‘3% वाले को सम्मान और 17% का अपमान...’, ओवैसी ने साधा महागठबंधन पर निशाना, पूछा- क्या यही है सामाजिक न्याय?
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गोपालगंज में जनसभा कर महागठबंधन और एनडीए दोनों पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरजेडी पर मुसलमानों के साथ राजनीतिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए पूछा 'क्या यही है सामाजिक न्याय?' ओवैसी ने नीतीश, लालू-राबड़ी और प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कोई भी मुसलमानों के अधिकारों की बात नहीं करता.
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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अब सियासी सरगर्मी भी लगातार बढ़ती जा रही है. चुनावी तैयारियों को लेकर राज्य में दिग्गज नेताओं की ताबड़तोड़ जनसभाएं देखने को मिल रही है. इस दौरान हर दल के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी लगातार जारी है. इस बीच मंगलवार को हैदराबाद के सांसद और एआईएआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी बिहार पहुंचे और सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष की इंडिया गठबंधन पर जमकर हमला बोला है.
ओवैसी ने पूछा क्या यही सामाजिक न्याय है?
बिहार के गोपालगंज जिले में ओवैसी ने छोटका सांखे गांव में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए अपने निशाने पर सबसे ज्यादा लालू यादव की पार्टी आरजेडी और उनके महागठबंधन को लिया. उन्होंने महागठबंधन पर मुसलमानों के साथ राजनीतिक भेदभाव करने का सीधा आरोप लगाया. ओवैसी ने जनसभा में मौजूद लोगों से कहा कि बिहार में 3% की आबादी वाले मल्लाह के बेटे को डिप्टी सीएम के चेहरा घोषित कर दिया जाता है, 14% वाले समाज के बेटे को सीएम का चेहरा बनाया जाता है लेकिन 17% आबादी वाले मुसलमानों को ना तो सीएम और ना ही डिप्टी सीएम बनने दिया जाता है. उन्होंने आगे सवाल उठाया क्या यही है महागठबंधन का सामाजिक न्याय?
BJP पर भी साधा निशाना
गोपालगंज की जनसभा में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी तीनों दलों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 20 सालों से सत्ता में हैं, लेकिन उनका दिल अब भी राजगीर में ही बसता है. लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी ने 15 साल तक बिहार पर शासन किया, पर उनकी राजनीति आज भी सिर्फ बेटे तेजस्वी यादव के इर्द-गिर्द घूमती है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मन अब भी अहमदाबाद में अटका है. ओवैसी ने कहा कि किसी भी नेता को मुसलमानों के अधिकारों की चिंता नहीं है, और जब वे खुद इस मुद्दे पर आवाज उठाते हैं, तो उन्हें बीजेपी की 'बी-टीम' कहकर ध्यान भटकाने में सारे सियासी दल जुट जाते हैं.
मुकेश सहनी के दिया बड़ा मौका
महागठबंधन ने आगामी चुनाव के लिए बड़ा ऐलान करते हुए तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है. इस घोषणा के बाद एनडीए समेत अन्य राजनीतिक दलों ने कई सवाल उठाए हैं. गौरतलब है कि वर्तमान में वीआईपी के पास न तो कोई विधायक है और न ही सांसद. महागठबंधन में यह दल चौथे नंबर पर है. वहीं, आरजेडी के 74, कांग्रेस के 19, सीपीआई-माले के 12 और अन्य वाम दलों के 4 विधायक हैं, जबकि वीआईपी के खाते में एक भी विधायक नहीं है. लेकिन सीट शेयरिंग से पहले मुकेश सहनी ने महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर साफ कहा था कि हमें 4 सीट मिले या 44 उससे मतलब नहीं है हमें डिप्टी सीएम का चेहरा घोषित किया जाए हमारी पार्टी की सिर्फ यही एक मांग है.
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गौरतलब है कि राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान दो चरणों में होगा. पहले चरण के 121 सीटों पर 6 नवंबर को मतदान होंगे, जबकि दूसरे चरण की 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी, तब जाकर यह स्पष्ट होगा कि चुनाव से पहले तमाम सियासी दलों द्वारा अपनाए जा रहे विभिन्न हथकंडों के बावजूद जनता का आशीर्वाद किसे मिलता है.
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