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'हाइड्रोजन बम आने वाला है, मोदी जी देश को...', पटना में राहुल गांधी ने दिया बड़ा बयान, आखिर किस ओर कर रहे इशारा?

राहुल गांधी ने साफ़ संकेत दिए कि सियासी जंग अभी थमी नहीं बल्कि शुरू हुई है. राहुल जाते-जाते बिहार का नया एजेंडा सेट कर गए. यात्रा के आख़िरी दिन कहा कि, ‘वोट चोरी के एटम बम के बाद हाईड्रोजन बम आने वाला है जो उससे भी ज़्यादा शक्तिशाली होगा. जब हाईड्रोजन बम फटेगा तो PM मोदी देश को अपना चेहरा भी नहीं दिखा पाएंगे’.

02 Sep, 2025
( Updated: 02 Sep, 2025
10:18 PM )
'हाइड्रोजन बम आने वाला है, मोदी जी देश को...', पटना में राहुल गांधी ने दिया बड़ा बयान, आखिर किस ओर कर रहे इशारा?
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बिहार में कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्ष की वोट अधिकार यात्रा ख़त्म हो गई है. 16 दिन तक कथित वोट चोरी के मुद्दे पर माहौल गर्माया रहा और यात्रा के आख़िरी दिन राहुल गांधी एटम बम से हाइड्रोजन बम पर आ गए. राहुल गांधी के इस नए ऐलान से बिहार की जंग अगले पड़ाव पर पहुंच गई.

कथित वोट चोरी को लेकर सड़क से संसद तक बवाल हुआ. राहुल गांधी ने इस मुद्दे के ज़रिए INDIA के दलों को एकजुट कर विपक्ष में नई जान फूंकने की कोशिश की. इसकी बानगी बिहार में वोट अधिकार यात्रा के दौरान दिखी. जब राहुल के नेतृत्व वाली इस यात्रा में महागठबंधन की तमाम पार्टियों के साथ देश के अलग अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों का महाजुटान हुआ. यात्रा के आख़िरी दिन राहुल गांधी ने साफ़ संकेत दिए कि सियासी जंग अभी थमी नहीं बल्कि शुरू हुई है. राहुल जाते-जाते बिहार का नया एजेंडा सेट कर गए. राहुल गांधी ने पटना में यात्रा के आख़िरी दिन कहा कि, ‘वोट चोरी के एटम बम के बाद हाईड्रोजन बम आने वाला है जो उससे भी ज़्यादा शक्तिशाली होगा. जब हाईड्रोजन बम फटेगा तो PM मोदी देश को अपना चेहरा भी नहीं दिखा पाएंगे’. राहुल के इस नए ऐलान ने बिहार के सियासी मौसम में तपिश को और बढ़ा दिया है. 

राहुल का मतलब साफ़ है कि वह अभी बड़े और बड़े खुलासे होंगे. हालांकि राहुल के हाइड्रोजन बम के दावे को NDA नेताओं ने धता बता दिया. राहुल के बयान पर BJP सांसद रविशंकर प्रसाद तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, राहुल का एटम बम तो फुस्स हो गया, अब हाइड्रोजन बम फोड़ने की बात कर रहे हैं. दुनिया में आज तक कहां हाइड्रोजन बम फूटा है, जिसे राहुल गांधी फोड़ना चाहते हैं. रविशंकर प्रसाद ने इसे गैरजिम्मेदाराना बयान बताया. उन्होंने राहुल पर तंज कसते हुए कहा कि, राहुल गांधी की बातें समझने के लिए कई तरह के एंटेना लगाने पड़ते हैं अगर कर्नाटक में उनका ‘एटम बम’ था, तो वह तो दिवाली का पटाखा भी नहीं निकला. अब हाइड्रोजन बम की बात कर रहे हैं. बमों का चुनाव से क्या लेना-देना है

'एटम बम सेे चींटी भी नहीं मरी' 

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी राहुल पर पलटवार करते किया. उन्होंने कहा, 'एटम बम' फोड़ के क्या किया, एक चींटी भी मरी? 'हाइड्रोजन बम' का भी वही हाल होगा, यह कोई मुद्दा नहीं है.

वहीं, NDA नेताओं की प्रतिक्रिया पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, राहुल गांधी उन्हें यानी BJP को उसी की भाषा में जवाब दे रहे हैं. यही भाषा इन्हें समझ आती है. 

दरअसल, 7 अगस्त को राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर एक घंटे से ज्यादा का प्रेजेंटेशन दिया था. उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनावों के साथ-साथ महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में 'वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर धांधली' की गई. हालांकि चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को 'गुमराह' करने वाला बताया था, लेकिन कांग्रेस के साथ साथ तमाम विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को हवा दी. राहुल गांधी ने तब कहा था कि वोट चोरी का एटम बम फूट गया. 

क्या सत्ता के द्वार खोलेगी राहुल-तेजस्वी की यात्रा? 

कथित वोट चोरी का मुद्दा, बिहार में स्‍पेशल इंटेंस‍िव र‍िवीजन यानी SIR और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को मुद्दा बनाते हुए राहुल गांधी ने यात्रा की शुरूआत की. 17 अगस्त को उन्हें सासाराम से तेजस्वी का भी साथ मिला. इसके बाद विपक्ष के कई नेता वोट अधिकार यात्रा से जुड़ते चले गए. विपक्ष ने जनता के बीच वोट चोरी के दावे को गढ़ते हुए अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की. विपक्ष की इस यात्रा का मक़सद था बिहार की सत्ता में वापसी करना है. दो लड़कों की जोड़ी भीड़ जुटाने में तो कामयाब रही लेकिन क्या ये भीड़ वोटर्स में तब्दील होगी. ये सवाल अभी बरकरार है. 

क्या कांग्रेस का जनाधार लौटेगा? 

वैसे तो यात्रा में विपक्ष ने खूब एकजुटता दिखाई, लेकिन वोट अधिकार यात्रा के जरिए कांग्रेस अपना जनाधार मजबूत करने में जुटी हुई है. इस यात्रा का आइडिया राहुल गांधी का था इसलिए वह इसका सबसे ज़्यादा माइलेज लेने की कोशिश में है. वोट अधिकार यात्रा में सबसे ज्यादा फ़ायदा कांग्रेस को ही होता हुआ दिख रहा है. 'वोट चोरी' के मुद्दे के साथ साथ कांग्रेस ने जाति जनगणना और आरक्षण का मुद्दा भी उठाया. यहां उन्होंने सामाजिक न्याय का एजेंडा भी सेट किया. 

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वहीं, राहुल गांधी ने इस दांव से महागठबंधन में अपने लिए ठीक-ठाक जगह भी बनाने की कोशिश की है. चूंकी इस यात्रा का आइडिया राहुल गांधी का था इसलिए वह इसका सबसे ज़्यादा माइलेज लेने की कोशिश में है. वोट अधिकार यात्रा में सबसे ज्यादा फ़ायदा कांग्रेस को ही होता हुआ दिख रहा है. ऐसे में कांग्रेस महागठबंधन में अपने लिए ठीक ठाक सीटें मांग सकती है. माना जा रहा है कि इसीलिए CM फ़ेस को लेकर कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते भी नहीं खोले. 

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