नीतीश–शाह की मुलाकात के बाद BJP-JDU की डील फाइनल, चिराग और मांझी से अंतिम बातचीत जारी, जल्द होगा सीट बंटवारे का ऐलान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस बैठक में भाजपा के नेताओं के साथ नीतीश के करीबी संजय झा और विजय चौधरी भी मौजूद रहे. सूत्रों के मुताबिक भाजपा और जेडीयू के बीच सीट बंटवारे का शुरुआती खाका तैयार हो गया है और अब लोजपा, हम और आरएलएसपी जैसे सहयोगियों से बातचीत जारी है.
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बिहार की राजनीति में गुरुवार को एक बड़ा मोड़ आया जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. शाह अपने पटना दौरे पर सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने पहुंचे थे, लेकिन अचानक हुई इस मुलाकात ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी. माना जा रहा है कि यह बैठक आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की तैयारियों का हिस्सा है.
इस अहम मुलाकात में बिहार भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ-साथ नीतीश कुमार के दो भरोसेमंद मंत्री संजय झा और विजय चौधरी भी मौजूद रहे. सूत्रों का कहना है कि भाजपा और जेडीयू के बीच सीटों के बंटवारे पर शुरुआती खाका तैयार हो चुका है. अब इस पर लोजपा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी जैसे सहयोगी दलों से भी चर्चा जारी है. गठबंधन के भीतर सभी दलों को संतुलित हिस्सेदारी देने की कवायद चल रही है ताकि किसी तरह की नाराजगी न पनपे.
नवरात्र में हो सकता है सीटों का बंटवारा
बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले सियासी जानकारों का मानना है कि सीट बंटवारे का अंतिम ऐलान नवरात्र के शुभ अवसर पर किया जा सकता है, जिसकी शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है. एनडीए की रणनीति है कि इस मौके पर जनता तक एकजुटता का संदेश पहुंचाया जाए. वहीं, पटना की राजनीति में यह भी चर्चा है कि इसी दौरान आम लोगों को जीएसटी की नई दरों का लाभ मिलना शुरू होगा, जिसे गठबंधन चुनावी मुद्दे के तौर पर भुनाने की कोशिश कर सकता है.
दुर्गा पूजा के बाद चुनाव का ऐलान संभव
विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा अब बस कुछ ही दिनों की दूरी पर है. कयास लगाए जा रहे हैं कि दुर्गा पूजा के बाद कभी भी ऐलान हो सकता है और इस साल छठ पर्व के बाद वोटिंग की संभावना है. ऐसे में सीएम नीतीश-शाह की यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि 2020 के चुनावों में जेडीयू की स्थिति कमजोर रही थी जबकि भाजपा बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. हालांकि, नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी करने से समीकरण दोबारा बदल गए हैं. भाजपा का नेतृत्व चाहता है कि गठबंधन मजबूत बने रहे और विपक्षी गठबंधन INDIA को कड़ी चुनौती दी जा सके. वहीं, नीतीश कुमार भी अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर बेहद सतर्क हैं और उनकी कोशिश यही है कि उन्हें एनडीए में सम्मानजनक हिस्सेदारी मिले.
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बताते चलें कि बिहार की राजनीति में इस समय जो हलचल है, वह साफ संकेत देती है कि आने वाले हफ्तों में सीट बंटवारे, रणनीतियों और गठबंधन की मजबूती को लेकर बड़े फैसले सामने आ सकते हैं. जनता अब बेसब्री से इंतजार कर रही है कि किस तरह का समीकरण बनता है और किसे कितना हिस्सा मिलता है.
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