काव्यात्मक हुआ बिहार चुनाव, पहले मांझी-चिराग, अब उपेंद्र कुशवाहा ने NDA में सीट बंटवारे शायरी के जरिए बयां किया दर्द
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर NDA ने सीटों का बटवारा कर दिया है. जहां बीजेपी और जेडीयू बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी वहीं चिराग के खाते में 29 सीटें गई हैं. इसके अलावा HAM-RLM को 6-6 सीटों से संतोष करना पड़ा है. इसके बाद से तमाम दलों के नेताओं के दर्द बाहर आ रहे हैं. सब कविता और शायरी के माध्यम से अपना संदेश दे रहे हैं.
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बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में विधानसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे की घोषणा कर दी गई है. कहा जा रहा है कि देर शाम तक उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भी कर दिया जाएगा. वहीं सीट शेयरिंग के बाद सहयोगी पार्टियों के दर्द भी सामने आ रहे हैं. यानी कि बिहार चुनाव अब काव्यात्मक होता जा रहा है. तमाम दल अपनी मांगें, दर्द, संदेश और संकेत कविताओं और शायरियों के माध्यम से शेयर कर रहे हैं.
चिराग पासवान की अपने पिता कि पुण्यतिथि पर की गई टिप्पणी और संदेश के बाद जीतन राम मांझी ने भी अपनी मांग कविता के जरिए रखी थी. वहीं अब एनडीए की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को एक्स पर एक शायरी पोस्ट की है. लोग इसे उनकी नाराजगी से जोड़कर देख रहे हैं. हालांकि, उन्होंने अपने आशियां बसाने की भी बात कही है.
सीट शेयरिंग के बाद कुशवाहा ने दो बार किया पोस्ट
पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल नेटवर्किंग एक्स पर पोस्ट किया, "आज बादलों ने फिर साजिश की, जहां मेरा घर था, वहीं बारिश की. अगर फलक को जिद है बिजलियां गिराने की, तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बसाने की."
आज बादलों ने फिर साजिश की,
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLM) October 13, 2025
जहां मेरा घर था वहीं बारिश की .
अगर फलक को जिद है बिजलियां गिराने की,
तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बसाने की ..
इससे पहले भी उन्होंने एक पोस्ट के जरिए सीट बंटवारे को लेकर अपनी नाराजगी जताई है. रविवार की शाम उन्होंने अपने मित्रों और साथियों को संबोधित करते हुए पोस्ट करते हुए लिखा, "प्रिय मित्रों/साथियों, आप सभी से क्षमा चाहता हूं. आपके मन के अनुकूल सीटों की संख्या नहीं हो पाई. मैं समझ रहा हूं, इस निर्णय से अपनी पार्टी के उम्मीदवार होने की इच्छा रखने वाले साथियों सहित हजारों-लाखों लोगों का मन दुखी होगा. आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा. परंतु आप सभी मेरी एवं पार्टी की विवशता और सीमा को बखूबी समझ रहे होंगे."
उन्होंने आगे लिखा, "किसी भी निर्णय के पीछे कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जो बाहर से दिखती हैं, मगर कुछ ऐसी भी होती हैं जो बाहर से नहीं दिखतीं. हम जानते हैं कि अंदर की परिस्थितियों से अनभिज्ञता के कारण आपके मन में मेरे प्रति गुस्सा भी होगा, जो स्वाभाविक भी है."
उन्होंने अंत में अपने समर्थकों से यह भी आग्रह किया कि आप गुस्से को शांत होने दीजिए, फिर आप स्वयं महसूस करेंगे कि फैसला कितना उचित है या अनुचित. फिर कुछ आने वाला समय बताएगा. फिलहाल इतना ही.
'बिहार है तैयार'
वहीं इससे पहले अपने एक और पोस्ट में उपेंद्र कुशवाहा ने सीट बंटवारे पर अपना बयान दिया. उन्होंने कहा था कि "हम एनडीए के सहयोगियों ने आपस में बैठकर सौहार्दपूर्ण वातावरण में सीटों का बंटवारा पूरा कर लिया है. एनडीए के सभी दलों के कार्यकर्ता और नेता इस सर्वसम्मत निर्णय का सहर्ष स्वागत करते हैं. बिहार तैयार है. एक बार फिर एनडीए सरकार."
चिराग का भी 'जुर्म मत सहो' वाला संदेश
वहीं रामविलास पासवान के सुपुत्र चिराग पासवान ने अपने पिता को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक बड़ा संदेश दिया था. उन्होंने X पर क्रिप्टिक मैसेज में कहा कि पापा हमेशा कहा करते थे, जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत. जीना है तो मरना सीखो, कदम-कदम पर लड़ना सीखो...
'दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम...'
इसके अलावा मांझी ने भी अपनी भावनाओं को काव्यात्मक अंदाज में व्यक्त किया. उन्होंने ट्वीट किया, 'हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, HAM वही खुशी से खाएंगे, परिजन पे असी ना उठाएंगे.' इस कविता में उन्होंने न्याय और सम्मान की मांग को खूबसूरती से पेश किया है.
विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए ने रविवार को सीटों के बंटवारे की घोषणा कर दी है. इस बंटवारे के तहत भाजपा और जदयू 101-101 सीट पर चुनाव लड़ेगी, जबकि लोजपा (रामविलास) को 29 सीट और हम और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को छह-छह सीटें मिली हैं.
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गौरतलब हो कि बिहार में दो चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण का चुनाव 6 नवंबर जबकि दूसरे चरण का चुनाव 11 नवंबर को होगा. वहीं 14 नवंबर को नतीजे आएंगे. पहले चरण में 121 सीटों पर जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा.
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