बिहार चुनाव: मैथिली ठाकुर की जीत नहीं आसान! विरोध में उतरे स्थानीय नेता, BJP आलाकमान को दे डाली चुनौती
मैथिली ठाकुर को टिकट टू पॉलिटिक्स तो आसानी से मिल गया, लेकिन चुनावी डगर आसान नहीं. क्योंकि BJP के स्थानीय नेता ही उनके विरोध में उचर आए.
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बिहार चुनाव में दरभंगा की अलीनगर सीट से BJP ने लोक गायिका मैथिली ठाकुर को टिकट दिया है. अलीनगर की जनता मैथिली ठाकुर का वेलकम करेगी या नहीं ये बाद की बात है. जनता से पहले उन्हें BJP के ही स्थानीय नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
मैथिली ठाकुर एक दिन पहले BJP में शामिल हुईं और दूसरे दिन उन्हें टिकट मिल गया. मैथिली को टिकट टू राजनीति आसानी से मिल गया. जिसके बाद BJP के स्थानीय नेताओं में रोष की लहर है. पार्टी का स्थानीय संगठन अब मैथिली ठाकुर के विरोध में उतर आया है. दरभंगा के सातों मंडल के अध्यक्षों ने मैथिली के खिलाफ नारेबाजी की.
मैथिली ठाकुर के विरोध में क्यों उतरे स्थानीय नेता?
मैथिली ठाकुर को टिकट देने पर स्थानीय नेताओं ने असंतोष जाहिर किया है. उन्होंने कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगाया. सभी मंडल अध्यक्षों का कहना है कि, अलीनगर में संगठन को मजबूत करने वाले कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर बाहरी उम्मीदवार को टिकट दिया गया, जो उचित नहीं है.
मैथिली ठाकुर के खिलाफ नारेबाजी
BJP ने अलीनगर से पूर्व विधायक मिश्री लाल यादव का टिकट काटकर मैथिली को उम्मीदवार बनाया है. चुनाव से कुछ महीने पहले मई में ही मिश्री लाल की विधायकी चली गई थी. उन्हें एक पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद BJP संगठन ने लोकप्रिय चेहरे मैथिली को टिकट दिया.
इसके बाद स्थानीय कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है. कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह नारेबाजी की. मंडल अध्यक्ष बगावत पर उतर आए और इस्तीफे तक की धमकी दे डाली. उनका कहना है कि, पंचायत स्तर से एक-एक बूथ अभियान, एक-एक पंचायत अभियान, अधिकारी, सातों मंडल के अध्यक्ष इस्तीफा दे देंगे. इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं ने BJP आलाकमान को चैलेंज भी कर दिया.
कार्यकर्ताओं ने कहा, हम चुनौती देते हैं कि अलीनगर विधानसभा क्षेत्र में कोई भी NDA को जिताकर दिखा दे. इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं ने ये तक कह दिया कि, अगर NDA की जीत हुई तो वह अलीनगर में अपना चेहरा नहीं दिखाएंगे. कार्यकर्ताओं के भारी विरोध के बीच मैथिली ठाकुर की चुनावी डगर आसान नहीं रहने वाली. जब पार्टी के अंदर ही उनके खिलाफ रोष है.
विरोध के बावजूद BJP ने मैथिली ठाकुर को क्यों दिया टिकट?
मैथिली ठाकुर को बिहार चुनाव में उतारकर BJP ने बड़ा दांव खेला है. पार्टी मैथिली के चेहरे को स्टार प्रचारक के तौर पर भी पेश कर सकती है. पार्टी की कोशिश मिथिलांचल क्षेत्र में मैथिली की लोकप्रियता, खासकर युवाओं और सांस्कृतिक उत्साही लोगों के बीच का फायदा उठाकर अलीनगर सीट पर अपनी स्थिति मजबूत करने की होगी.
कौन हैं मैथिली ठाकुर?
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25 साल की मैथिली ठाकुर मधुबनी की बेनीपट्टी की रहने वाली हैं. मैथिली बिहारी और मिथिलांचल की संस्कृति का बड़ा चेहरा हैं. वह बिहार की मशहूर लोकगायिका हैं. मैथिली की पॉपुलैरिटी देश ही नहीं विदेशों तक हैं. वह विदेशों में भी कॉन्सर्ट करती हैं और बचपन से ही गाने की शौकीन हैं, क्योंकि घर में मैथिली को हमेशा क्लासिकल म्यूजिक का माहौल मिला. पिता रमेश ठाकुर और मां भारती ठाकुर दोनों संगीतकार हैं. दोनों बतौर म्यूजिक टीचर भी काम करते हैं. मैथिली के दोनों भाई भी संगीत की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहते हैं. ठाकुर परिवार को संगीत की तालीम विरासत में मिली. मैथिली के दादा-दादी ने भी संगीत कला में पारंगत थे.
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