Kadak Baat : सीएम योगी-RSS की बड़ी बैठक में हो गया बड़ा फैसला, अखिलेश के छूटे पसीने
लखनऊ में सीएम आवास पर संघ और बीजेपी की समन्वय बैठक हुई. इस दौरान पांच मुद्दों पर बड़ा फैसला लिया गया है।
Follow Us:
योगी की RSS के साथ बैठक में बड़ा फैसला
यूत्रों के मुताबिक इस दौरान तमाम ऐसे फैसले लिए गए, कई बीजेपी ने भी हैरान हो गए क्योंकि कहा जा रहा है कि अब होगा यूपी में असली खेल।इसकी शुरूआत RSS के साथ बैठक कर योगी आदित्यनाथ ने कर दी है। सूत्रों के मुताबिक बैठक में 5 अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है। ये पांच मुद्दे है
सरकार संगठन और संघ के बीच कैसे समन्वय हो, और इसे कैसे मजबूत किया जाए, ताकी कोई ये ना कहे कि संगठन सरकार से बड़ा है, या फिर ये ना कहा जाए की सरकार ही सबकुछ है ।यानी की पहला निशाना केशव प्रसाद मौर्य को आईना दिखाने का था। जो लगतारा योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बीते दिनो लॉबी तैयार कर उनकी कुर्सी हिलाने की कोशिश में लगे थे, संगठन को सरकार से बड़ा बता रहे थे।
बयानबाजी कर केशव ने योगी आदित्यनाथ को आंख दिखाई, उनकी बैठकों से दूरी बनाई। दनादन दिल्ली के दौरे लगाए लेकिन एक झटके में योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली पहुंचकर मोदी शाह को भी समझा दिया और केशव को भी लाइन पर ला दिया। इसके साथ बैठक में चर्चा का दूसरा मुद्दा था ।
लोकसभा चुनाव 2024 में जिन गलतियों से बीजेपी हारी, उन्हें कैसे सुधारा जा सकता है, कैसे उपचुवान में जीत हासिल की जा सकती है।यानी की हार के कारणों को गिनवाया गया। और सीएम योगी ने RSS के साथ मिलकर साफ कर दिया कि अब किसी की बगावत। काम काम में ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी, तीसरा मुद्दा था ।
10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी कैसे जीत हासिल करेगी, जिन सीटों पर चुनौती है वहां किन मुद्दों पर पकड़ कमजोर रही, उसे कैसे सुधारा जाए।यानी की उपचुनाव में जो सीटें अहम है। उनको कैसे जीता जाए। खासकर अयोध्या में हार का क्या कारण है। किसकी वजह से हानि हुई। और कैसे उस नुकसान की भरपाई की जाए गनता से इस मुद्दे पर ध्यान लगाया गया। चौथा मुद्दा था ।
अखिलेश के PDA यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक फॉर्मूले को कैसे तोड़ा जाए. जिससे पार्टी को नुकसान ना हो. यानी की विपक्ष ने जो नैरेटिव सेट किया उसे तोड़ने की रणनीति तो बनाई ही। विपक्ष को मात देने का एजेंडा भी पूरी तरीके से सेट किया गया, पांचवा मुद्दा था।
एक सितंबर से सदस्यता अभियान चलाकर पार्टी से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाए, सरकार के कामों को जनता पर पहुंचाया जाए।
इसके साथ ही अब एक बात और क्लियर हो गई है कि संघ और बीजेपी के बीच अब नाराजगी दूर हो गई है।RSS अब योगी आदित्यनाथ का पूरा साथ उपचुनाव में भी देगा। जिससे अखिलेश यादव की सपा और कांग्रेस की उलटी गिनती होती दिखाई दे रही है। क्योंकि ये बैठक कहीं ना कहीं उपज रहे विपक्ष की जड़े काटने के लिए बुलाई गई। दिल्ली तक मैसेज पहुंचाने के लिए बुलाई गई, बैठक में सांसदों विधायक कार्यकर्ता हर किसी को एक ही टारगेट दिया गया कि उपचुनाव में जीत हासिल तो करवानी ही है। बल्कि पार्टी से ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को भी जोड़ना है। उपचुनाव की जीत ही नेताओं का कद भी तय करने का काम करेगी।
बैठक के बाद BJPने कहा कि -
संघ और बीजेपी ने लगातार दलितों, पिछड़ों सहित समाज के हर वर्ग के लिए बहुत काम किया है बावजूद इसके विपक्ष झूठा नेरेटिव फैला रहा है इसका कारण आपसी खींचतान और कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी है लोकसभा चुनाव के बाद से पार्टी में जिस तरह की बयानबाजी और खींचतान की स्थिति है यह जारी रही तो आगे काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में इन पर तत्काल विराम लगना चाहिए।सामाजिक समीकरण दुरुस्त करने और विपक्ष के एजेंडे को असफल करने के लिए सभी वर्गों के बीच जाना होगा, कार्यकर्ताओं की निराशा दूर करने के साथ ही आयोग, निगम, बोर्डों व पार्षद मनोनयन में पुराने कार्यकर्ताओं को तहजीह देने की बात कही गई।
तो अब संघ संगठन और सरकार का साथ आना यूपी में बड़ा कुछ होने का इशारा दे रहा है। जबसे ये बैठक हुई है अखिलेश यादव के खेमे में बैचेनी बढ़ गई है। क्योंकि अखिलेश यादव बीजेपी की अंदरूनी कलह को भुनाकर अपनी राजनीतिक रोटिया सेक रहे थे। लेकिन अब सबने साथ आकर अखिलेश को उपचुनाव से पहले फंसा दिया है।
Advertisement
यह भी पढ़ें
Advertisement