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योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी सैनिक स्कूल में बेटियों की एंट्री, आरक्षण से खुला नया अध्याय

CM Yogi: कार्यक्रम के दौरान सैनिक स्कूल के छात्रों द्वारा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया और कई सैन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि और विद्यालयों के विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद रहे

09 Dec, 2025
( Updated: 09 Dec, 2025
05:48 PM )
योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी सैनिक स्कूल में बेटियों की एंट्री, आरक्षण से खुला नया अध्याय
Image Source: Social Media

CM Yogi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज और देश को जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर बांटने की कोशिश करने वालों से बचना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग इतिहास के जयचंद और मीर जाफर की तरह समाज में फूट डालते हैं और जब उन्हें सत्ता मिलती है तो वे केवल अपने और अपने परिवार के हितों को प्राथमिकता देते हैं. मुख्यमंत्री का कहना था कि ऐसे तत्व देश की संपत्ति लूटते हैं, विदेशों में संपत्तियां बनाते हैं और जनता को कमजोर करने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि देश का भला तभी हो सकता है जब भेदभाव खत्म हो और समाज में एकता बनी रहे, क्योंकि तात्कालिक लालच या “लॉलीपॉप” से न समाज का भला होता है और न ही देश का.

जनरल बिपिन रावत को समर्पित ऑडिटोरियम का उद्घाटन


सीएम योगी सैनिक स्कूल गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस कार्यक्रम में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर एक बड़े ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया गया. मुख्यमंत्री ने जनरल रावत की प्रतिमा का अनावरण किया, उनकी स्मृति में प्रकाशित एक पुस्तिका जारी की और उन्हें एक ऐसे सैन्य नायक के रूप में याद किया जिन्होंने देश के लिए असाधारण सेवा दी. चौथी पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए “पंच प्रण” को अपनाने की अपील की और कहा कि जनरल रावत इन प्रणों की भावना को जीवन में उतारने वाले वास्तविक योद्धा थे.

विकसित भारत का सपना और पंच प्रण की आवश्यकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 में आज़ादी के अमृत वर्ष पर पीएम मोदी ने सवाल उठाया था कि देश आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होने पर कैसा होना चाहिए. योगी ने कहा कि कोई भी सच्चा भारतीय गरीब, कमजोर या असुरक्षित भारत नहीं चाहता. हर भारतीय का सपना केवल एक ही हो सकता है एक मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत. उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब हर नागरिक “पंच प्रण” विरासत पर गर्व, गुलामी की मानसिकता का अंत, सेना के प्रति सम्मान, सामाजिक एकता और नागरिक कर्तव्य को अपने जीवन में अपनाए.

विरासत से मिली सीख और इतिहास के नायकों का सम्मान

पहले प्रण का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब वह अपनी विरासत और नायकों का सम्मान करे। उन्होंने श्रीराम, श्रीकृष्ण, महाराणा प्रताप, शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह और रानी लक्ष्मीबाई जैसी ऐतिहासिक हस्तियों के उदाहरण देते हुए कहा कि इन्हीं की परंपरा और साहस के कारण समाज में आत्मविश्वास पैदा होता है। उन्होंने कहा कि अपनी ही विरासत पर गर्व करने में कोई दुविधा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि विकास की यात्रा अपने इतिहास को स्वीकार करने से ही शुरू होती है.

विदेशी आक्रांता महान नहीं - गुलामी की मानसिकता खत्म हो

दूसरे प्रण पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमें विदेशी वस्तुओं और संस्कृतियों के प्रति अंधभक्ति छोड़नी होगी. उन्होंने कहा कि भारत और उत्तर प्रदेश आज तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं और यह सोच भी बदलनी चाहिए कि विदेशी ही श्रेष्ठ होता है. योगी ने कहा कि हमारे इतिहास में महानता हमारे वीरों की है जैसे महाराणा प्रताप, शिवाजी या आधुनिक समय में जनरल बिपिन रावत न कि किसी विदेशी आक्रांता की. उनके अनुसार, सच्ची स्वतंत्रता तभी मिलेगी जब हम मानसिक रूप से भी आज़ाद होंगे.
 
सेना के प्रति सम्मान - क्योंकि वे ही सुरक्षा की ढाल हैं


सीएम योगी ने तीसरे प्रण पर बात करते हुए कहा कि हम चैन की नींद इसलिए सो पाते हैं क्योंकि सेना के जवान सीमाओं की रक्षा करते हैं, अर्धसैनिक बल गश्त करते हैं और पुलिस दिन-रात मेहनत करती है. उन्होंने इस धारणा को गलत बताया कि किसी एक व्यक्ति की गलती से पूरी फोर्स को दोषी ठहराया जाए. उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रत्येक रक्षक का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है.

