'अद्भुत, प्राचीन, ग्रेट फ्रेंड मोदी...', ट्रेड और टैरिफ पर धमकियों के आगे नहीं झुका भारत, ट्रंप के बदल गए सुर!
ट्रेड डील और रूस के साथ संबंधों पर भारत के स्टैंड और स्वतंत्र विदेश नीति से समझौता न करने की परंपरागत नीति के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की है. ट्रंप ने अपने हालिया बयान में पीएम मोदी को अपना ग्रेट फ्रेंड यानी ‘महान मित्र’ करार दिया है. बड़ा सवाल ये कि क्या अमेरिका की अक्ल ठिकाने लग गई है?
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भारत और अमेरिका के रिश्ते इन दिनों उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत के प्रति अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल, टैरिफ और पेनाल्टी लगाना और भारत–पाक के द्विपक्षीय मामलों में जबरन बयानबाजी कर क्रेडिट लेने की कोशिश ने रिश्तों को अर्श से फर्श पर ला दिया है. व्हाइट हाउस के बयानों से इतर दोनों देशों के बीच विभागीय, मंत्रालयी सहित मुद्दा-आधारित संबंध अब भी बरकरार हैं.
दोनों देशों के कूटनीतिक मामलों के जानकारों ने साफ कहा है कि ट्रंप के चार साल इंडिया–यूएस संबंधों के 40 साल के इतिहास पर भारी नहीं पड़ने देने चाहिए और न ही पड़ेंगे. हालांकि ट्रंप अब तक बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे थे, लेकिन ऐसा लगता है कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में हिंदुस्तान को लेकर ट्रंप के सुर बदलने लगे हैं.
दरअसल, ट्रेड डील और रूस के साथ संबंधों पर भारत के स्टैंड और स्वतंत्र विदेश नीति से समझौता न करने की परंपरागत नीति के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की है. ट्रंप ने अपने हालिया बयान में पीएम मोदी को अपना ग्रेट फ्रेंड यानी ‘महान मित्र’ करार दिया है. इतना ही नहीं, भारत को चीनी खेमे में जाने की बधाई और शुभकामनाएं देने वाले ट्रंप ने अपने स्टैंड से यू-टर्न ले लिया है. बदले रुख के बीच अब उन्होंने कहा है कि भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका का बेहद महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है. ट्रंप के इस हालिया बयान की जानकारी भारत में अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने आधिकारिक हैंडल के माध्यम से साझा की है, जिसमें पीएम मोदी और ट्रंप को साथ में हाथ मिलाते हुए दिखाया गया है.
भारत एक ‘अद्भुत देश’: ट्रंप
आपको बता दें कि भारत में अमेरिकी दूतावास ने अपने राष्ट्रपति के बयान को कोट करते हुए X पर पोस्ट किया और बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक करार दिया है. पोस्ट में लिखा गया, “भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक का घर है. यह एक अद्भुत देश है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है. हमें प्रधानमंत्री मोदी के रूप में एक महान मित्र मिला है.”- प्रेसिडेंट डोनाल्ड जे. ट्रंप
ट्रंप और मोदी के बीच हाल ही में हुई बातचीत
आपको बता दें कि इसी महीने 11 दिसंबर को राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को और गति देने पर चर्चा की थी. यह बातचीत ऐसे समय में हुई थी, जब भारत और अमेरिका के वार्ताकार प्रस्तावित ट्रेड डील पर अगले दौर की बातचीत कर रहे थे. यह सब ऐसे वक्त हुआ, जब दोनों पक्षों की ओर से रिश्ते सुधारने के प्रयास लगातार जारी हैं.
पीएम मोदी ने इस बारे में जानकारी देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा था कि, “राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बहुत अच्छी और सार्थक बातचीत हुई. हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा की. भारत और अमेरिका वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए मिलकर काम करते रहेंगे.”
द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर भारत-अमेरिका का जोर
इस दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत–अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में हुई प्रगति की समीक्षा की थी और सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के लगातार मजबूत होने पर संतोष व्यक्त किया था. पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के साझा प्रयासों में गति बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया. इसके अलावा, दोनों नेताओं ने भारत–अमेरिका नीति के तहत टेक्नोलॉजी, ऊर्जा, रक्षा एवं सुरक्षा और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया था.
नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा की और साझा चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ समान हितों को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई. इसके साथ ही दोनों नेता संपर्क में बने रहने पर भी सहमत हुए थे.
रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने की उम्मीद!
कहा जा रहा है कि ट्रंप और मोदी की बातचीत के बाद ट्रंप द्वारा भारत की तारीफ रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने की कोशिश है और ट्रेड डील पर दोनों पक्षों की सख्ती में ब्रीदिंग स्पेस देने का प्रयास है. अगर दोनों देशों के बीच बातचीत सफल होती है, तो भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 50 प्रतिशत तक के भारी-भरकम टैरिफ और पेनाल्टी से राहत मिलने की उम्मीद है. आपको बता दें कि अगस्त में अमेरिका ने भारत पर लगाए गए टैरिफ को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था. इसमें 25 प्रतिशत पेनाल्टी रूसी कच्चे तेल की खरीद को लेकर लगाई गई थी.
संबंध सुधारने की कवायद तेज
आपको बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने की कोशिशें तेज हो गई हैं. अधिकारियों के मुताबिक, फोन पर हुई बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत–अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की. वहीं, पुतिन के भारत दौरे के तुरंत बाद ट्रंप प्रशासन के कई उच्च अधिकारियों और डेलिगेशन ने भी भारत का दौरा किया था.
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