चुनाव से पहले केजरीवाल ने किया BJP पर बड़ा हमला, शायराना अंदाज में मिला जवाब
Delhi में चुनावों से पहले किसानों का मुद्दा गर्मा गया. BJP-AAP के बीच चिट्ठी वार शुरू हो गया. इस बीच CM केजरीवाल ने BJP पर कृषि कानूनों की वापसी का बड़ा आरोप लगा दिया
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दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने तीन साल पहले खत्म हो चुके कृषि कानूनों का ना केवल जिक्र किया है बल्कि इनके सहारे बीजेपी को आईना दिखाने की कोशिश की। केजरीवाल ने पंजाब के किसानों का सहारा लेकर एक तीर से कई निशाने साधे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की मंशा तीन काले कानूनों को वापस लाने की है। सरकार उन्हें दोबारा लागू करने की तैयारी कर रही है। केजरीवाल ने X पोस्ट पर लिखा,
दरअसल, दिल्ली की सियासत में किसानों का चैप्टर अचानक नहीं जुड़ा है। इसकी शुरुआत कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक चिट्ठी से हुई है, जो उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को लिखी थी। चिट्ठी में शिवराज सिंह चौहान ने लिखा,
आतिशी को लिखी चिट्ठी में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि AAP सरकार दिल्ली में किसानों से ज्यादा रेट में बिजली बिल वसूल कर रही है। कृषि मंत्री के इन आरोपों पर CM आतिशी भी चुप नहीं रहीं। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, “बीजेपी का किसानों के बारे में बात करना वैसे ही है जैसे दाऊद अहिंसा पर प्रवचन दे रहा हो। जितना बुरा हाल किसानों का बीजेपी ने किया है, उतना कभी नहीं हुआ। पंजाब में किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं, बीजेपी राज में किसानों पर गोलियां और लाठियां चलाईं गईं।”
आतिशी के बाद अब अरविंद केजरीवाल ने भी बीजेपी को घेरने का मौका नहीं छोड़ा। केजरीवाल ने कृषि कानूनों की वापसी का आरोप लगाते हुए नई बहस को जन्म दे दिया। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि दिल्ली के चुनावी दंगल में किसानों के नाम की रोटी भी खूब सेकी जाएगी। वहीं, किसानों पर कृषि मंत्री शिवराज और AAP के बीच ये वार-पलटवार यहीं नहीं रुका। शिवराज सिंह ने एक बार फिर जवाब दिया। लेकिन इस बार उनका अंदाज थोड़ा शायराना था। उन्होंने X पोस्ट पर एक शायरी के साथ लिखा,
तू इधर-उधर की न बात कर,
ये बता कि क़ाफ़िले क्यूं लुटे
शिवराज ने पूछा, “आखिर क्यों केंद्र सरकार की किसान हितैषी योजनाओं को आप सरकार ने दिल्ली में लागू करने से रोका? क्यों दिल्ली के किसान भाई-बहनों की परेशानी से आप को फर्क नहीं पड़ता? किसान कल्याणकारी योजनाओं का फायदा AAP दिल्ली के किसानों को क्यों नहीं देना चाहते? आखिर क्यों AAP दिल्ली के किसानों के प्रति इतना संवेदनहीन हैं?” हालांकि, शिवराज के पोस्ट में कहीं भी केजरीवाल के कृषि कानूनों की वापसी के आरोप का कोई जवाब नहीं दिया गया। इसे इधर-उधर की बात कहकर टाल दिया गया।
वहीं, दिल्ली में चुनाव से पहले एक-एक कर कई ऐलान कर चुकी आम आदमी पार्टी की सरकार अब किसानों को भी साधने की ताक में है। वहीं, पंजाब में किसानों के धरने के बाद AAP की भगवंत मान सरकार भी सवालों के घेरे में आ गई। खासकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत खराब होने के बाद मान सरकार पर किसानों की अनदेखी के आरोप लगे। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को फटकार लगाई। ऐसे में केजरीवाल नहीं चाहते पंजाब में AAP की छवि का खामियाजा दिल्ली में भुगतना पड़े। वे मान सरकार को तो बचा ही रहे हैं, साथ ही उन्होंने किसानों का पूरा मामला बीजेपी की ओर मोड़ दिया और कृषि कानूनों की वापसी का आरोप लगाकर बीजेपी के लिए नए मुद्दे को भी हवा दे दी।
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