मीट छोड़ो, बाकी खा लो...फ्लाइट में 85 वर्षीय बुजुर्ग को दिया नॉन वेज, दम घुटने से मौत, अब बेटे ने उठाया तगड़ा कदम
कतर एयरवेज की फ्लाइट से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक एक 85 साल के पैसेंजर ने कतर एयरवेज की फ्लाइट में वेज खाने का प्री-ऑर्डर दिया था लेकिन उन्हें नॉन वेज खाना परोस दिया गया. जिस से पैसेंजर का दम घुटने लगा और वह बेहोश हो गए, बाद में उनकी मौत हो गई. अब उनके बेटे ने विमानन कंपनी के खिलाफ तगड़ा कदम उठा लिया है.
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अपनी सर्विस को लेकर मशहूर कतर एयरवेज को लेकर एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक कंपनी की फ्लाइट में एक वेजिटेरियन (शाकाहारी) पैसेंजर को नॉन वेज यानी कि मांशाहार खाना दे दिया गया. इस वजह से 85 वर्षीय पैसेंजर की तबीयत भयंकर बिगड़ गई. कहा जा रहा है कि नॉन वेज खाने को देख उनका दम घुट गया और उनकी मौत हो गई.
पहले ही किया था वेज ऑर्डर फिर भी दिया नॉन वेज
इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक साउथ कैलिफोर्निया के रिटायर्ड हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक जयवीरा ने वेज खाने का प्री ऑर्डर दिया था. फिर भी उन्होंने नॉन वेज परोसा गया. उन्होंने जब इसकी शिकायत की तो कहा गया कि मीट छोड़कर बाकी का खाना सब खा लीजिए. हालांकि मामला थोड़ा पुराना है, लेकिन इसके सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. कहा जा रहा है कि यह घटना 30 जून, 2023 को लॉस एंजिल्स से कोलंबो आ रही कतर एयरवेज की फ्लाइट में हुई.
करीब 16 घंटे की थी फ्लाइट!
रिपोर्ट के अनुसार डॉ. अशोक जयवीरा की ये फ्लाइट करीब 15.5 घंटे से ज्यादा की थी. अपनी इस जर्नी के लिए उन्होंने विशेष रूप से वेज खाने का ऑर्डर दिया था. इस दौरान उन्हें फ्लाइट अटेंडेंट की ओर से बताया कि वेज खाना उपलब्ध ही नहीं है. इतना ही नहीं उन्हें नॉन वेज खाना देकर कहा गया कि सिर्फ मीट छोड़ दें और सब खा लें.
'मीट छोड़ दो बाकी का खाना खा लो'
जब फ्लाइट अटेंडेंट ने उन्हें मांसाहार खाना दिया और जब ये पूरा प्रकरण चल रहा था उसी वक्त जयवीरा का दम घुटने लगा और वह बेहोश हो गए. हालांकि क्रू ने मदद करने का प्रयास भी किया, MedAire के रिमोट चिकित्सा सलाहकारों से परामर्श भी लिया गया, लेकिन देखते ही देखते उनका दम घुट गया, उनकी हालत खराब हो गई.
स्कॉटलैंड में हुई थी फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग
जानकारी के मुताबिक जब ऑन एयर मामला सेटल नहीं हुआ तो आखिर में फ्लाइट की स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में इमरजेंसी लैंडिंग हुई. यहां जयवीरा को आनन-फानन में हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन 3 अगस्त, 2023 को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. कहा जा रहा है कि उनकी मौत एस्पिरेशन निमोनिया के कारण हो गई. आपको बता दें कि यह एक लंग या फेंफड़ों का इन्फेक्शन है जो गलती से भोजन या तरल पदार्थ लंग में जाने से होता है.
कतर एयरवेज पर बेटे ने किया केस
हालांकि अब खबर आ रही है कि मृतक डॉ. अशोक जयवीरा के बेटे सूर्या जयवीरा ने हाल ही में कतर एयरवेज के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया है. इसमें उन्होंने फूड सर्विस और मेडिकल रिस्पॉन्स में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. सूर्या ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि एयरलाइन प्री ऑर्डर यानी कि पहले से किए गए वेज खाने को उपलब्ध कराने में विफल रही. और तो और जयवीरा को आपात स्थिति में उचित मेडिकल सहायता नहीं दी गई. इसी को आधार बनाकर परिवार ने लापरवाही और गलत मौत के लिए $128,821 (1.1 करोड़ रुपए) की क्षतिपूर्ति की भी मांग की है, जो वैधानिक रूप से न्यूनतम राशि है.
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उनके इस मुकदमे में लिखा गया है कि कतर और अमेरिका मॉन्ट्रियल कन्वेंशन का हिस्सा हैं, जो एयरलाइन के दायित्व को नियंत्रित करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय संधि है. यह कन्वेंशन फ्लाइट पर मौत या घायल होने पर लगभग $175,000 का अधिकतम मुआवजा निर्धारित करता है.
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