बिहार चुनाव: भाई तेजस्वी के खिलाफ तेज प्रताप यादव ने चलाया 'प्रेम बाण', राघोपुर से किया उम्मीदवार का ऐलान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में लालू यादव के बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप यादव आमने-सामने हैं. तेज प्रताप ने अपनी पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ के तहत महुआ से चुनाव लड़ते हुए राघोपुर में अपने भाई के खिलाफ प्रेम कुमार यादव को उम्मीदवार बनाया.
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Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव इस बार सिर्फ सियासी मुकाबला नहीं बल्कि एक पारिवारिक जंग का मैदान भी बन गया है. लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव अब एक तरह से आमने-सामने हैं. राजनीति में एक साथ कदम रखने वाले दोनों भाइयों की राहें अब जुदा हो चुकी हैं. तेज प्रताप ने अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ के बैनर तले न सिर्फ महुआ से चुनाव लड़ रहे है बल्कि राघोपुर में अपने ही भाई तेजस्वी के खिलाफ उम्मीदवार उतारकर बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है.
राघोपुर में तेजस्वी के सामने तेज प्रताप ने उतारा उम्मीदवार
तेज प्रताप यादव ने राघोपुर सीट से युवा आरजेडी के पूर्व महासचिव प्रेम कुमार यादव को अपनी पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ का प्रत्याशी घोषित किया है. प्रेम कुमार यादव ने बाकायदा अपना नामांकन दाखिल भी कर दिया है. राघोपुर, जो कभी लालू परिवार का गढ़ माना जाता था, अब भाई-भाई की जंग का केंद्र बन गया है. जानकारी देते चलें कि तेजस्वी यादव ने बुधवार को राघोपुर से नामांकन किया था और अपने हलफनामे में 8.1 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति घोषित की है. वहीं उनकी पत्नी राजश्री उर्फ राचेल आइरिस गोदिन्हो के पास 1.88 करोड़ की संपत्ति बताई गई है.
इस सीट पर पहले चरण में 6 नवंबर को मतदान होना है. ऐसे में राघोपुर का यह मुकाबला बिहार की सबसे हाई-प्रोफाइल सीटों में शामिल हो गया है.
महुआ से मैदान में उतरे तेज प्रताप यादव
तेज प्रताप यादव ने गुरुवार को वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया. उन्होंने नॉमिनेशन के दौरान अपनी दादी मरछिया देवी की तस्वीर हाथ में लेकर जनता के बीच पहुंचकर भावनात्मक संदेश देने की कोशिश की. महुआ से राजद के मौजूदा विधायक मुकेश रौशन फिर से मैदान में हैं, लेकिन इस बार मुकाबला दिलचस्प हो गया है. तेज प्रताप ने कहा कि वह जनता के बीच जाकर विकास और सम्मान की राजनीति करेंगे. नामांकन से पहले तेज प्रताप अपनी मां राबड़ी देवी से आशीर्वाद लेने भी पहुंचे. तस्वीरों में वह मां के पैर छूकर आशीर्वाद लेते नजर आए, जबकि राबड़ी देवी ने बेटे के सिर पर हाथ रखकर जीत की कामना की. यह दृश्य देखकर समर्थकों के बीच भावनात्मक माहौल बन गया.
परिवार में बढ़ती दरार
तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच मतभेदों की चर्चा काफी समय से हो रही थी, लेकिन अब दोनों की राजनीतिक राहें पूरी तरह अलग दिख रही हैं. राघोपुर में प्रत्याशी उतारने के फैसले ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि अब सुलह की कोई गुंजाइश नहीं बची. लालू यादव की पार्टी में जहां तेजस्वी को अगला वारिस माना जा रहा है, वहीं तेज प्रताप अपने नए राजनीतिक सफर को ‘जनता के विश्वास की नई शुरुआत’ बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे अपने बलबूते राजनीति में पहचान बनाएंगे और जनता ही उनका असली सहारा है.
तेज को मिला बहन रोहिणी का साथ
राजनीतिक मतभेदों के बीच तेज प्रताप को परिवार का भावनात्मक समर्थन भी मिल रहा है. उनकी बहन रोहिणी आचार्या ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा– 'तुम्हें दुनिया की सारी खुशियां और सफलता मिले, और तुम हमेशा उजाले की तरह आगे बढ़ते रहो भाई.' रोहिणी का यह संदेश साफ इशारा देता है कि लालू परिवार के भीतर भी समर्थन दो खेमों में बंट चुका है. मां राबड़ी देवी ने भले ही खुलकर कुछ न कहा हो, लेकिन बेटे के लिए उनका आशीर्वाद बहुत कुछ बयान कर गया.
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कई मायनों में ऐतिहासिक साबित होने वाला है. जहां एक ओर एनडीए और महागठबंधन अपनी रणनीति में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर लालू परिवार के दो बेटे एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं. गौरतलब है कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर दो चरण में 6 और 11 नवंबर को मतदान होंगे जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी. गौरतलब है कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर दो चरण में 6 और 11 नवंबर को मतदान होंगे जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी.
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