‘टिकट बंटवारे पर जल्द होगा फैसला’, बिहार चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर भूपेश बघेल का बयान,
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. उन्होंने पटना में होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि वह जल्द प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे.
Follow Us:
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. उन्होंने पटना में होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि वह जल्द प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे. इस दौरान बिहार में टिकट बंटवारे पर भी जल्द फैसला होने की संभावना जताई.
भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बात करते हुए बिहार की नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, "पिछले 20 वर्षों में नीतीश सरकार ने न तो बेरोजगारी की समस्या को हल किया और न ही एसआईआर और 'वोट चोरी' जैसे गंभीर मुद्दों को संबोधित किया."
मतदाताओं के नाम काटे जाने पर उठाया सवाल
भूपेश बघेल ने बिहार में 3 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्वाचन आयोग से जवाब मांगने पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, "इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम काटने का कारण स्पष्ट नहीं है. कई लोगों के घर का पता 'जीरो' दर्ज है, जो एक गंभीर सवाल खड़ा करता है. इससे एसआईआर की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं."
‘कांग्रेस में सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी तरीके से होती हैं’
बघेल ने छत्तीसगढ़ के मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "कांग्रेस में सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी तरीके से होती हैं. भाजपा में अपने ही नेताओं को नजरबंद किया जाता है, वहां घुटन का माहौल है." उन्होंने ननकी राम कंवर को लेकर भी भाजपा के रुख पर सवाल उठाया.
राज्य महिला आयोग के मुद्दे पर कसा तंज
उन्होंने राज्य महिला आयोग के मुद्दे पर तंज कसते हुए कहा, "आयोग में जाकर देखिए, वहां सभी के फोटो लगे हैं. मैं इस बारे में क्या कह सकता हूं?" उन्होंने इस मामले में ज्यादा टिप्पणी करने से बचते हुए भाजपा सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए.
यह भी पढ़ें
छत्तीसगढ़ में मंत्रियों द्वारा दो-दो बंगले रखने के मुद्दे पर भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "नियम के तहत एक मंत्री को केवल एक बंगला अलॉट होता है. दो बंगले रखने का अधिकार कहां से मिला? मंत्रियों से अतिरिक्त बंगले का किराया वसूलना चाहिए और यह राशि उनकी तनख्वाह से काटी जानी चाहिए."
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें