15 सीटें नहीं मिली तो 100 पर लड़ेंगे…’ जीतनराम मांझी ने बढ़ाई NDA की टेंशन, कहा- इस बार करो या मरो की स्थिति है
Bihar Election: हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा है कि उनकी पार्टी एनडीए में 15 से 20 सीटों की मांग कर रही है. अगर ऐसा नहि होता है तो उनकी पार्टी राज्य के 100 सीटों पात अपने प्रत्याशियों उतरने को मजबूर होगी.
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Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अब गिनती के दिन रह गए हैं. ऐसे में सत्ताधारी एनडीए हो या फिर विपक्ष की इंडिया महागठबंधन दोनों में सीट शेयरिंग को लेकर अब घसमान शुरू हो चुका है. ऐसे में एनडीए की बात करें तो केंद्रीय मंत्री एवं हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के सुप्रीमो जीतनराम मांझी की कम से कम 15 सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं.
दरअसल, पटना में मीडिया से बातचीत में मांझी ने साफ कर दिया कि वह अपनी पार्टी के लिए 15 से 20 सीटों की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस बार उनके लिए 'करो या मरो' की स्थिति है, और यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो उनकी पार्टी आगामी चुनाव में अकेले 100 सीटों पर चुनाव लड़ जाएगी.
क्यों 15 से 20 सीटों की मांग कर रहे हैं मांझी?
मांझी ने बताया कि यह मांग पार्टी की मान्यता पाने के लिए जरूरी है. HUM बीते 10 सालों से निबंधित पार्टी है, लेकिन अभी तक उसे प्रदेश स्तरीय राजनीतिक दल की मान्यता नहीं मिली है. पार्टी को मान्यता दिलाने के लिए कम से कम 7-8 विधायक या 6 प्रतिशत वोट हासिल करना जरूरी है. मांझी ने कहा कि उनका एनडीए से यह अनुरोध "भीख मांगने" जैसा है, उनका किसी सीट पर व्यक्तिगत दावा नहीं है. उनका मकसद केवल इतना है कि पार्टी बिहार विधानसभा में मान्यता प्राप्त पार्टी का दर्जा हासिल कर सके.
🚨 Jitan Ram Manjhi : “We want to contest on 100+ seats in Bihar polls so that our party is recognised as a national party.”
— Political Views (@PoliticalViewsO) September 15, 2025
Pressure politics ahead of NDA's seat sharing?
pic.twitter.com/Nz5nLOvX6K
अब तक पार्टी को मिले कितने प्रतिशत वोट?
पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में HUM ने एनडीए के साथ मिलकर 7 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से 4 सीटों पर जीत मिली थी और पार्टी को कुल 0.89 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था. वहीं, 2024 में मांझी गया से लोकसभा सांसद चुने गए और नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने. बावजूद इसके, उनकी पार्टी अब तक 6 प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल नहीं हो पाई है. बता दें कि चुनाव आयोग से मान्यता मिलने के बाद पार्टी को कई सुविधाएं मिलती हैं. मान्यता प्राप्त पार्टी का चुनाव चिह्न स्थायी हो जाता है और चुनाव में अधिकतम 40 स्टार प्रचारक रखने की अनुमति मिलती है. इसके अलावा टीवी और रेडियो पर राजनीतिक प्रसारण का समय, वोटर लिस्ट हासिल करने जैसी सुविधाएं भी पार्टी को मिलती हैं. यही वजह है कि मांझी इस बार एनडीए में सीटों की संख्या को लेकर पूरी तरह अड़े हैं.
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बता दें कि मांझी की मांग बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग और गठबंधन समीकरणों पर भी असर डाल सकता है. यदि एनडीए मांझी की मांग मान लेता है, तो HUM मान्यता प्राप्त पार्टी बनकर आने वाले चुनावों में अपने को मजबूत कर सकती है. वहीं, यदि मांग पूरी नहीं होती, तो मांझी की चेतावनी के मुताबिक पार्टी अकेले चुनाव लड़कर अपने पैरों पर खड़ी होने की रणनीति अपना सकती है.
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