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नीतीश की स्थिरता या तेजस्वी का जोश... फलोदी सट्टा बाजार में किस पर लग रहा है सबसे बड़ा दांव, जानें किसकी बनेगी सरकार

Bihar Chunav 2025: बिहार के विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबला एनडीए बनाम इंडिया महागठबंधन के बीच माना जा रहा है, जबकि जन सुराज जैसे नए दल भी समीकरण बिगाड़ सकते हैं. इस बीच राजस्थान के फलोदी सट्टा बाजार के अनुसार एनडीए को 135-138 सीटें और महागठबंधन को 93-96 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं वोट वाइब सर्वे में महागठबंधन को बढ़त दिखाई गई थी. यानी सट्टा बाजार और सर्वे के नतीजों में बड़ा फर्क दिख रहा है.

30 Oct, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
09:57 AM )
नीतीश की स्थिरता या तेजस्वी का जोश... फलोदी सट्टा बाजार में किस पर लग रहा है सबसे बड़ा दांव, जानें किसकी बनेगी सरकार
Nitish Kumar/ Tejashwi Yadav

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल राज्य की सियासी तपिश बढ़ चुकी है. इस चुनाव में सीधी लड़ाई सत्तारूढ़ एनडीए बनाम विपक्ष की इंडिया महागठबंधन के बी है. हालाँकि कई नए चुनावी दल जैसे जन सुराज पार्टी सहित कई दल कुछ सीटों पर बड़ी पार्टियों का खेल बिगाड़ सकते है. ऐसे में चुनाव को लेकर अभी तक कई सर्वे सामने आ चुके हैं और हर जगह आंकड़ों का अपना-अपना खेल दिख रहा है. लेकिन इस बीच राजस्थान का मशहूर फलोदी सट्टा बाजार एक बार फिर चर्चा में है. चुनावी मौसम में यह बाजार देशभर में अपनी भविष्यवाणियों को लेकर सुर्खियां बटोरता है. इस बार भी सटोरियों का रुख बिहार की सियासत की दिशा दिखाने लगा है.

क्या कहता है सट्टा बाजार?

सट्टा बाजार के ताजा अनुमानों के मुताबिक एनडीए गठबंधन को 135 से 138 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. यह आंकड़ा अब तक आए ज्यादातर सर्वे से कहीं ज्यादा है. यानी सटोरियों का मानना है कि एक बार फिर बिहार की सत्ता पर एनडीए की वापसी हो सकती है. सट्टा बाजार में अगर कोई व्यक्ति NDA पर ₹1000 का दांव लगाता है, तो उसे करीब ₹2000 तक का रिटर्न मिल सकता है. यानी सटोरियों की नजर में NDA का दांव इस बार डबल फायदा देने वाला साबित हो सकता है. वहीं महागठबंधन के लिए खबर अच्छी नहीं है. सट्टा बाजार का अनुमान है कि उन्हें 93 से 96 सीटें ही मिल सकती हैं. हालांकि, व्यक्तिगत उम्मीदवारों के लिए अभी तक कोई भाव जारी नहीं हुआ है.

वोट वाइब सर्वे में महागठबंधन आगे

सबसे दिलचस्प बात यह है कि इससे पहले वोट वाइब नामक सर्वे ने एक अलग तस्वीर दिखाई थी. उस सर्वे में लोगों से पूछा गया था कि बिहार में इस बार किस गठबंधन की जीत होगी. लगभग 34.7 फीसदी लोगों ने महागठबंधन को विजेता बताया, जबकि 34.4 फीसदी लोगों ने एनडीए का नाम लिया. वहीं 12.3 फीसदी लोगों का मानना था कि जन सुराज उभरकर सामने आ सकती है. 10.1 फीसदी लोग ऐसे भी थे जिन्होंने साफ कहा कि वे कुछ नहीं कह सकते. यानी जनता की राय बंटी हुई नजर आ रही है.

नीतीश कुमार अब भी स्टेबल चेहरा

सट्टा बाजार की बात करें तो नीतीश कुमार का नाम अब भी सबसे स्टेबल और हॉट माना जा रहा है. उनके भाव 40 से 45 पैसे के बीच टिके हुए हैं. एनडीए में इस समय कोई दूसरा बड़ा चेहरा नहीं दिख रहा जो नीतीश की बराबरी कर सके.

जन सुराज ने बना दिया त्रिकोणीय मुकाबला

वोट वाइब के फाउंडर अमिताभ तिवारी ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि इस बार चुनाव पूरी तरह त्रिकोणीय हो गया है. प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने समीकरण बिगाड़ दिए हैं. अभी यह साफ नहीं है कि उनके मैदान में उतरने से किस गठबंधन के वोट कटेंगे. तिवारी ने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव के 'हर घर सरकारी नौकरी' के वादे से महागठबंधन को कुछ हद तक फायदा मिल सकता है. लेकिन प्रशांत किशोर की एंट्री ने मुकाबले को और पेचीदा बना दिया है.

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बता दें कि 6 और 11 नवंबर को बिहार में मतदान होना है. जैसे-जैसे प्रचार तेज होगा, वैसे-वैसे सट्टा बाजार में सीटों के भाव भी बदल सकते हैं. सटोरियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में प्रचार अभियान के रुख के आधार पर व्यक्तिगत सीटों के भाव भी जारी किए जा सकते हैं. फिलहाल तस्वीर साफ नहीं है, लेकिन इतना तय है कि बिहार की सियासत इस बार रोमांच से भरी होगी. जनता, सर्वे और सट्टा तीनों के आंकड़े अलग-अलग हैं. अब देखना यह है कि वोटों की गिनती के दिन किसकी भविष्यवाणी सही साबित होती है. 

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