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अगर गांधी मैदान में नहीं मिली इजाजत तो वोटर अधिकार यात्रा का कहां होगा समापन, इंडिया गठबंधन की तैयार है नई रणनीति

बिहार में इंडिया गठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा जारी है. महागठबंधन के दिग्गज नेता अलग-अलग जिलों में जुट रहे हैं. राहुल गांधी भी यात्रा में शामिल होकर कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं. इसका समापन 1 सितंबर को होना है, जिसके लिए पटना का गांधी मैदान प्रस्तावित है, हालांकि स्थल बदलने की संभावना भी बनी हुई है.

25 Aug, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
05:13 AM )
अगर गांधी मैदान में नहीं मिली इजाजत तो वोटर अधिकार यात्रा का कहां होगा समापन, इंडिया गठबंधन की तैयार है नई रणनीति
Source: X/ Tejashwi Yadav

बिहार विधानसभा चुनाव भले ही अभी कुछ महीनों दूर हों, लेकिन राजनीतिक दलों की तैयारियां ज़ोर पकड़ चुकी हैं. इसी कड़ी में इंडिया गठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा राज्य के अलग-अलग जिलों में माहौल बनाने में जुटी है. इस यात्रा को विपक्षी दलों ने जनता से सीधा जुड़ने का हथियार बना लिया है. इसी कड़ी में राहुल-तेजस्वी वितर अधिकार यात्रा कर रहे है. इस यात्रा का समापन सूबे की राजधानी पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली के साथ होना था लेकिन अब इसके समापन स्थल में बदलाव हो सकता है.

दिग्गज नेताओं का जुटान

महागठबंधन के बड़े-बड़े नेता इस यात्रा में लगातार शामिल हो रहे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मंच साझा कर कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरते नज़र आ रहे हैं. यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने साफ संदेश दिया है कि यह सिर्फ राजनीतिक अभियान नहीं, बल्कि "लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई" है.

समापन स्थल पर संशय

यात्रा का समापन 1 सितंबर को होना तय है। शुरूआती योजना के मुताबिक पटना के गांधी मैदान में विशाल रैली के साथ इसका समापन होना था. लेकिन अभी तक जिला प्रशासन ने मैदान की अनुमति नहीं दी है. यही वजह है कि इंडिया गठबंधन के नेताओं के बीच अंतिम स्थल को लेकर संशय बना हुआ है. सूत्रों की मानें तो यदि गांधी मैदान की अनुमति नहीं मिलती है तो समापन कार्यक्रम को मार्च में तब्दील किया जा सकता है. प्रस्ताव है कि गांधी मैदान से लेकर हाईकोर्ट स्थित अंबेडकर चौक तक नेताओं और कार्यकर्ताओं का विशाल मार्च निकाला जाए. यह कदम गठबंधन के लिए प्रतीकात्मक शक्ति प्रदर्शन भी साबित हो सकता है.

विधानसभा चुनाव से जुड़ी बड़ी रणनीति

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह यात्रा केवल कार्यकर्ताओं में जोश भरने तक सीमित नहीं है. दरअसल विपक्ष ने इसे विधानसभा चुनाव की बड़ी रणनीति का हिस्सा बनाया है. जनता के बीच सक्रियता दिखाकर गठबंधन यह संदेश देना चाहता है कि वे चुनावी मैदान में पूरी ताक़त के साथ उतरने को तैयार हैं. इस यात्रा के जरिए इंडिया गठबंधन लगातार केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साध रहा है. महंगाई, बेरोजगारी और किसान मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जा रहा है. गठबंधन चाहता है कि यह मुद्दे चुनावी एजेंडा का हिस्सा बनें और जनता इन्हीं सवालों के आधार पर वोटिंग करे.

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बताते चलें कि अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि 1 सितंबर को वोटर अधिकार यात्रा का समापन किस रूप में होता है. क्या गांधी मैदान में रैली होगी या अंबेडकर चौक तक मार्च निकलेगा। जो भी हो, इतना तय है कि इस यात्रा ने बिहार की चुनावी राजनीति में नई हलचल मचा दी है.

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