'राजेश वर्मा की मौत मेरे हाथों होगी...', चिराग के सांसद को धमकी देने वाला आरोपी पुलिस के शिकंजे में, पूछताछ में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
भागलपुर एसएसपी के मोबाइल पर खगड़िया सांसद राजेश वर्मा की हत्या की धमकी देने वाले आरोपी कुंदन को साइबर थाना पुलिस ने समस्तीपुर से गिरफ्तार किया है. 11 अगस्त की रात आए मैसेज में लिखा था कि “इलेक्शन 2025 से पहले राजेश वर्मा की मौत होगी.” जांच में पता चला कि कुंदन ने अपने साले के नाम से निकाले गए सिम का इस्तेमाल किया. आरोपी का ससुराल वालों से विवाद चल रहा था और उसने तकनीक का सहारा लेकर धमकी दी थी.
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खगड़िया सांसद और एलजेपी (आर) नेता राजेश वर्मा को जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. धमकी भरा मैसेज सीधे एसएसपी के सरकारी मोबाइल नंबर पर भेजा गया था. साइबर थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी कुंदन को समस्तीपुर जिले के मोरबा से दबोच लिया.
DSP ने दी जानकारी
डीएसपी कनिष्क श्रीवास्तव ने बताया कि 11 अगस्त की रात एसएसपी को एक अनजान नंबर से संदेश आया था. उसमें लिखा था, “खगड़िया सांसद राजेश वर्मा की मौत मेरे हाथों होगी, चुनाव 2025 से पहले.” मैसेज मिलते ही साइबर थाना में केस दर्ज किया गया और इंस्पेक्टर राकेश कुमार को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई. पुलिस पूछताछ में कुंदन ने खुलासा किया कि धमकी भरा मैसेज भेजने के लिए जिस सिम का इस्तेमाल किया गया, वह उसके साले दीपक के नाम से निकला हुआ था. दरअसल कुंदन का अपने ससुराल पक्ष से पुराना विवाद चल रहा था और उसी रंजिश को निपटाने के लिए उसने यह साजिश रची. उसने स्वीकार किया कि उसके भाई की राजनीति से जुड़ाव है और बातचीत के दौरान ही उसे सांसद राजेश वर्मा के बारे में जानकारी मिली थी. उसी आधार पर उसने धमकी देने की कोशिश की.
कैसे हुआ खुलासा
गिरफ्तारी के बाद जब कुंदन के भाई ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की और सांसद के पीए को लेकर थाने पहुंचे, तब उन्हें सच्चाई का पता चला. जैसे ही यह साफ हुआ कि धमकी खगड़िया के सांसद को दी गई है, सबने आरोपी से किनारा कर लिया. पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. यही नहीं, कुंदन ने धमकी भरे संदेश बेगूसराय एसपी को भी भेजे थे. वहाँ भी मामला दर्ज हुआ है और बेगूसराय पुलिस अब उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है.
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बता दें इस पूरी घटना ने विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी हलचल और बढ़ा दी है. चुनावी मौसम में नेताओं को मिल रही धमकियों से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं, राजेश वर्मा जैसे सक्रिय सांसद को टारगेट बनाने की कोशिश से साफ है कि राजनीतिक माहौल में तनाव और गहराता जा रहा है.
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