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बिहार: महागठबंधन में तय हुआ सीट शेयरिंग का फॉर्मूला, तेजस्वी के आवास पर बैठक में लगेगी अंतिम मुहर, जानें किसका पलड़ा भारी

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं. एनडीए और महागठबंधन अब सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने में लगे हैं. महागठबंधन में RJD 130–135, कांग्रेस 55–58 और वीआईपी 14–18 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. बुधवार को तेजस्वी यादव के आवास पर गठबंधन की बैठक में सीटों का फाइनल फॉर्मूला तय होगा. चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे और नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.

08 Oct, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
08:57 PM )
बिहार: महागठबंधन में तय हुआ सीट शेयरिंग का फॉर्मूला, तेजस्वी के आवास पर बैठक में लगेगी अंतिम मुहर, जानें किसका पलड़ा भारी
Rahul Gandhi/ Tejashwi Yadav

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज हो गई है. सत्ता में रहने वाली एनडीए और विपक्षी गठबंधन इंडिया महागठबंधन अब अपनी सीटों का बंटवारा अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहे हैं. खबरों के मुताबिक, महागठबंधन में सीटों का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है. इसके अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) लगभग 130–135 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, कांग्रेस को 55–58 सीटें मिल सकती हैं, जबकि मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी 14–18 सीटों पर चुनाव मैदान में उतर सकती है.

विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को लेकर बुधवार की शाम आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर इंडिया महागठबंधन की बड़ी बैठक होने वाली है. इस बैठक के में तेजस्वी यादव सभी घटक दलों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे. इसके बाद सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को अंतिम मंजूरी दी जाएगी. बता दें कि बीते सोमवार को राजधानी दिल्ली में चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख़ों का ऐलान किया था. आयोग द्वारा किए गए घोषणा के अनुसार बिहार की 243 सीटों पर दो चरणों में वोटिंग कराई जाएगी. पहले चरण में 121 सीटों पर 6 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. जबकि दूसरे फेज में 122 सीटों के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं, 14 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. 

मुकेश सहनी पर टिकीं सभी की निगाहें 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महागठबंधन में मुकेश सहनी को इस बार कुछ विशेष सीटों का ऑफर दिया गया है, जिनमें औराय, कुढ़नी, सरायरंजन, अलीनगर, बौड़ाग्राम, बरहाड़ा और सिमरी बख्तियारपुर शामिल हैं. वीआईपी प्रमुख सहनी ने अब सीटों की संख्या कम करने को मान लिया है, लेकिन उपमुख्यमंत्री पद के मामले में वे अभी भी अपनी बात पर अडिग हैं. जानकारी देते चलें कि साल  2020 के विधानसभा चुनाव में सहनी ने आरजेडी से नाराज होकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंच छोड़ दिया था, क्योंकि वादे के बावजूद उन्हें पर्याप्त सीटें नहीं मिली थीं. इसके बाद उन्होंने एनडीए के साथ गठबंधन किया और कुल 11 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें से चार पर जीत हासिल की. लेकिन इस बार सहनी ने शुरू में 60 सीटों की मांग की थी, लेकिन बाद में उन्होंने इसे घटाने को राजी हो गए, बशर्ते उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद मिल जाए. बता दें मुकेश सहनी वोटर अधिकार यात्रा के दौरान भी हमेशा राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ एक गाड़ी पर सवार दिखाई दिए थे. 

किसके खाते में आएंगी कितनी सीट?

सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन में तय हुए फॉर्मूले के मुताबिक, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) 130 से 135 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस को 55 से 58 सीटों का लक्ष्य दिया गया है. वीआईपी पार्टी 14 से 18 सीटों पर मैदान में उतर सकती है और लेफ्ट दल 30 से 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. इसके अलावा, आरजेडी अपने हिस्से से जेएमएम को 3 सीटें और पशुपति पारस की पार्टी को 2 सीटें देने पर सहमत हुई है. यह सीट शेयरिंग फॉर्मूला महागठबंधन के आगामी बैठकों में अंतिम रूप ले सकता है.

कांग्रेस की होगी अहम बैठक 

कांग्रेस आज अपनी केंद्रीय चुनाव समिति की अहम बैठक करेगी, जिसमें लगभग 50 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा होने की संभावना है. बैठक दोपहर 2.30 बजे वर्चुअल माध्यम से आयोजित होगी, क्योंकि अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तबीयत ठीक नहीं है. बैठक में राहुल गांधी समेत समिति के अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल रहेंगे.

NDA में चल रही माथापच्ची 

वही अब सत्ताधारी एनडीए गठबंधन में अभी भी सीट बंटवारे को लेकर हालात फिलहाल तनावपूर्ण बने हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, आज और कल फाइनल राउंड की बातचीत के जरिए सीटों का आखिरी फैसला लिया जाएगा. सहयोगी दलों के नेता बीजेपी की तरफ से पटना में ही बैठक में मौजूद रहने को कहा गया है. एनडीए में HAM (सेकुलर) के नेता जीतनराम मांझी और लोजपा प्रमुख चिराग पासवान की सीटों को लेकर स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. सूत्रों का कहना है कि मांझी की पार्टी को 7 सीटें मिलने की संभावना है, ये वही सीटें हैं जिन पर पिछली बार HAM ने चुनाव लड़ा था और उनमें से चार पर जीत हासिल की थी. इसके अलावा मांझी गया जिले की दो और सीटें अत्री और शेरघाटी भी मांग रहे हैं, जिनमें से एक सीट उन्हें मिल सकती है. वहीं, चिराग पासवान भी सीटों को लेकर एनडीए नेतृत्व को संदेश दे रहे हैं. उन्होंने आज अपने पिता रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर कहा कि उन्होंने पिता के सपनों को अधूरा नहीं रहने दिया और हर कार्यकर्ता चुनावी मैदान में सक्रिय रहेगा. सीट शेयरिंग को लेकर सभी जानकारी सही समय पर साझा की जाएगी.

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बताते चलें कि बिहार विधानसभा चुनाव में दोनों गठबंधन अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं. महागठबंधन और एनडीए में सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला जल्द ही होने वाला है, वहीं नेताओं के बीच बातचीत और रणनीति चुनावी रणभूमि की तस्वीर को और स्पष्ट कर रही है. चुनाव नतीजे और सीटों की अंतिम घोषणा 14 नवंबर को तय होगी, जो बिहार की राजनीति में नए समीकरण स्थापित करेगी.

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