Advertisement

बिहार चुनाव 2025: वोटर लिस्ट में लाखों महिलाओं के नाम कटे, SIR ने बढ़ाई नीतीश की टेंशन, कैश स्कीम करेंगी भरपाई!

Bihar Election: हाल ही में चुनाव आयोग की ओर से जारी फाइनल वोटर लिस्ट ने नीतीश कुमार समेत NDA की टेंशन बढ़ा दी है. इस लिस्ट में 47 लाख से ज्यादा मतदाता बाहर हो गए हैं. जिन वोटर्स के नाम लिस्ट से हटाए गए हैं उनमें ज्यादातर महिलाएं हैं.

03 Oct, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
11:10 PM )
बिहार चुनाव 2025: वोटर लिस्ट में लाखों महिलाओं के नाम कटे, SIR ने बढ़ाई नीतीश की टेंशन, कैश स्कीम करेंगी भरपाई!

पिछले कई विधानसभा चुनावों में महिला वोटर निर्णायक साबित हुई हैं. बिहार की राजनीति में भी तमाम पार्टियों के लिए महिला मतदाता बेहद अहम रहीं. खासकर नीतीश कुमार के लिए तो महिलाएं जीत का फॉर्मूला मानी जाती हैं. ये ही वजह है कि चुनाव से पहले NDA महिलाओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही, लेकिन इस बार JDU के महिला वोट बैंक को बड़ा झटका लग सकता है. 

हाल ही में चुनाव आयोग की ओर से जारी फाइनल वोटर लिस्ट ने नीतीश कुमार समेत NDA की टेंशन बढ़ा दी है. इस लिस्ट में 47 लाख से ज्यादा मतदाता बाहर हो गए हैं. जिन वोटर्स के नाम लिस्ट से हटाए गए हैं उनमें ज्यादातर महिलाएं हैं. 

बिहार में वोटर लिस्ट से कितनी महिलाएं बाहर? 

स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन(SIR) की फाइनल लिस्ट जारी होने के बाद बिहार में अब कुल 7 करोड़ 41 लाख 92 हजार 357 है. इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 3 करोड़ 49 लाख 82 हजार 828 रह गई, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 3 करोड़ 92 लाख 7 हजार है. यानी पुरुषों की तुलना में 42 लाख 24 हजार 172 महिला वोटर्स कम हैं. 

फाइनल रिवीजन के बाद आई लिस्ट में 15.5 लाख पुरुषों के नाम हटे हैं जबकि 22.7 लाख महिलाओं के नाम हटाए गए हैं. यानी फाइनल लिस्ट में पुरुष मतदाताओं में 3.8% की कमी आई है जबकि, महिला मतदाता की संख्या में 6.1% की गिरावट देखी गई है. यानी लगभग आधी संख्या कम हो गई. ये नीतीश कुमार के लिए टेंशन बढ़ाने वाली बात हो सकती है. क्योंकि महिलाएं नीतीश कुमार का पांरपरिक वोट बैंक मानी जाती हैं. नीतीश कुमार की शराबबंदी और सुरक्षा जैसी योजनाओं के चलते शुरू से ही महिलाएं नीतीश कुमार के पक्ष में रहीं. 

बिहार में वोटर लिस्ट से क्यों कटे महिलाओं के नाम? 

चुनाव आयोग के मुताबिक, फाइनल वोटर्स लिस्ट में महिलाओं के नाम काटे जाने के कई कारण हैं. आयोग का कहना है कि, बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं थीं जिनका नाम ससुराल और मायके दोनों जगह दर्ज है. ऐसे में एक जगह से उनका नाम हटाया गया. जबकि कुछ महिलाओं के नाम पूरे डॉक्यूमेंट्स न होने के कारण हटाए गए. जबकि कुछ शादी के बाद दूसरे घर चली गईं लेकिन अभी तक नए पते पर उनका रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया. 

बिहार में किन जिलों में सबसे ज्यादा कटे महिला वोटर्स के नाम? 

  • पटना जिले में 50 हजार महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट से हटे
  • पूर्णिया में करीब 76 हजार महिला वोटर्स कम हुई हैं
  • सुपौल में 40 हजार महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट से हटे 
  • सीवान में 78 हजार महिला वोटर्स के नाम लिस्ट से हटे

बिहार में कुल मिलाकर वोटर्स के नाम कटने के पीछे की वजह मतदाताओं की मृत्यू, एड्रेस बदलने, लापता, डुप्लिकेट नाम दर्ज होने और कम उम्र रही. 

एक जनसभा में PM मोदी ने महिलाओं को उन चार जातियों में शामिल किया था. जिनके आधार पर NDA विकास का पैमाना सेट करने का दंभ भरती है. इन 4 जातियों में गरीब, युवा, किसान और महिलाएं हैं. बिहार में JDU और NDA के लिए महिलाओं ने किसी जाति जैसी ही भूमिका निभाई है. महिलाओं CM नीतीश का मजबूत वोट बैंक बनकर उभरीं. साल 2015 से लेकर 2024 लोकसभा चुनावों तक हर बार महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से ज्यादा रही, लेकिन SIR की प्रक्रिया के बाद महिला वोटर्स घटने से NDA को झटका लग सकता है. ऐसे में सवाल उठने लगा कि, क्या SIR की प्रक्रिया ने नीतीश कुमार के महिला वोट बैंक को कमजोर कर दिया? 

बिहार चुनाव से पहले महिलाओं को छप्पर फाड़ सौगात

बिहार की सत्ता में महिला वोटर्स कितनी अहम हैं ये नीतीश कुमार भी भलि-भांति जानते हैं. ऐसे में वह महिलाओं को अपने पाले में बनाए रखने और वोट को बंटने से रोकने के लिए एक के बाद एक कई ऐलान कर रहे हैं. इनमें जीविका दीदी, आशा वर्कर से लेकर के आंगनबाड़ी में काम करने वाली महिलाओं के खाते में राशि ट्रांसफर करने जैसे कदम शामिल हैं. 

बिहार में महिलाओं के रोजगार सृजन के लिए भी नीतीश कुमार सरकार कई कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है. इस योजना में राज्य की करीब 25 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10 हजार रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे. इसके लिए सरकार ने 2500 करोड़ रुपये जारी किए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल सके. इस योजना में पैसा एक साथ नहीं, बल्कि हर हफ्ते एक निश्चित दिन यानी शुक्रवार को किस्तों के रूप में भेजा जाएगा.

यह भी पढ़ें

3 अक्टूबर से लेकर 26 दिसंबर 2025 तक अलग-अलग तारीखों पर सभी योग्य महिलाओं के खाते में पैसा पहुंच जाएगा. नीतीश कुमार के साथ-साथ BJP भी महिला वोटर्स को साधने पर पूरा फोकस कर रही है लेकिन फाइनल लिस्ट में बड़ी संख्या में महिलाओं का नाम हटाया जाना NDA के समीकरण को बिगाड़ सकता है. 

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें