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CM नीतीश अचानक पहुंचे जेडीयू कार्यालय, अमित शाह से मुलाकात के बाद क्या बदल गई चुनावी रणनीति?

बिहार के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार सुबह पटना में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लगभग 20 मिनट तक मुलाकात की. शाम को नीतीश जेडीयू कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं से बातचीत की. जो बिहार की सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है.

CM नीतीश अचानक पहुंचे जेडीयू कार्यालय, अमित शाह से मुलाकात के बाद क्या बदल गई चुनावी रणनीति?
Nitish Kumar (File Photo)

बिहार में विधानसभा चुनाव की सियासी हलचल तेज होती जा रही है. राज्य की राजनीति में हर कदम पर निगाहें जमी हुई हैं. बीजेपी के नेतृत्व वाली सत्ताधारी एनडीए में शामिल सभी दल अपनी पूरी ताकत के साथ चुनावी रणनीति तैयार कर रहे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार बिहार में अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं, ताकि चुनाव से पहले सभी तैयारियां दुरुस्त हों.

गुरुवार को पटना पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के चाणक्य अमित शाह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुलाकात की. यह मुलाकात लगभग 20 मिनट चली, जिसमें दोनों नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर विस्तार से चर्चा की. एनडीए की स्थिति, आपसी समन्वय और जनता के बीच सकारात्मक माहौल बनाने के तरीकों पर भी बातचीत हुई. इसके बाद गुरुवार शाम करीब साढ़े पांच बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के कार्यालय पहुंचे. वहां जेडीयू संगठन की आंतरिक बैठक चल रही थी, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा कर रहे थे. नीतीश के कार्यालय पहुंचते ही संजय झा ने उनका स्वागत किया और वे पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करने लगे.

अचानक JDU ऑफ़िस क्यों पहुंचे CM नीतीश?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगभग 25 मिनट कार्यालय में बिताए, इस दौरान उन्होंने पार्टी के विभिन्न स्तर के कार्यकर्ताओं से बातचीत की और उनका फीडबैक लिया. उन्होंने कार्यकर्ताओं के आवेदन भी देखे और उन पर नियमानुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया. सीएम ने सांगठनिक गतिविधियों की समीक्षा की और प्रसन्नता व्यक्त की. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, पार्टी नेता संजय गांधी, ललन सर्राफ, नवीन आर्य, छोटू सिंह और मुकेश कुमार सहित कई अन्य नेता भी इस दौरान मौजूद रहे. नीतीश कुमार की इस सक्रियता और सीधे संवाद की शैली से यह संदेश जाता है कि वे अपने संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ चुनावी रणनीति पर भी पूरी तरह ध्यान दे रहे हैं. उनके साथ पार्टी नेताओं का होना और कार्यकर्ताओं से संवाद करना पार्टी की अंदरूनी मजबूती का संकेत देता है.

बिहार में शुरू हुई नई चर्चा 

नीतीश कुमार के अचनाक पार्टी कार्यालय पहुंचने पर राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात को लेकर चर्चा तेज हो गई है. एनडीए की स्थिति इस बार पहले की अपेक्षा मजबूत मानी जा रही है और घटक दलों के बीच आपसी समन्वय भी बेहतर हो गया है. केंद्र और राज्य सरकार की हाल की नीतियां, ऐतिहासिक फैसले और समाज के हर वर्ग के हित में निर्णयों ने जनता के बीच सकारात्मक माहौल बनाया है. इस बार चुनाव में एनडीए को किसी भी चुनौती से निपटना आसान नजर आता है.

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बता दें कि नीतीश और अमित शाह की यह बैठक सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात नहीं थी, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए की तैयारी और रणनीति की दिशा को स्पष्ट करने वाली अहम बैठक थी. इसके बाद जेडीयू कार्यालय में सीएम का कार्यकर्ताओं से संवाद और आवेदन देखना यह दिखाता है कि पार्टी संगठन और जनता के बीच संबंध को मजबूत करना भी इस चुनाव की प्राथमिकता है.

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