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बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस की नई रणनीति तैयार... राहुल गांधी-खरगे ने पार्टी नेताओं संग की बैठक, जानें पूरा प्लान

बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के माहौल को साधने के लिए कांग्रेस जल्द नया कार्यक्रम शुरू करेगी. नई दिल्ली में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ आगामी कार्यक्रम, सीट शेयरिंग और चुनाव तैयारियों पर चर्चा की. पार्टी उम्मीदवारों का जल्द ऐलान करेगी ताकि प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिल सके.

10 Sep, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
01:49 AM )
बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस की नई रणनीति तैयार... राहुल गांधी-खरगे ने पार्टी नेताओं संग की बैठक, जानें पूरा प्लान
Souce: X/ Congress

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी सक्रिय हो गई है. बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के बाद बने माहौल को अपने पक्ष में करने के लिए पार्टी जल्द ही नया कार्यक्रम शुरू करेगी. नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रदेश के वरीय नेताओं के साथ बैठक की. बैठक का मुख्य एजेंडा आगामी कार्यक्रम, सीट शेयरिंग और चुनाव की तैयारियों का फीडबैक लेना था.

दरअसल, कांग्रेस पार्टी का मकसद चुनाव के ऐलान से पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बात पहुँचाना है. इसके लिए पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा भी जल्द करने की योजना बना रही है, ताकि उन्हें प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिल सके. स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भी होने वाली है, जिसमें संभावित प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम विचार किया जाएगा.

 बैठक में बनी नई रणनीति

बैठक का नेतृत्व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने किया. बिहार प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने राज्य की वर्तमान स्थिति और आगामी चुनावों की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की. बैठक के बाद बिहार प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने बताया कि बैठक में अब तक के काम की समीक्षा की गई और आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई. प्रदेश के विभिन्न प्रमंडल और जिला स्तर पर जल्द ही पार्टी रैलियों की घोषणा की जाएगी. इन रैलियों में कांग्रेस के शीर्ष नेता जैसे राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे शामिल हो सकते हैं. पार्टी का मानना है कि रैलियों और जनसभा के माध्यम से मतदाताओं तक सीधे पहुंचना और उनका भरोसा जीतना बेहद महत्वपूर्ण है.

सीट शेयरिंग पर भी हुआ मंथन 

महागठबंधन में हाल ही में नए सहयोगी जैसे रालोजपा और झामुमो को शामिल किया गया है. बैठक में सीट शेयरिंग के अलावा आगामी अभियान और घोषणापत्र पर भी चर्चा हुई. कांग्रेस पिछली बार की तरह ही लगभग 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है. कृष्णा अल्लावरू ने कहा कि सीट शेयरिंग पर गठबंधन सहयोगियों के साथ बातचीत सकारात्मक रही है और अच्छी प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि हमलोग अंडरस्टैंडिंग बना लेंगे और सहयोगियों के साथ तालमेल को और मजबूत करेंगे. बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि कांग्रेस इस बार कुछ सीटों में बदलाव कर सकती है, ताकि पिछले चुनावों के अनुभव के आधार पर रणनीति और प्रभावी बन सके.

उम्मीदवार चयन के लिए बनी स्क्रीनिंग कमेटी

बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन, विधायक दल नेता शकील अहमद खान, विधान परिषद दल नेता मदन मोहन झा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह और पार्टी सांसद तारिक अनवर के अलावा अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे. निर्दलीय सांसद पप्पू यादव और उनकी पत्नी रंजीत रंजन के साथ ही कन्हैया कुमार ने भी बैठक में हिस्सा लिया. बिहार विधानसभा चुनाव के लिए गठित स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक बुधवार को दिल्ली में आयोजित की जाएगी. इसमें कमेटी को प्राप्त दावेदारों के आवेदन पर विचार करते हुए संभावित प्रत्याशियों के नाम तय किए जाएंगे.

सीट बंटवारे में हो सकता है बदलाव

पार्टी पिछले चुनावों में मिली कुछ सीटों में बदलाव करना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस लगातार राजद के साथ चर्चा कर रही है. कांग्रेस का संदेश साफ है कि महागठबंधन में किसी प्रकार की खींचतान नहीं होनी चाहिए और सहयोगियों के साथ तालमेल बनाए रखना प्राथमिकता है. प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि सीट बंटवारे में संतुलन बनाए रखने से पार्टी को अधिक प्रभावी तरीके से चुनाव लड़ने में मदद मिलेगी. साथ ही, पार्टी उम्मीदवारों का जल्द ऐलान करने से प्रचार अभियान को बेहतर समय मिलेगा और मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाना आसान होगा.

आगामी कार्यक्रमों पर ध्यान

बैठक में तय हुआ कि पार्टी की ओर से प्रमंडल और जिला स्तर पर जल्दी ही चुनावी रैलियों और जनसभाओं की घोषणा की जाएगी. इन रैलियों में कांग्रेस के शीर्ष नेता भाग लेंगे और मतदाताओं से संवाद करेंगे. पार्टी की रणनीति यह है कि प्रत्येक क्षेत्र में सक्रिय प्रचार के माध्यम से वोटरों तक सीधे पहुंचा जाए और उन्हें कांग्रेस की नीतियों और योजनाओं से अवगत कराया जाए. इसके अलावा, गठबंधन सहयोगियों के साथ अभियान और घोषणापत्र पर भी सामंजस्य बनाए रखा जाएगा. कांग्रेस का यह प्रयास है कि चुनावी रणनीति पूरी तरह संगठित और प्रभावी रहे.

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रणनीति पूरी तरह तैयार करना शुरू कर दिया है. वोटर अधिकार यात्रा से मिले अनुभव और हालिया बैठक में तय रणनीति से साफ है कि पार्टी सक्रिय और व्यवस्थित प्रचार अभियान चलाने वाली है. सीट शेयरिंग, उम्मीदवारों का चयन और गठबंधन सहयोगियों के साथ तालमेल इस चुनाव में कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत साबित हो सकता है.

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ऐसे में बिहार से जुड़े राजनीतिक जानकारों का मानना हैं कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति और सक्रियता महागठबंधन की सफलता में निर्णायक भूमिका निभा सकती है. अब देखना यह होगा कि आगामी रैलियों और घोषणाओं से जनता की प्रतिक्रिया कैसी रहती है और पार्टी कितनी तेजी से अपने संदेश को मतदाताओं तक पहुंचा पाती है.

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