'चाहे किसान हों या दलित...सिर्फ वोट बैंक विपक्ष के देखने का पैमाना', CM योगी ने बिंदुवार पेश कर दिया किसान कल्याण का लेखा-जोखा!
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में डंके की चोट पर किसान सुरक्षित है. उनकी सरकार के लिए किसान वोट बैंक के नहीं, सम्मान के पात्र हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि कैसे पहले खेती-किसानी और कल्याण के नाम पर खानापूर्ति होती थी और कोई कार्य नहीं हुआ.
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यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष को किसानों और खेती-किसानी के मुद्दे पर आइना दिखाया. उन्होंने इस दौरान बताया कि किस तरह पूर्व की सरकारों में किसानों की अनदेखी की गई. उन्हें सिर्फ वोट बैंक की तरह देखा गया, उनके उत्थान के लिए कोई विशेष कार्य नहीं हुआ.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज खेती को बाजार, तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने का मजबूत तंत्र तैयार हो चुका है. एक्सप्रेस-वे, लॉजिस्टिक पार्क और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण किसानों की उपज अब राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजार तक आसानी से पहुंच रही है. एग्रीकल्चर वैल्यू चेन को मजबूती देने के लिए स्टोरेज, प्रोसेसिंग सेंटर और कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है, जिससे इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश भी बढ़ा है.
मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार, बिंदुवार समझा दिया कि उनकी सरकार में अन्नदाता किसानों के लिए किए कार्यों का लेखा-जोखा रखा और विपक्ष को तगड़ा घेरा. 20 प्वाइंट में समझिए आखिर सीएम ने क्या कहा.
1. सीएम ने इस दौरान कहा कि अन्नदाता किसान उनके लिए वोट नहीं, सम्मान के पात्र हैं.
2. उन्होंने बताया कि कैसे यूपी के पास उपजाऊ जमीन और प्रचुर जल संसाधन होने के बावजूद पहले किसानों को आधुनिक तकनीक और बेहतर बीज नहीं दिए गए.
3. सीएम ने इस दौरान कहा कि किसान दिवस के अवसर पर किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की 123वीं जयंती पर विधान भवन के सामने आयोजित कार्यक्रम में विपक्ष की गैरमौजूदगी दुर्भाग्यपूर्ण रही.
4. सीएम ने कहा कि विपक्ष हर मुद्दे को केवल वोट बैंक के नजरिए से देखता है, चाहे किसान हों या दलित. इसी वजह से उनके हितों में वास्तविक काम नहीं हुआ. किसानों के बारे में विपक्ष का आचरण यही है.
5. उन्होंने सवाल उठाया कि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने चौधरी चरण सिंह सीड पार्क के लिए जमीन आवंटन का काम प्रारंभ किया. आपके समय में क्या होता था? उस दौरान लागत ज्यादा थी, उत्पादन कम था, बाजार नहीं था, किसान तबाह था, परेशान था. बिचौलियों के द्वारा लाभ ले लिया जाता था.
6. सीएम ने डंके की चोट पर कहा कि आज किसान सुरक्षित हैं. किसान को योजनाओं का लाभ मिल रहा है. यूपी आज देश के अंदर गन्ना उत्पादन का नंबर एक राज्य है.
7. आपके समय में चीनी मिलें बिकती थीं, बंद होती थीं. वर्षों-वर्षों गन्ना मूल्य बकाया रहता था, किसान तरसता था. अब यह स्थिति नहीं है. अन्नदाता किसान हमारे लिए वोट नहीं, वह सम्मान का पात्र हैं.
8. अन्नदाता को नई तकनीक के साथ आच्छादित किया जा रहा है.
9. 22 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचाई की सुविधा दी गई है. विपक्ष ने 8 प्रतिशत कृषि विकास की दर रखी थी. अब यह बढ़कर 18 प्रतिशत पहुंच चुकी है.
10. एमएसपी के साथ ही डीबीटी के माध्यम से भुगतान करने में आज उत्तर प्रदेश देश के अंदर नंबर एक स्थान पर है.
11. देश के अंदर उत्तर प्रदेश कृषि योग्य भूमि का केवल 11 प्रतिशत हिस्सा रखता है, लेकिन अच्छा बीज, समय पर बीज और अच्छी तकनीक से तीन-तीन फसल किसान ले रहा है. इसी का परिणाम है कि देश के कुल खाद्यान्न का 21 प्रतिशत अकेले यूपी पैदा कर रहा है.
12. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जरिये अब तक 94,668 करोड़ रुपये सीधे डीबीटी के माध्यम से अन्नदाता के खाते में पहुंचाए हैं. इसमें किसी को संदेह नहीं होगा. इसमें भी चेहरा नहीं देखा गया. किसान किसान है. आपके लिए वह भेदभाव का शिकार हो सकता है, हमारे लिए नहीं.
13. पूरे देश में अकेले यूपी में 55 प्रतिशत गन्ने का उत्पादन हो रहा है. यूपी में पहले एथेनॉल उत्पादन जो केवल 41 करोड़ लीटर था, आज 182 करोड़ लीटर हो गया है.
14. हर खेत को पानी के लक्ष्य को नहरों, पाइपलाइन और माइक्रो इरिगेशन जैसी परियोजनाओं के माध्यम से आगे बढ़ाया गया है. इसके परिणामस्वरूप देश की कुल 86 प्रतिशत सिंचित भूमि अकेले उत्तर प्रदेश के पास है और यूपी देश का सर्वाधिक सिंचित भूमि वाला राज्य बन गया है.
15. सीएम योगी ने कहा कि किसानों को ऊर्जा और तकनीक दोनों स्तर पर राहत दी गई है. पीएम कुसुम योजना के तहत 94 हजार अन्नदाता किसानों को सोलर पैनल उपलब्ध कराए गए हैं. साथ ही किसानों को मुफ्त बिजली दी जा रही है और 16 लाख किसानों के ट्यूबवेल के बिजली बिल माफ कर सरकार उसके लिए पैसा उपलब्ध करा रही है.
16. उन्नत बीज, प्राकृतिक खेती, ड्रोन और जलवायु-अनुकूल आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से प्रदेश की कृषि विकास दर तेजी से बढ़ रही है.
17. गोवंश संरक्षण और दुग्ध उत्पादन में भी सरकार ने ठोस काम किया है. प्रदेश में 16 लाख से अधिक गोवंश के लिए गौ संरक्षण स्थल बनाए गए हैं.
18. जो अन्नदाता किसान अपने घर में गाय पालते हैं, उन्हें वेरिफिकेशन के बाद ₹1500 प्रति गाय का भुगतान किया जा रहा है. इसका सकारात्मक परिणाम यह है कि दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है.
19. स्मार्ट खेती और मिलेट्स (श्री अन्न) की खेती के विस्तार में भी उत्तर प्रदेश ने देश में अग्रणी स्थान बनाया है.
20. मत्स्य उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे ग्रामीण आय और पोषण दोनों को बढ़ावा मिला है. उन्होंने कहा कि ये सभी प्रयास मिलकर किसानों की खुशहाली और प्रदेश की समग्र कृषि अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे रहे हैं.
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