'अबकी बार तेजस्वी सरकार' का नारा सुन भड़क उठे तेज प्रताप, बोले– फालतू बात मत करो, नहीं मिलेगा रोजगार
बिहार चुनाव में आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव का बयान सुर्खियों में है. जहानाबाद की सभा में जब एक युवक ने नारा लगाया “अबकी बार तेजस्वी सरकार”, तो तेज प्रताप भड़क गए. उन्होंने युवक से कहा, “यहां फालतू बात मत करो, तुम आरएसएस के हो क्या? पुलिस पकड़ ले जाएगी.” तेज प्रताप ने आगे कहा कि सरकार किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, जनता की होती है और जो घमंड करेगा, वह जल्दी गिरेगा.
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बिहार की सियासत इन दिनों पूरे उफान पर है. चुनावी मौसम में नेता जनता को लुभाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार एनडीए पर हमलावर हैं. वोटर अधिकार यात्रा के जरिए वे जनता से सीधे जुड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. वहीं बड़े भाई तेज प्रताप यादव भी मैदान में हैं, लेकिन उनकी राह और सोच कुछ अलग दिखाई दे रही है.
तेजस्वी का नारा सुनकर भड़के तेज प्रताप
शनिवार को जहानाबाद जिले के घोसी विधानसभा क्षेत्र में तेज प्रताप यादव ने अपनी जन संवाद यात्रा के तहत सभा को संबोधित किया. माहौल पूरी तरह चुनावी रंग में था. तभी भीड़ में एक युवक ने नारा लगाया 'अबकी बार तेजस्वी सरकार'. यह सुनते ही तेज प्रताप भड़क उठे और मंच से उसी युवक की ओर सीधे देखने लगे. तेज प्रताप ने सख्त लहजे में कहा, “यहां फालतू बात मत करो. तुम आरएसएस के हो क्या? अभी पुलिस पकड़कर ले जाएगी.” भीड़ एक पल के लिए शांत हो गई. इसके बाद उन्होंने और तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरकार किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि जनता की होती है. अगर कोई नेता घमंड करेगा तो ज्यादा दिन टिक नहीं पाएगा. नारे लगाने वाले युवक से उन्होंने कहा, “नौटंकी करोगे तो रोजगार भी नहीं मिलेगा.”
बिना नाम लिए तेजस्वी पर तंज
इस दौरान तेज प्रताप ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान को सीधे तौर पर तेजस्वी यादव पर तंज माना जा रहा है. उन्होंने कहा, “जो अपना नहीं हुआ, वो जनता का क्या होगा.” इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि उन्हें कभी किसी पद की लालसा नहीं रही. राजनीति उनके लिए सत्ता की दौड़ नहीं, बल्कि जनसेवा का जरिया है. तेज प्रताप ने अपने भाषण में भगवान राम के वनवास का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि जैसे भगवान राम ने विपरीत परिस्थितियों का सामना किया, वैसे ही वे भी पीछे हटने वाले नहीं हैं.
VIDEO | Former RJD leader Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) calls out a person in the crowd who shouted ‘Abki Baar Tejashwi Sarkar', while addressing a gathering in Jehanabad, Bihar.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 30, 2025
He reacted, “Don’t talk nonsense here… Government is formed by people, not by an individual.… pic.twitter.com/P2bVw7vtb1
वोटर अधिकार यात्रा पर भी निशाना
तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा पर भी तेज प्रताप ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जिस यात्रा की आज बात की जा रही है, वैसी यात्रा वे पहले से निकाल रहे हैं. यानी वे यह जताना चाहते थे कि जनता से जुड़ने का यह प्रयास उनका नया नहीं बल्कि पुराना कदम है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह केवल चुनावी बयानबाजी नहीं, बल्कि यादव परिवार के भीतर की खाई को भी दिखाता है. लालू यादव की गैरमौजूदगी में तेजस्वी को पार्टी का वारिस माना गया, जबकि तेज प्रताप धीरे-धीरे हाशिए पर चले गए. अब वे अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
आरजेडी के वोट बैंक पर पड़ेगा असर?
जहानाबाद की घटना ने यह साफ कर दिया कि परिवारिक मतभेद सार्वजनिक मंचों पर भी खुलकर सामने आ रहे हैं. सवाल यह है कि जनता इसे कैसे देखेगी. क्या इसे परिवार का निजी मामला मानकर नजरअंदाज किया जाएगा या फिर यह आरजेडी के वोट बैंक पर असर डालेगा. तेजस्वी युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं में लोकप्रिय हो रहे हैं. रोजगार, शिक्षा और भ्रष्टाचार उनके मुख्य मुद्दे हैं. वहीं तेज प्रताप अपनी स्वतंत्र छवि बनाने पर जोर दे रहे हैं. इससे साफ है कि बिहार का यह चुनाव सिर्फ एनडीए बनाम महागठबंधन नहीं, बल्कि यादव परिवार की अंदरूनी खींचतान से भी दिलचस्प बन गया है.
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बताते चलें कि जहानाबाद की सभा से निकला संदेश साफ है कि अबकी बार तेजस्वी सरकार का नारा हर जगह गूंजे, यह तेज प्रताप को रास नहीं आने वाला. उनके लिए राजनीति जनता की सेवा है, न कि किसी एक व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने का अभियान. अब जनता किस पर भरोसा जताती है, यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे. लेकिन इतना तय है कि यादव परिवार की यह जंग बिहार की राजनीति को और रोमांचक बना रही है.
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