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'नथिंग इज वेल इन NDA...', सीट बंटवारे से नाराज उपेंद्र कुशवाहा के घर रातभर चला पॉलिटिकल ड्रामा, BJP की बढ़ी मुश्किलें

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव से पहले एनडीए में दरार के संकेत मिल रहे हैं. सीट शेयरिंग के बाद राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा महुआ सीट लोक जनशक्ति पार्टी को मिलने से नाराज हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं को एनडीए उम्मीदवारों के नामांकन से दूर रहने को कहा है. मंगलवार देर रात बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कुशवाहा से मुलाकात कर मनाने की कोशिश की, लेकिन बैठक बेनतीजा रही. कुशवाहा ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है.

15 Oct, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
08:08 PM )
'नथिंग इज वेल इन NDA...', सीट बंटवारे से नाराज उपेंद्र कुशवाहा के घर रातभर चला पॉलिटिकल ड्रामा, BJP की बढ़ी मुश्किलें
Upendra Kushwaha (File Photo)

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और एनडीए ने सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय कर अपने चुनावी अभियान की औपचारिक शुरुआत भी कर दी है. लेकिन चुनाव से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन की गाड़ी अभी पूरी रफ्तार नहीं पकड़ पाई है क्योंकि उसके एक अहम सहयोगी दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने अब खुलकर नाराजगी जाहिर की है. सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) प्रमुख कुशवाहा महुआ विधानसभा सीट लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के खाते में जाने से बेहद खफा हैं. इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को बीजेपी और एनडीए के प्रत्याशियों के नामांकन से दूरी बनाए रखने की बात कही है. 

क्यों बढ़ी कुशवाहा की नाराजगी?

बिहार की राजनीति से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एनडीए के अंदर सीट बंटवारे को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने 6 सीटों पर सशर्त सहमति जताई थी. उनकी मांग थी कि इन छह सीटों का चयन उनकी पार्टी खुद करेगी. इस पर बीजेपी ने हामी भी भरी थी. बताया जा रहा है कि कुशवाहा ने सासाराम, मधुबनी, दिनारा, बाजपट्टी, महुआ और उजियारपुर सीटों पर अपना दावा ठोका था. इन सीटों पर पार्टी कार्यकर्ताओं और भावी उम्मीदवारों ने तैयारी भी शुरू कर दी थी. इन सबके बीच स्थिति तब बदल गई जब महुआ सीट लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और दिनारा सीट जेडीयू के खाते में चली गई. इस फेरबदल ने उपेंद्र कुशवाहा को नाराज कर दिया. उन्होंने तुरंत अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि किसी भी एनडीए उम्मीदवार के नामांकन में हिस्सा न लें. उनके इस बयान के बाद से एनडीए खेमे में हलचल तेज हो गई है और बीजेपी के शीर्ष नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं.

बीजेपी नेताओं की रातभर चली बैठक

गठबंधन में बिगड़ते तालमेल को ठीक करने के लिए मंगलवार की देर रात केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री नितिन नवीन और बीजेपी के वरिष्ठ नेता ऋतुराज सिन्हा राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा के आवास पहुंचे. सूत्रों के अनुसार, यह बैठक लगभग चार घंटे चली और सुबह करीब चार बजे खत्म हुई. इस दौरान कई बार दिल्ली और पटना में बैठे शीर्ष नेताओं से फोन पर बातचीत भी हुई. बैठक खत्म होने के बाद बीजेपी नेताओं ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की. वहीं, कुशवाहा ने बाहर आकर सिर्फ इतना कहा, “नथिंग इज वेल इन NDA.” यानी एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं है. इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल और तेज कर दी.

आज हो सकता है बड़ा ऐलान

इन घटनाक्रमों के बाद अब बुधवार दोपहर 12:30 बजे उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी की आपात बैठक बुलाई है. बैठक में RLM के वरिष्ठ नेता और जिला अध्यक्ष शामिल होंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी. सूत्रों का कहना है कि कुशवाहा बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर कुशवाहा का रुख नहीं बदला तो एनडीए को चुनावी समीकरणों में नुकसान झेलना पड़ सकता है.

सीट बंटवारे से असंतुष्ट छोटे दल

जानकारी देते चलें कि रविवार को एनडीए ने बिहार चुनाव के लिए सीट शेयरिंग का फॉर्मूला घोषित किया था. इसके तहत बीजेपी और जेडीयू को 101-101 सीटें दी गईं. जबकि चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को 29, जीतन राम मांझी की हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) और उपेंद्र कुशवाहा की RLM को 6-6 सीटें मिलीं. हालांकि मांझी और कुशवाहा दोनों ने ही इस फैसले पर असहमति जताई थी. मांझी ने 15 सीटों की मांग की थी जबकि कुशवाहा ने 24 सीटों का दावा ठोका था. सीटों के बंटवारे के बाद कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर अपने कार्यकर्ताओं से माफी मांगते हुए लिखा था, “आप सभी से क्षमा चाहता हूं. आपके मन के अनुकूल सीटों की संख्या नहीं हो पाई. कई घरों में आज खाना नहीं बना होगा. लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जो दिखती नहीं हैं.” उनका यह भावुक संदेश इस बात का संकेत था कि भीतर ही भीतर वे नाराज हैं और समय आने पर अपनी नाराजगी का इजहार करेंगे. अब वह समय आ गया लगता है.

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बताते चलें कि बिहार की सियासत में सीट बंटवारा हमेशा से विवाद का कारण रही है और इस बार भी इतिहास खुद को दोहराता दिख रहा है. एनडीए की एकता पर सवाल उठ रहे हैं और उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी ने माहौल को और गरम कर दिया है. अब सबकी नजर आज दोपहर होने वाली RLM की बैठक पर टिकी है. देखना होगा कि कुशवाहा एनडीए के साथ बने रहते हैं या बिहार की राजनीति में कोई नया मोड़ आता है. गौरतलब है कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर दो चरण में 6 और 11 नवंबर को मतदान होंगे जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी. 

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