‘बैलवा बेलगाम घूम रहा है...’, बिना नाम लिए तेज प्रताप ने RJD विधायक भाई वीरेंद्र पर बोला हमला, कहा- हमें संगठन से बाहर करवाया
बिहार के मनेर में रोड शो के दौरान लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और हसनपुर से विधायक तेज प्रताप यादव ने बिना नाम लिए आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र पर सीधा हमला बोला. उन्होंने बैलवा कहकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उन्हें संगठन से बाहर कराने में उन्ही का हाथ है. तेज प्रताप ने जनता से अपील की कि जैसे भगवान कृष्ण ने कालिया नाग को नाथा था, वैसे ही मनेर की जनता बैलवा को नाथेगी.
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बिहार की राजनीति में अक्सर बयानबाजी और तीखे हमले सुर्खियों में रहते हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही ये इन बयानों का सिलसिला और तेज हो गया है. इस बार सुर्खियों में लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और हसनपुर से आरजेडी विधायक तेज प्रताप यादव हैं. परिवार और पार्टी से बाहर किए जाने के बाद तेज प्रताप यादव पोरि तरह से मुखर है और अपने विरोधियों को जमकर निशाने पर ले रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को मनेर में उनके रोड शो ने ना सिर्फ भीड़ जुटाई बल्कि सियासी हलचल भी बढ़ा दी. कारण था उनका वह बयान जिसमें उन्होंने आरजेडी के ही विधायक भाई वीरेंद्र पर सीधा हमला बोला, हालांकि नाम लिए बिना.
बैलवा कहकर किया संबोधित
तेज प्रताप यादव ने अपने भाषण में स्थानीय विधायक को निशाना बनाते हुए उन्हें "बैलवा" कह दिया. उन्होंने कहा कि बैलवा बेलगाम घूम रहा है और अब मनेर की जनता ही उसे नाथेगी. इतना ही नहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि बैलवा ने ही उन्हें संगठन से बाहर करवाया है. तेज प्रताप का यह हमला सीधे तौर पर आरजेडी की अंदरूनी राजनीति और खींचतान की तरफ इशारा करता है.
तेज प्रताप की जनता से अपील
अपने रोड शो के दौरान तेज प्रताप यादव ने जो भाषा इस्तेमाल की, उसने सियासी तापमान और बढ़ा दिया. उन्होंने कहा, "बैलवा हमको संगठन से बाहर करवा दिया. हमको संगठन से तुम बाहर करवा सकते हो लेकिन जनता के दिल से नहीं निकाल सकते." उन्होंने भीड़ से अपील करते हुए कहा कि जैसे भगवान कृष्ण ने कालिया नाग को नाथा था, उसी तरह मनेर की जनता इस बैलवा को नाथने का काम करेगी. तेज प्रताप का यह बयान साफ तौर पर पार्टी के अंदर चल रही खींचतान की झलक दिखाता है. आरजेडी के भीतर सत्ता संतुलन और नेतृत्व को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में जब खुद लालू यादव के बेटे पार्टी के ही विधायक पर हमला बोलें तो यह सियासी तौर पर गंभीर माना जाता है.
संगठन से बाहर लेकिन जनता के बीच मौजूदगी
तेज प्रताप यादव ने साफ किया कि भले ही उन्हें संगठन से किनारा कर दिया गया हो लेकिन जनता के बीच उनकी पकड़ बनी हुई है. उन्होंने कहा कि संगठन से बाहर करवाना कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन जनता के दिल से उन्हें कोई नहीं निकाल सकता. यह बयान बताता है कि तेज प्रताप अपनी राजनीतिक ताकत को जनता के समर्थन में देख रहे हैं, न कि पार्टी की संगठनात्मक ताकत में.
टीम तेजप्रताप का विस्तार
तेज प्रताप यादव ने इसी मौके पर महिनावां में अपने “टीम तेजप्रताप” कार्यालय का उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने मनेर विस क्षेत्र से नगर परिषद मनेर के उप मुख्य पार्षद शंकर कुमार यादव को पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया. यह कदम पार्टी नेतृत्व की जानकारी में है या नहीं, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्योंकि पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार तय करने का अधिकार आलाकमान के पास होता है. तेज प्रताप ने जनता को लुभाने के लिए मनेर में क्रिकेट स्टेडियम बनाने की भी घोषणा कर दी. उन्होंने कहा कि मनेर की युवा शक्ति को खेलों में आगे बढ़ाना उनका मकसद है और जल्द ही इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे.
RJD में बढ़ती खींचतान
तेज प्रताप यादव के ये लगातार हमले यह साबित करते हैं कि राजद के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है. जहां एक ओर तेजस्वी यादव पार्टी को एकजुट करने और विपक्षी दलों से मुकाबला करने की रणनीति बना रहे हैं, वहीं तेज प्रताप के बयान पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़ा करते हैं. भाई वीरेंद्र पर हमला बोलना दरअसल उस गुटबाजी को उजागर करता है, जो आरजेडी के भीतर लंबे समय से मौजूद है. संगठनात्मक स्तर पर तेज प्रताप को अलग-थलग करने की कोशिशें भी होती रही हैं. ऐसे में उनका यह सार्वजनिक हमला आने वाले समय में पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.
जनता के बीच संदेश और आगामी चुनाव
तेज प्रताप यादव का संदेश और रूख साफ करता है कि वे जनता से सीधा जुड़ाव बनाए रखना चाहते हैं. उन्होंने मनेर की जनता को भरोसा दिलाया कि उनके साथ अन्याय हुआ है और यह अन्याय जनता मिलकर ठीक करेगी. बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए उनका यह अभियान और बयानबाजी बेहद अहम मानी जा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप का यह कदम न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राज्यस्तर पर भी राजद की राजनीति को प्रभावित कर सकता है. अगर पार्टी इस मुद्दे को नजरअंदाज करती है तो विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बना सकता है.
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बताते चलें कि तेज प्रताप यादव का बैलवा वाला बयान और भाई वीरेंद्र पर परोक्ष हमला राजद की अंदरूनी राजनीति को फिर से सुर्खियों में ले आया है. यह साफ है कि तेज प्रताप खुद को नजरअंदाज किए जाने से नाराज हैं और अब जनता के बीच जाकर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करना चाहते हैं. क्रिकेट स्टेडियम जैसी घोषणाएं और टीम तेजप्रताप का विस्तार इसी रणनीति का हिस्सा हैं.
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