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'पटना चक्कर लगाने से नहीं बनेगा काम...', बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी ने पार्टी नेताओं को दी चेतावनी, कहा- खुद को प्रत्याशी न समझें

बिहार चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधायकों को क्षेत्र में बने रहने और जनता के बीच सक्रिय रहने का निर्देश दिया. कमजोर प्रदर्शन वाले नेताओं को चेतावनी दी गई और किसी को भी खुद से प्रत्याशी घोषित न करने की हिदायत दी गई. तेजस्वी ने पार्टी नेताओं से 60 दिनों का समय मांगा और वादा किया कि इसके बदले सरकार बनाएंगे.

04 Sep, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
02:06 AM )
'पटना चक्कर लगाने से नहीं बनेगा काम...', बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी ने पार्टी नेताओं को दी चेतावनी, कहा- खुद को प्रत्याशी न समझें
Tejashwi Yadav (File Photo)

बिहार की राजनीति में इन दिनों गर्माहट है. विधानसभा चुनाव को लेकर आरजेडी ने पूरे जोश के साथ चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने सरकारी आवास एक पोलो रोड पर पार्टी के सांसदों, विधायकों, पराजित प्रत्याशियों और पदाधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की. यह बैठक करीब दो घंटे तक चली और इसमें कई अहम फैसले लिए गए.

दरअसल, राहुल गांधी के नेतृत्व में वोटर अधिकार यात्रा के समापन के बाद तेजस्वी यादव राजधानी पटना में चुनावी रणनीति तय करने में जुटे हुए हैं. पटना के पार्टी कार्यालय में अपने विधायकों और पार्टी के पदाधिकारियों संग बैठक में तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया कि पार्टी अब समझौते और औपचारिकताओं से आगे बढ़कर जमीनी तैयारी पर फोकस करेगी. उन्होंने विधायकों को क्षेत्र से बाहर घूमने की बजाय जनता के बीच रहने का सख्त निर्देश दिया. उनका कहना था कि पटना चक्कर काटने से टिकट नहीं मिलेगा, टिकट केवल मेहनत और जनता के भरोसे पर मिलेगा.

तेजस्वी का विधायकों को साफ संदेश 

बैठक में तेजस्वी ने उन विधायकों और नेताओं को भी कड़ा संदेश दिया जिनका प्रदर्शन अब तक कमजोर रहा है. उन्होंने कहा कि जो काम नहीं करेगा, उसका टिकट कटेगा. पार्टी अब सिर्फ सर्वे और बूथ स्तर की तैयारी के आधार पर उम्मीदवारों का चयन करेगी.उन्होंने नेताओं को भरोसा दिलाया कि टिकट के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाएगी और किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा.

खुद से प्रत्याशी घोषित करने पर रोक

इस बैठक का सबसे अहम बात थी अनुशासन. तेजस्वी यादव ने पार्टी नेताओं को स्पष्ट हिदायत दी कि कोई भी खुद को प्रत्याशी घोषित न करे. उन्होंने कहा कि उम्मीदवार तय करने का अधिकार केवल पार्टी नेतृत्व के पास है. उन्होंने नेताओं से 60 दिनों का समय मांगा और वादा किया कि इन 60 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद वे सरकार बनाकर देंगे.

भाजपा को हर मोड़ पर जवाब देने की रणनीति

तेजस्वी ने कहा कि हमें भाजपा की हर चाल का जवाब देना है. उन्होंने नीतीश कुमार पर भी टिप्पणी की. तेजस्वी के शब्दों में  “अब बिहार में न जदयू कोई एजेंडा है और न ही नीतीश कुमार. हम उनका सम्मान करते हैं लेकिन उनकी हालत का गलत फायदा भाजपा उठा रही है.” तेजस्वी ने साफ कहा कि समाजवादी विचारधारा को कमजोर करने और नफरत की राजनीति को मजबूत करने की कोशिश हो रही है, जिसका राजद पुरजोर विरोध करेगा. बैठक में तेजस्वी ने कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर तक सक्रिय रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची पर विशेष ध्यान दिया जाए. किसी जीवित का नाम न छूटे और किसी मृतक या फर्जी का नाम शामिल न हो, यह सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कार्यकर्ताओं को केवल अपने परिवार ही नहीं बल्कि पड़ोसियों और ग्रामीणों तक का नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाने का जिम्मा दिया.

रोजगार और विकास का बड़ा वादा

तेजस्वी ने बैठक में बिहार के भविष्य की तस्वीर भी पेश की. उन्होंने कहा कि हमें केवल सत्ता हासिल नहीं करनी है बल्कि बिहार को बदलना है. उन्होंने रोजगार को सबसे बड़ा मुद्दा बताया. तेजस्वी ने कहा, “अगर रोजगार के अवसर बिहार में खुलेंगे तो किसी बिहारी को बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी. हमारा सपना है कि हर युवक को अपने गांव और शहर में काम मिले.” तेजस्वी ने वर्तमान सरकार पर भी हमला बोला. उनका आरोप था कि सरकार के पास कोई विजन नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी घोषणाओं की नकल हो रही है, लेकिन असल काम जमीन पर नहीं दिख रहा. इस सरकार की पोल खोलना अब आरजेडी का मकसद है.

दलित और वंचित तबके पर खास फोकस

बैठक में यह भी तय किया गया कि दलित, पिछड़े और वंचित तबके तक राजद का संदेश सबसे पहले पहुंचे. तेजस्वी ने कहा कि यही वर्ग असल ताकत है और इन्हीं को जोड़कर असली बदलाव लाया जा सकता है. तेजस्वी यादव ने हाल में निकली वोटर अधिकार यात्रा की सफलता का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जनता ने इस अभियान को दिल से समर्थन दिया है. इस यात्रा ने कार्यकर्ताओं में नया जोश भर दिया है और यही जोश चुनावी जीत में तब्दील होगा.

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बताते चलें कि राजद की इस बैठक से यह साफ हो गया है कि पार्टी ने अब पूरी तरह से चुनावी मोड अपना लिया है. तेजस्वी यादव ने जो रणनीति बनाई है, वह अनुशासन, संगठन और जनता के जुड़ाव पर आधारित है। उनका लक्ष्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं बल्कि बिहार की तस्वीर बदलना है. ऐसे में अब देखना यह होगा कि बिहार की राजनीति में यह चुनावी तैयारी कितनी असरदार साबित होती है. लेकिन इतना तय है कि राजद ने अभी से अपने पत्ते खोल दिए हैं और आने वाले महीनों में बिहार की राजनीति में गर्माहट और भी बढ़ने वाली है.

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