क्या राष्ट्रपति प्रधानमंत्री से इस्तीफा करवाएगा...? पीएम, सीएम और मंत्री को हटाए जाने वाले बिल पर ओवैसी ने उठाए कई सवाल
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए पीएम, सीएम और मंत्रियों को 30 दिन की जेल के बाद हटाए जाने वाले बिल पर सवाल उठाया है.
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केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पीएम, सीएम और मंत्री के 30 दिन से ज्यादा जेल में रहने वाले विधेयक का विपक्षी दलों द्वारा विरोध लगातार जारी है. हर एक मुद्दे पर अपनी राय रखने वाले हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस बिल पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है कि सारी सरकारी एजेंसियों की नियुक्ति और तैनाती केंद्र सरकार के आदेश पर होती है. जब तक उनकी नियुक्ति स्वतंत्र रूप से नहीं होती है, तब तक यह केंद्र के अधीन में ही काम करेंगी. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि यह एजेंसियां सरकार के इशारे पर ही काम कर रही हैं.
पीएम, सीएम और मंत्रियों को हटाने वाले विधेयक पर ओवैसी ने उठाए सवाल
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने संविधान का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से पूछा है कि 'मंत्री परिषद के परामर्श पर काम करने वाले राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को कैसे हटा सकते हैं? उन्होंने केंद्र सरकार द्वार 130वें संविधान संशोधन में कई सारी खामियां गिनाते हुए सवाल उठाए. ओवैसी ने कहा कि 'जब तक जांच एजेंसियों की नियुक्ति स्वतंत्र रूप से नहीं होती, तब तक यह सवाल उठते रहेंगे कि यह इनके आधीन काम कर रहे हैं. यूपीए के टाइम भी ऐसा ही चल रहा था. अब आप हमारी पुलिस को ही देख लीजिए, SI से लेकर DGP और अन्य पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर से लेकर नियुक्तियों की सहमति या फिर उनकी पसंद के आधार पर ही होता है. चाहे वह जाति के आधार पर हो, क्षेत्र के आधार पर हो. ऐसे में यह सवाल उठेगा ही कि वह किसके इशारे पर काम कर रहे हैं.?'
'संविधान में टकराव की स्थिति बन सकती है'
हैदराबाद के सांसद ने इस बिल के चलते संविधान में टकराव की स्थिति उत्पन्न होने की बात कही है. उन्होंने कहा कि 'संविधान में आर्टिकल है कि राष्ट्रपति, मंत्रिपरिषद के परामर्श के आधार पर काम करता है और यह बिल यह कह रहा है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को इस्तीफा करवाएगा. यह कैसे हो सकता है? यह तो संविधान में टकराव कि स्थिति है. आप जमीनी हकीकत पर आइए कि क्या कोई राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को इस्तीफा दिलवा सकता है?'
क्या है 130वें संविधान का प्रावधान
बता दें कि बीते बुधवार को केंद्र सरकार द्वारा संसद में 130वें संविधान संशोधन को लेकर विधेयक पेश किया गया. इसके तहत यह प्रावधान है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री किसी भी गंभीर अपराध के तहत 30 दिनों के लिए जेल में रह लेता है, तो ऐसे में उसका अपराध सिद्ध न होने की स्थिति में भी उसे पद से हटाया जा सकता है. इस बिल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा संसद में पेश किया गया था, इसके बाद विपक्षी दलों ने बिल का विरोध जताते हुए जमकर हंगामा किया था. इस बिल को अब संसद की संयुक्त समिति में भेजने का फैसला लिया गया है. वहीं India अलायंस को बड़ा झटका लगा है. इसमें तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और शिवसेना उद्धव गुट ने समिति में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
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