गा। महाकुंभ के दौरान अखाड़ों का विशेष महत्व होता है। जिसमें साधु-संतों के कुल 13 अखाड़ों द्वारा भाग लिया जाता है। प्राचीन काल से ही इन अखाड़ों की स्नान पर्व की परंपरा चली आ रही है। उन्हीं अखाड़ों में से एक श्रीपंचाग्नि अखाड़ा है।
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न्यूज21 Dec, 202404:06 PMमहाकुंभ के लिए पूरी तरह तैयार श्रीपंचाग्नि अखाड़े, जहां जप-तप में लीन रहते हैं हजारों ब्रह्मचारी
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धर्म ज्ञान21 Dec, 202412:15 AMकौन हैं महिला नागा साध्वियां? जानें महाकुंभ में क्या है उनकी खास भूमिका
महाकुंभ के दौरान महिला नागा साध्वियों का शाही स्नान एक अनोखी परंपरा है, जो धर्म, शक्ति, और साधना का संगम दर्शाती है। ये साध्वियां कठोर तपस्या और त्याग के माध्यम से आत्मिक उन्नति का मार्ग अपनाती हैं। शाही स्नान के दौरान गंगा में डुबकी लगाते समय उनकी उपस्थिति माहौल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है।
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धर्म ज्ञान20 Dec, 202410:38 AMमहाकुंभ से किस नये चेहरे को बनाया जाएगा देश का अगला मोदी ?
मोदी जी को फिर से प्रधानमंत्री बने एक साल भी पूरा नहीं बीता है, फिर अभी से एक नये नेतृत्व की चर्चा क्यों ? इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है, 12 बाद संगम नगरी में होने जा रहा है भव्य, दिव्य और डिजीटल महाकुंभ मेला। अबकी बार के इसी महाकुंभ में तय होगा पीएम मोदी के बाद कौन ? 12 साल पहले 2013 वाली पिक्चर फिर से दोहराई जाएगी, बस फ़र्क़ इतना होगा कि नेतृत्व चेहरा नया होगा। देखिये इस पर हमारी ये ख़ास रिपोर्ट
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महाकुंभ 202519 Dec, 202406:52 PMMahakumbh 2025: त्रिवेणी संगम में ही क्यों होता है शाही स्नान? जानिए इसका महत्व और रहस्य
Mahakumbh 2025: प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर हर 12 वर्षों में लगने वाले महाकुंभ में शाही स्नान का आयोजन होता है। यह स्नान न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। त्रिवेणी संगम में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है, जिसे पवित्रता और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है।
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न्यूज18 Dec, 202410:42 AMयूपी में गरीबी, बेरोजगारी से लोगों को राहत देने के लिए सरकार बनाएं योजनाएं: मायावती
प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन बड़े स्तर पर किया जाता है। इस बार महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। वहीं, इसका समापन 26 फरवरी को होगा। प्रयागराज में शुरू होने जा रहे महाकुंभ का विशेष महत्व है, क्योंकि प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है। यह संगम विश्वभर में प्रसिद्ध है।