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अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे लाभ... CM नीतीश ने JDU कार्यकर्ताओं को दिया सरकार की योजनाओं को घर-घर पहुंचाने के मिशन पर लगने का संदेश

बिहार चुनाव नजदीक हैं और सभी दल तैयारियों में जुट गए हैं. इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में 1159 करोड़ की 17 योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे घर-घर जाकर सरकार के विकास कार्यों की जानकारी दें और चुनावी माहौल में सक्रिय रहें.

06 Sep, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
04:00 AM )
अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे लाभ... CM नीतीश ने JDU कार्यकर्ताओं को दिया सरकार की योजनाओं को घर-घर पहुंचाने के मिशन पर लगने का संदेश
Nitish Kumar (File Photo)

बिहार में विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. अब सिर्फ दो से तीन महीने का वक्त बचा है और सियासी तापमान तेजी से चढ़ रहा है. सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक हर दल चुनावी मैदान में पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है. ऐसे समय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार विकास योजनाओं की झड़ी लगाकर न केवल विपक्ष को जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि जनता के बीच अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी मजबूती से पेश कर रहे हैं.

पटना को दी बड़ी सौगात 

शुक्रवार को पटना जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान बड़ी घोषणाएं कीं. उन्होंने 1159 करोड़ 84 लाख रुपए की लागत से जुड़ी कुल 17 योजनाओं का शिलान्यास, कार्यारंभ और लोकार्पण किया. इस मौके पर सीएम नीतीश ने पालीगंज के सिकरिया गांव में कार्यकर्ताओं से संवाद भी किया. इनमें पुनपुन पिंडदान स्थल पर बने लक्ष्मण झूला केबल सस्पेंशन पुल का उद्घाटन सबसे खास रहा. इसके अलावा पालीगंज प्रखंड के अंतर्गत पुनपुन नदी पर आरसीसी पुल और पहुंच पथ का उद्घाटन भी किया गया. साथ ही पुनपुन स्टेशन से पटना रिंग रोड को जोड़ने वाली सहायक सड़क का निर्माण, पालीगंज के उलार सूर्य मंदिर में पर्यटकीय सुविधाओं का विकास और सोहगी मोड़ से पटना-गया रोड को जोड़ने वाली 2-लेन सड़क जैसी योजनाएं भी शामिल हैं. इन परियोजनाओं से न केवल पटना बल्कि आसपास के क्षेत्रों में आवागमन और पर्यटन को नई गति मिलने की उम्मीद है.

नीतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं को दी नसीहत 

नीतीश कुमार ने साफ कहा कि अब चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं.  इसलिए पार्टी कार्यकर्ता सक्रिय होकर जनता तक सरकार की नीतियों और योजनाओं को पहुंचाएं. उन्होंने राज्य सरकार की कल्याणकारी पहलों का बारीकी से जिक्र किया और भरोसा दिलाया कि आने वाले दिनों में और बड़े काम होंगे. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे घर-घर जाकर बिहार के विकास कार्यों की जानकारी जनता को दें और आगामी चुनावों में लोगों को बताएं कि किस तरह राज्य में तेजी से बदलाव आया है.

अतिपिछड़ा जनसंवाद यात्रा का आगाज

नीतीश सरकार ने हाल ही में ‘अतिपिछड़ा जनसंवाद यात्रा’ की शुरुआत की है. इस यात्रा का मकसद है समाज के उस बड़े तबके को जोड़ना, जो अब तक विकास की मुख्यधारा से पूरी तरह लाभान्वित नहीं हो पाया. यह यात्रा प्रदेश की अलग-अलग विधानसभाओं में बूथ स्तर तक जाएगी और मतदाताओं को बताएगी कि नीतीश सरकार ने अतिपिछड़े वर्ग के लिए कौन-कौन सी योजनाएं शुरू कीं और किस तरह उन्हें ऐतिहासिक लाभ दिलाया गया. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह यात्रा न केवल एक राजनीतिक अभियान है बल्कि चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा भी है. क्योंकि बिहार की राजनीति में अतिपिछड़ा वर्ग हमेशा निर्णायक भूमिका निभाता रहा है.

बिजली और आधारभूत ढांचे में सुधार

नीतीश सरकार ने इस मौके पर ऊर्जा क्षेत्र में भी कई अहम परियोजनाओं का लोकार्पण किया. इसमें विद्युत शक्ति उपकेंद्रों का निर्माण, नई लाइनों की स्थापना, ट्रांसफार्मरों की क्षमता विस्तार और पुरानी लाइनों की रिकंडक्टरिंग जैसे काम शामिल हैं. साथ ही बीजीसीएल डबल सर्किट संचरण लाइन का निर्माण, खगौल ग्रिड उपकेंद्र का आधुनिकीकरण और ‘बे’ निर्माण जैसी तकनीकी परियोजनाएं भी सामने आईं. इन योजनाओं के पूरा होने से पटना और आसपास के इलाकों में बिजली आपूर्ति और भी सुदृढ़ होगी. इससे उद्योग, व्यापार और आम उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा.

चुनावी रणनीति में विकास एजेंडा

विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार ने चुनावी रणनीति के तहत विकास को अपना मुख्य एजेंडा बनाया है. लगातार योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर वह यह संदेश देना चाहते हैं कि उनकी सरकार जनता के भविष्य की दिशा तय कर रही है. विपक्ष जहां महंगाई, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को उछाल रहा है, वहीं नीतीश विकास की झलक दिखाकर अपनी छवि मजबूत करने की कोशिश में हैं.

विपक्ष की चुनौती

हालांकि विपक्ष भी पीछे हटने वाला नहीं है. आरजेडी, कांग्रेस और वामपंथी दल लगातार नीतीश सरकार की योजनाओं को लेकर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि चुनाव से ठीक पहले योजनाओं का लोकार्पण करना महज राजनीतिक नौटंकी है. विपक्ष यह भी आरोप लगा रहा है कि कई परियोजनाओं की घोषणाएं पहले भी हो चुकी हैं लेकिन ज़मीन पर इनका असर अभी तक नहीं दिखा.

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बताते चलें कि बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लगातार विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करना साफ संदेश देता है कि वे चुनाव को सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि विकास की लड़ाई के तौर पर पेश करना चाहते हैं. अतिपिछड़ा जनसंवाद यात्रा और कार्यकर्ताओं से सीधी अपील यही दिखाते हैं कि जदयू जनता के बीच अपनी उपलब्धियों को हर हाल में पहुंचाना चाहता है.

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