अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को पत्र लिख कर फंसा दिया है, चुनाव से पहले चला तगड़ा दांव !
अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सफाई कर्मचारियों के लिए रियायती दरों पर जमीन मुहैया कराने का अनुरोध किया है। दिल्ली सरकार इन जमीनों पर मकान बनाकर देगी, जिसे कर्मचारी आसान किस्तों में चुका सकेंगे। केजरीवाल ने कहा कि इससे कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद सुरक्षित रह सकेंगे
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में 15 दिन से भी कम का वक्त बचा है। राजनीतिक पार्टियां धड़ाधड़ योजनाओं की घोषणा कर रही है। कहीं ना कही दिल्ली का पूरा चुनाव फ्री की रेवड़ियों पर पर टिक गया है, पूरे के केंद्र में फ्री की योजनाएं है। लेकिन इसमें सोचने वाली बात ये है कि बीजेपी हो या कांग्रेस सब केजरीवाल की ही पिच पर बैटिंग कर रही है। और इसी पर केजरीवाल ने भी तंज मारने की अगर फ्री की रेवड़ियां की जनता को लेनी है तो फिर केजरीवाल को दे ही रहा है, डुप्लीकेट की क्या जरुरत है।
टेक्नीकली अगर देखे तो बात तो केजरीवाल की सही है। और अब तो केजरीवाल ने प्रधानमंत्री की जहां झुग्गी वहां मकान का भी तोड़ निकाल लिया है। और बल्कि तोड़ ही नहीं निकाला। बीजेपी को सीधे तौर पर फंसा भी दिया है। फंसा इसलिए दिया है क्योंकि केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में केजरीवाल ने कहा कि उन्हें सफाई कर्मचारियों के लिए मकान बनवाने है।जिसके लिए केंद्र सरकार आप सरकार को जमीन मुहैया करवाए। मतलब जमीन केंद्र सरकार की होगी, और पैसा केजरीवाल सरकार का होगा। जिसकी शुरुआत MCD और NDMC के कर्मचारियों के होगी। इस स्कीम से इन कर्मचारियों के पास रिटायरमेंट के बाद भी अपना घर हो सकेगा।
केजरीवाल ने मोदी को पत्र में लिखा कि "मैं NDMC और MCD क्षेत्रों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के एक अति महत्वपूर्ण मुद्दे पर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। ये कर्मचारी हमारे शहर की स्वच्छता व्यवस्था की रीढ़ हैं। वे नौकरी के दौरान सरकार के उपलब्ध कराए गए आवासों में रहते हैं। लेकिन रिटायरमेंट के बाद उन्हें ये घर खाली करने पड़ते हैं। वे अपना खुद का घर खरीदने या दिल्ली में महंगे किराए पर घर लेने में असमर्थ होते हैं, जिससे वे और उनके परिवार असुरक्षित स्थिति में आ जाते हैं। दिल्ली में जमीन से जुड़े मामले केंद्र सरकार के अधीन आते हैं, इसलिए आपसे अनुरोध है कि केंद्र सरकार सफाई कर्मचारियों के लिए रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराए। दिल्ली सरकार इन जमीनों पर इनके लिए घर बनाकर देगी और कर्मचारी इन घरों की लागत को आसान किस्तों में सरकार को वापस चुका देंगे। केजरीवाल ने इस एक चिट्ठी से बीजेपी की केंद्र सरकार को फंसा दिया है। क्योंकि अगर केंद्र इनकार करेगा तो गरीब विरोधी कहलाएगी। और अगर जमीन देगी को क्रडिट केजरीवाल को जाएगा। क्योंकि आइडिया तो केजरीवाल का है। लेकिन फिर भी देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री मोदी इस चिट्ठी का क्या जवाब देते है।लेकिन यहां अब ये भी समझ लिजिए की दिल्ली में किसके पिटारे में कितना दम है। सबसे पहले बात अगर आप की करें तो ।
पुजारी ग्रंथी योजना के तहत पुजारियों को 18000 रुपए महीना। महिला योजना के तहत महिलाओं को 2100 रुपए महीना।ऑटो ड्राइवर इंश्योरेंस स्कीम में 10 लाख का बीमा, बेटी की शादी के लिए 1 लाख रुपए।छात्रों के लिए फ्री बस योजना। संजीनवी योजना के तहत सरकारी और निजी अस्पतालों में फ्री इलाज। प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड के लिए स्कीम। वहीं अगर कांग्रेस की बात करें तो। स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख का इलाज।प्यारी दीदी योजना के तहत 2500 रुपए महीना। युवा उड़ान योजना के तहत रजिस्टर्ड बेरोजगारों को 8500 रुपए महीना। 300 यूनिट फ्री बिजली का ऐलान।आप और कांग्रेस के रास्ते पर चलते हुए बीजेपी ने भी यही रास्ता अपनाया है। उसने भी अपने पिटारे से फ्री की योजनाएं निकाली है। महिला समृद्धि योजना के तहत महिलाओं को 2500 रुपए महीना।सीएम मैटरनिटी प्रोटेक्शन योजना के तहत गर्भवती महिला को 21 हजार रुपए।
स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख का मुफ्त इलाज।वरिष्ठ नागरिक पेंशन स्कीम। एलपीजी गैस सिलेंडर स्कीम के तहत 500 रुपए में सिलेंडर देने का वादा, होली-दीवाली पर एक एक सिलेंडर फ्री।अटल कैंटीन के तहत 5 रुपए में भरपेट खाना।
तो ऐसे में आप समझ सकते है कि सिर्फ फ्री की रेवडियों पर ही ये चुनाव लड़ा जा रहा है लेकिन इन रेवड़ियों में केजरीवाल कही ना कही आगे दिखाए दे रहे है। खैर 5 फरवरी को चुनाव है और 8 फरवरी को पता चल जाएगा कि किसके पिटारे पर दिल्ली के लोगों ने भरोसा किया है।
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