सामाजिक एकता - भारतीयता का भाव ही राष्ट्र को जोड़ता है

चौथे प्रण के तहत उन्होंने कहा कि देश तभी तेज़ी से आगे बढ़ सकता है जब समाज में एकता हो और हर नागरिक अपने भीतर भारतीयता का भाव रखे. उन्होंने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का एक विचार साझा करते हुए कहा कि “मेरी पहली और आखिरी पहचान भारतीय की है.” मुख्यमंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति भारतीयता को स्वीकार नहीं करता, वह राष्ट्र से जुड़ा नहीं रह पाता.
 

नागरिक कर्तव्य - जिस देश के लोग सजग हो जाएँ, वही देश महान बनता है


पाँचवे प्रण पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देश में अधिकारों की बात बहुत होती है, लेकिन कर्तव्यों को अक्सर भुला दिया जाता है. उन्होंने कहा कि जनरल बिपिन रावत हमेशा बताते थे कि कर्तव्य को निभाते हुए ही सेना देश की रक्षा कर पाती है. किसी भी देश की मजबूती उसके नागरिकों की जिम्मेदारी निभाने की आदत से तय होती है. उन्होंने कहा कि जहां-जहां ट्रेड यूनियनें गलत दिशा में बढ़ीं, वहां व्यवस्था बिगड़ी. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि गोरखपुर का खाद कारखाना ट्रेड यूनियन विवाद के कारण बंद हो गया था और इसे फिर से शुरू करने में 20 साल का संघर्ष लगा.


सैनिक स्कूल गोरखपुर में आधुनिक सुविधाएँ और बेटियों को अवसर


अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने गोरखपुर सैनिक स्कूल को अपने विशेष प्रोजेक्ट्स में से एक बताया। उन्होंने कहा कि यह स्कूल अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है और यहाँ लड़कों के साथ लड़कियों के लिए भी आवासीय शिक्षा की व्यवस्था है. 2018 में उन्होंने बालिकाओं के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान किया था, जिससे आज बड़ी संख्या में बेटियाँ यहाँ पढ़ रही हैं. उन्होंने बताया कि स्कूल के अनुशासन और शिक्षा पद्धति से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भी प्रभावित हुई थीं.


अनुशासन का महत्व - बिना अनुशासन जीवन में अव्यवस्था आती है


सीएम योगी ने कहा कि जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है. उन्होंने समझाया कि जहां अनुशासन नहीं होता, वहाँ अव्यवस्था और अराजकता प्रवेश कर जाती है. उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि जनरल बिपिन रावत का जीवन अनुशासन, समर्पण और साहस का आदर्श उदाहरण है, और हर व्यक्ति उनसे प्रेरणा ले सकता है.

जनरल बिपिन रावत: समर्पण और साहस का प्रतीक


मुख्यमंत्री ने जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनमें मातृभूमि के प्रति अद्भुत समर्पण था. वे सहज, सरल और दृढ़ निर्णय लेने वाले नेता थे. उनकी अगुवाई में सेना ने कई बड़े ऑपरेशन किए और महत्वपूर्ण सुधार लागू किए. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके नाम पर बनाया गया यह ऑडिटोरियम आने वाली पीढ़ियों को उनकी स्मृति और योगदान की याद दिलाता रहेगा.

हर साल 8 दिसंबर को ‘प्रेरणा दिवस’ मनाने का प्रस्ताव


सीएम योगी ने घोषणा की कि सैनिक स्कूल गोरखपुर को हर वर्ष 8 दिसंबर को जनरल बिपिन रावत और अन्य शहीदों की स्मृति में “प्रेरणा दिवस” मनाना चाहिए .उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को देशभक्ति, सेवा और जिम्मेदारी के मूल्यों से जोड़ते हैं. कार्यक्रम में उन्होंने जनरल रावत की पुत्रियों कृतिका और तारिणी रावत को सम्मानित भी किया.


अतिथियों के विचार और कार्यक्रम का माहौल


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कार्यक्रम में उपस्थित असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा ने कहा कि जनरल बिपिन रावत का योगदान हमेशा स्वर्ण अक्षरों में दर्ज रहेगा और वे सैनिकों के लिए प्रेरणा का प्रतीक हैं. पूर्व वायुसेना प्रमुख और GBR फाउंडेशन के अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि यह ऑडिटोरियम आने वाली पीढ़ियों को जनरल रावत की कार्यशैली और समर्पण से परिचित कराता रहेगा. कार्यक्रम के दौरान सैनिक स्कूल के छात्रों द्वारा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया और कई सैन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि और विद्यालयों के विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद रहे.

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