योगी आदित्यनाथ ने स्टूडेंट को दी सलाह, मोबाइल से हटकर किताबों से जुड़ें
UP: मुख्यमंत्री ने यह बातें मंगलवार को कॉल्विन तालुकेदार्स कॉलेज में आयोजित 134वीं वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता के समापन समारोह के दौरान विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहीं.
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CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसी भी समाज की प्रगति के लिए उसके गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेना बहुत जरूरी होता है. उन्होंने साफ कहा कि इतिहास में अगर कहीं कोई गलती हुई है, तो उसे समय रहते सुधारना चाहिए. अच्छे कार्यों और आदर्शों को अपनाकर ही समाज आगे बढ़ सकता है. मुख्यमंत्री ने यह बातें मंगलवार को कॉल्विन तालुकेदार्स कॉलेज में आयोजित 134वीं वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता के समापन समारोह के दौरान विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहीं.
संस्कृति और परंपराओं ने भारत को जोड़े रखा
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत ने अपनी संस्कृति और परंपराओं को पर्व - त्योहारों के माध्यम से सहेज कर रखा है. राजनीति अपना काम करती रही, लेकिन समाज के नेतृत्वकर्ताओं और राजे-रजवाड़ों ने संस्कृति में दखल नहीं दिया, बल्कि उसके संरक्षण और विकास में योगदान दिया. यही वजह है कि भारत की सांस्कृतिक पहचान आज भी मजबूत बनी हुई है.
मार्च पास्ट देखकर आजाद हिंद फौज की याद आई
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के मार्च पास्ट की सराहना करते हुए कहा कि उनका अनुशासन, एकजुटता और कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने का जज्बा देखकर ऐसा लगा जैसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आह्वान पर आजाद हिंद फौज के युवा देश की आजादी के लिए तैयार खड़े हों. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में राष्ट्रभक्ति, अनुशासन और आत्मविश्वास पैदा करते हैं.
संस्था के पूर्व अध्यक्ष को दी श्रद्धांजलि
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष कुंवर आनंद सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि उनसे कई बार संस्था के विकास को लेकर चर्चा हुई थी. आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके योगदान और स्मृतियां हमेशा जीवित रहेंगी.
शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी समाज को जोड़ना
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज को तोड़ने वाले तत्व हमेशा रहते हैं, लेकिन समाज को जोड़ने का काम शिक्षण संस्थानों का होता है. उन्होंने बताया कि जब वर्ष 1889 में इस कॉलेज की स्थापना हुई होगी, तब देश कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा था. उस दौर में वंदे मातरम् जैसे विचारों ने लोगों के मन में आजादी की भावना जगाई.
वंदे मातरम् और स्वतंत्रता आंदोलन का जिक्र
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 1857 के बाद गुलामी को स्थायी मान लिया गया था, लेकिन बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने अपने उपन्यास आनंदमठ के माध्यम से वंदे मातरम् जैसी अमर रचना देश को दी. बाद में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा इसे स्वर देने के बाद यह आजादी के आंदोलन का मंत्र बन गया.
हाउस सिस्टम से जीवित रखी गई भारत की विरासत
मुख्यमंत्री ने कॉलेज द्वारा हाउस सिस्टम के लिए अजंता, नालंदा, तक्षशिला, सांची और उज्जैन जैसे ऐतिहासिक नाम रखने की सराहना की। उन्होंने कहा कि तक्षशिला दुनिया के प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में से एक था, नालंदा ज्ञान का केंद्र रहा, उज्जैन खगोल विज्ञान के लिए प्रसिद्ध था और अजंता-सांची भारत की स्थापत्य कला की पहचान हैं. इन मूल्यों पर आधारित शिक्षा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में मदद करती है
यह साल ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि यह वर्ष देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. गुरु तेगबहादुर जी की 350वीं शहादत, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 350वीं जयंती, वंदे मातरम् के 150 वर्ष, सरदार पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और भारतीय संविधान के 75 वर्ष देश के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाते हैं
पर्व-त्योहार समाज को जोड़ने का माध्यम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम के अयोध्या लौटने का उत्सव सिर्फ अयोध्या तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे देश ने दीपावली के रूप में इसे मनाया. होली सामाजिक समरसता का पर्व बनी. ये पर्व समाज को जोड़ने का काम करते हैं.
विद्यार्थियों को अनुशासन और परिश्रम का मंत्र
मुख्यमंत्री योगी ने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए अनुशासन और मेहनत का कोई विकल्प नहीं है. नियमित पढ़ाई के साथ किसी रचनात्मक गतिविधि से जुड़ना जरूरी है. समय पर उठना, समय पर सोना और संतुलित दिनचर्या स्वस्थ जीवन की कुंजी है.
सोशल मीडिया से दूरी, किताबों से दोस्ती
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को सोशल मीडिया और स्मार्टफोन के सीमित उपयोग की सलाह दी. उन्होंने कहा कि आधे घंटे से ज्यादा इनका इस्तेमाल न करें. ज्ञान और भाषा का विकास अखबार और अच्छी किxताबों से होता है, इसलिए लाइब्रेरी जाकर ऐतिहासिक और पौराणिक ग्रंथ जरूर पढ़ें.
खेल और तकनीक दोनों जरूरी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में खेलों को नई पहचान मिली है. खेलो इंडिया, फिट इंडिया जैसे अभियानों से खेल संस्कृति मजबूत हुई है. हर गांव में खेल मैदान और स्टेडियम होना चाहिए.
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साथ ही उन्होंने कहा कि तकनीक के इस दौर में AI, ड्रोन और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं. तकनीक हमें आगे बढ़ाए, लेकिन हम तकनीक के गुलाम न बनें.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश साफ है - इतिहास से प्रेरणा, अनुशासन से सफलता और तकनीक के साथ संतुलन ही देश और समाज को आगे ले जाने का रास्ता है.
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