संचार साथी ऐप डिलीट भी कर सकते हैं... बढ़ते विवाद के बीच सरकार का बड़ा ऐलान, केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने गिनाई खूबियां
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी ऐप को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध पर अपना बयान देते हुए कहा कि 'इसके आधार पर ना कोई जासूसी है, ना कोई कॉल मॉनिटरिंग है. अगर आप चाहते हैं, तो इसे एक्टिवेट करें, अगर आप नहीं चाहते हैं, तो इसे डीएक्टिवेट कर सकते हैं. आप अपनी इच्छा के मुताबिक इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.'
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भारत सरकार ने दूरसंचार विभाग द्वारा नवंबर में संचार साथी ऐप को देश के सभी मोबाइलों में डिफॉल्ट इंस्टॉल किए जाने के फैसलों को लेकर चल रहे विवाद पर बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने कहा है कि इसे फोन में रखना जरूरी नहीं है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि यूजर चाहें, तो इसे डिलीट भी कर सकते हैं. बता दें कि विपक्ष इस ऐप के जरिए सरकार पर जासूसी के आरोप लगा रहा है.
'न कोई जासूसी न कोई कॉल मॉनिटरिंग'
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी ऐप को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध पर अपना बयान देते हुए कहा कि 'इसके आधार पर ना कोई जासूसी है, ना कोई कॉल मॉनिटरिंग है. अगर आप चाहते हैं, तो इसे एक्टिवेट करें, अगर आप नहीं चाहते हैं, तो इसे डीएक्टिवेट कर सकते हैं. आप अपनी इच्छा के मुताबिक इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आपको कोई परेशानी है, तो आप इसे खुद से डिलीट कर सकते हैं.'
देश के हर नागरिक की डिजिटल सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ‘संचार साथी’ ऐप का उद्देश्य है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी निजता की रक्षा कर सके और ऑनलाइन ठगी से सुरक्षित रह सके।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) December 2, 2025
यह एक पूरी तरह स्वैच्छिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था है-यूज़र चाहें तो ऐप को सक्रिय कर इसके लाभ ले सकते…
'यह उपभोक्ता की सुरक्षा की बात है'
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आगे कहा कि 'कोई अनिवार्य नहीं है. अगर आप इस ऐप का उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो इस पर रजिस्टर्ड मत करो, पर हर व्यक्ति को नहीं मालूम कि चोरी से बचाने, फ्रॉड से बचाने के लिए यह ऐप है. यह उपभोक्ता की सुरक्षा की बात है, लेकिन कोई अनिवार्य नहीं है.'
'हर व्यक्ति तक यह ऐप पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है'
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 'इस ऐप को हर व्यक्ति तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन अगर आपको डिलीट करना है. तो आप डिलीट कर दो, नहीं इस्तेमाल करना है, तो रजिस्टर मत करो, जब आप रजिस्टर्ड ही नहीं करोगे, तो एक्टिवेट कैसे होगा.'
विपक्ष पर बोला हमला
केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष द्वारा इस ऐप का विरोध करने और सरकार पर जासूसी का आरोप लगाए जाने पर कहा कि 'जब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं होता है और विपक्ष मुद्दा ढूंढना चाहता है, तो विपक्ष की मदद हम नहीं कर सकते, लेकिन हमारी जिम्मेदारी है, उपभोक्ताओं की मदद और सुरक्षा की.'
क्या है संचार साथी ऐप?
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि 'संचार साथी एक ऐप और पोर्टल है, जिसके आधार पर हर एक उपभोक्ता अपनी सुरक्षा अपने हाथों से कर पाता है. यह जन भागीदारी का एक कदम है, इससे लोगों को आपत्ति नहीं, बल्कि स्वागत करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि 'जब आप मोबाइल फोन खरीदते हो, तो ऐप के आधार पर IMEI नंबर फेक है या असली है. इसका पता संचार साथी ऐप से लगा सकते हैं.'
'पौने 2 करोड़ फर्जी कनेक्शन डिस्कनेक्ट हुए'
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि 'अब तक करीब पौने 2 करोड़ से ज्यादा फर्जी कनेक्शन इस जन भागीदारी ऐप के आधार पर डिस्कनेक्ट हुए हैं. इनमें करीब 20 लाख फोन ऐसे थे, जो चोरी हुए थे, जिन्हें ट्रेस किया गया और साढ़े 7 लाख चोरी फोन को उपभोक्ताओं के हाथ में वापस पहुंचाया गया. इनमें 21 लाख फोन उपभोक्ता के पहचान और रिपोर्ट करने के आधार पर ही डिस्कनेक्ट हुए हैं.'
संचार साथी ऐप अब तक 20 करोड़ डाउनलोड हुए
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बता दें कि संचार साथी पोर्टल के अब तक 20 करोड़ डाउनलोड हुए हैं. इनमें डेढ़ करोड़ से ज्यादा ऐप डाउनलोड हुए हैं. यह सफल इसलिए है, क्योंकि देश का हर नागरिक इस अभियान का साथी बनना चाहता है. वह स्वयं जन भागीदारी के आधार पर अपनी सुरक्षा को नियमित रूप से मजबूत करना चाहता है.
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