बिहार में दो चरणों में होगी वोटिंग, जानें आपके इलाके में कब पड़ेंगे वोट, देखिए पूरी लिस्ट
बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. राज्य में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी. वहीं 14 नवंबर को नतीजे आएंगे. चुनाव आयोग के इस ऐलान के साथ ही पूरे राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है. चुनाव आयोग के मुताबिक पूरी चुनावी प्रक्रिया 16 नवंबर तक संपन्न करा लिए जाएंगे. ऐसे में ये जान लीजिए कि आपके इलाके में किस चरण में और किस तारीख को चुनाव होंगे.
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Bihar Election Date Announcement: बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों के लिए दो चरण में मतदान होंगे. चुनाव आयोग ने बताया कि 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होंगे. वहीं, चुनावी नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. चुनाव आयोग ने मतदान के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं. अब प्रत्येक मतदान केंद्र पर 1,500 की बजाय 1,200 मतदाता मतदान कर सकेंगे, और राज्य भर में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
चुनाव आयोग द्वारा कुल 90 हजार से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे. सुरक्षा और सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की अतिरिक्त तैनाती की आवश्यकता होगी.
पहले चरण में 6 नवंबर को इन 121 सीटों पर वोटिंग होगी. इनमें मधेपुरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, गोपालगंज, सीवान, महाराजगंज, आरा, बक्सर जैसे जिलों में वोट डाले जाएंगे.
जानें कि पहले फेज में किन सीटों पर चुनाव होंगे.
वहीं दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों पर वोटिंग होगी. इनमें वाल्मीकि नगर, मोतिहारी, झंझारपुर, लौरिया, सीतामढ़ी, भभुआ, शिवहर, बोधगया, जहानाबाद, हिसुआ, गया टाउन, पूर्णिया, कटिहार, सासाराम जैसी सीटों पर वोट डाले जाएंगे.
जानें कि दूसरे फेज में किन सीटों पर चुनाव होंगे.
छठ पूजा के बाद होंगे बिहार में चुनाव
चुनाव आयोग ने कई राजनीतिक दलों की मांग स्वीकार करते हुए बिहार विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम छठ पूजा के बाद तय किया. कई पार्टियों ने मसलन जेडीयू ने चुनाव एक ही चरण में कराने की मांग की थी वहीं बीजेपी ने इसे दो चरणों में करवाने की मांग की थी. वहीं अगर पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो तीन चरणों में चुनाव हुए थे.
तीन चरणों में हुआ था पिछला विधानसभा चुनाव
आपको बता दें कि पिछला बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में तीन चरणों में हुआ था. 28 अक्टूबर 2020 को पहला चरण, 3 नवंबर 2020 को दूसरा चरण और 7 नवंबर 2020 को तीसरे चरण का चुनाव संपन्न हुआ थ. मतगणना 10 नवंबर 2020 को हुई थी. तब यानी कि 2020 का चुनाव तीन चरणों में कराना इसलिए जरूरी माना गया था क्योंकि शुरुआत में राज्य के कुछ हिस्सों में नक्सली और सुरक्षा संबंधी परेशानियां थीं.
जहां तक पिछले विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी का सवाल है तो वह लगभग 58.7% रही थी जो 2015 के मुकाबले में ज्यादा थी. बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है.
बिहार में कुल 7.43 करोड़ मतदाता
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार में चुनाव और मतदाताओं को लेकर बेहद अहम जानकारी शेयर की है. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में कुल 7.43 करोड़ मतदाता हैं. इनमें करीब 3.92 करोड़ पुरुष, 3.50 करोड़ महिला और 1,725 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं. वहीं 7.2 लाख दिव्यांग मतदाता और 4.04 लाख 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक भी वोटर सूची में हैं.
इसके अलावा 14 हजार शतायु मतदाता यानी 100 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिक भी मतदान के पात्र हैं. आंकड़ों के अनुसार 1.63 लाख सर्विस वोटर्स, 1.63 करोड़ युवा मतदाता (20-29 वर्ष) और करीब 14.01 लाख प्रथम बार वोट देने वाले (18-19 वर्ष) मतदाता शामिल हैं. ये सभी आंकड़े 30 सितंबर 2025 तक के हैं.
चुनाव का ऐलान करते हुए क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त!
बिहार के मतदाताओं को संदेश देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि हम बिहार के मतदाताओं को आश्वस्त करना चाहते हैं कि चुनाव न केवल अनुकरणीय और सुचारू होंगे, बल्कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर विशेष ध्यान देने के कारण सबसे शांतिपूर्ण भी होंगे.
SIR पर भारी विरोध के बीच चुनाव
2025 के विधानसभा चुनाव इस पूर्वी राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाता सूची के शुद्धिकरण के बाद होने वाले पहले चुनाव होंगे, जिसके बाद 7.43 करोड़ मतदाताओं वाली अंतिम मतदाता सूची तैयार हुई, जिसमें 14 लाख पहली बार मतदान करने वाले मतदाता भी शामिल हैं.
ज्ञानेश कुमार ने 22 वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित एसआईआर की विस्तृत जानकारी और समय-सीमा भी साझा की और बताया कि अंतिम मतदाता सूची सभी राजनीतिक दलों को दे दी गई है. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में सुधार के लिए अनुरोध करने की अवधि आगामी चुनावों के लिए उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने से 10 दिन पहले तक खुली रहेगी.
243 निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्येक के लिए एक पर्यवेक्षक
मुख्य चुनाव आयुक्त ने जिला स्तर पर किसी भी प्रकार की फर्जी खबरों को रोकने के लिए चुनाव आयोग की योजनाओं की भी जानकारी दी ताकि गलत सूचनाओं का मुकाबला किया जा सके. उन्होंने यह भी घोषणा की कि 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए एक अलग पर्यवेक्षक होगा, जबकि पहले एक पर्यवेक्षक एक से अधिक सीटों के लिए ज़िम्मेदार होता था.
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्य में चुनाव तैयारियों की समीक्षा पूरी करने, सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने और व्यवस्थाओं का आकलन करने के ठीक एक दिन बाद हुई है.
जानकारी के अनुसार, दिवाली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों, जो 18 अक्टूबर से 28 अक्टूबर के बीच पड़ते हैं, के साथ ओवरलैपिंग से बचने के लिए कार्यक्रम की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है. इस विचार का उद्देश्य सुचारू मतदान और अधिकतम मतदान सुनिश्चित करना है. 2025 के चुनाव भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) के सत्तारूढ़ गठबंधन और राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच मुकाबला है. इस दौड़ में एक नया आयाम प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी जोड़ रही है, जो बिहार की राजनीति में खुद को एक वैकल्पिक ताकत के रूप में स्थापित कर रही है.
कैसा रहा था पिछला चुनाव?
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2020 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 125 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया था, जबकि महागठबंधन ने 110 सीटें जीती थीं. राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. यह चुनाव कोविड-19 महामारी के बाद आयोजित पहला बड़ा चुनावी अभ्यास होने के कारण उल्लेखनीय था, जिसमें 56.93 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.
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