांव पर आजमगढ़ और जौनपुर जिले में कई मुकदमे दर्ज हैं। 

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिसिया बयान में क्या बताया?


पकड़े गए अभियुक्तों ने पुलिस बयान में बताया कि वह लोग सुनसान जगहों पर अवैध असलहा बनाते थे। कबाड़ी की दुकानों पर इन असलहों में इस्तेमाल होने वाली लोहे की पाइप और कई अन्य चीजें खरीद लेते थे। बाकी कई अन्य चीजों को भी मार्केट से खरीद कर लाते थे। फिर उनका तमंचा बनाते थे। इन असलहों को बनाने में सभी की अलग-अलग भूमिका होती थी। इनमें कारतूस तैयार होने पर पंकज,रविकांत और मुंशी द्वारा बाइक से होम डिलीवरी होती थी। इन सभी की सप्लाई गाजीपुर,आजमगढ़,जौनपुर और यूपी के कई अन्य जिलों में होती थी। हम ऑनलाइन ऑर्डर पर भी इन असलहों को तैयार करते थे और उसके बाद डिलीवरी करते थे।

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