राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम में क्यों नहीं पहुंचे बजरंग दल के प्रमुख विनय कटियार? सामने आई बड़ी वजह
बजरंग दल के संस्थापक विनय कटियार प्रभु श्री राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है कि वह नाराज चल रहे थे, लेकिन अब खुद विनय कटियार ने नाराजगी की वजह को खारिज करते हुए बताया कि उन्हें अपने इलाज के लिए कानपुर जाना था, इसलिए वह अयोध्या से निकल आए.
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अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर का निर्माण संपूर्ण होने के बाद 25 नवंबर को धर्म ध्वजारोहण समारोह हुआ. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत और सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा देश के कई राज्यों से आए साधु-संत, RSS कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी शामिल हुए. इन सबके बीच बजरंग दल के संस्थापक और राम मंदिर आंदोलन में शामिल रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक विनय कटियार निमंत्रण मिलने के बाद भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. जिसके बाद सोशल मीडिया पर तमाम तरह की बातें चल रही हैं. इस बीच मीडिया से बातचीत में विनय कटियार ने खुद सामने आकर कार्यक्रम में न जाने की वजहों पर खुलकर अपनी बात कही है.
ध्वजारोहण कार्यक्रम में क्यों नहीं शामिल हुए विनय कटियार?
बजरंग दल के संस्थापक विनय कटियार प्रभु श्री राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है कि वह नाराज चल रहे थे, लेकिन अब खुद विनय कटियार ने नाराजगी की वजह को खारिज करते हुए बताया कि उन्हें अपने इलाज के लिए कानपुर जाना था, इसलिए वह अयोध्या से निकल आए. अपने लखनऊ स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि 'सब लोग तो वहां आ गए थे, उन्हें भी निमंत्रण आया था, लेकिन वह गए नहीं.' कटियार ने आगे कहा कि 'अरे कहां झंझट में पड़े, मंदिर तो बन ही गया, केवल झंडा फहराना है. देश के प्रधानमंत्री आ गए और भी प्रमुख लोग आए. हमारे घर से उसका शिखर दिखाई देता है, उन्होंने झंडा फहरा दिया, हम उसके बाद यहां चले आए.'
नाराजगी के सवालों पर भी दिया जवाब
मीडिया से बातचीत के दौरान पत्रकार ने कटियार से उनके मन की बात निकालने की काफी कोशिश की. इस दौरान पत्रकार ने जब कटियार से नाराजगी से जुड़े सवाल पूछे तो उन्होंने जवाब दिया कि 'कोई अंदर की बात नहीं है. हम फ्रीस्टाइल आदमी हैं. मंदिर ही बनवाया है. उसमें सब लोग पहुंच गए और हम निकल आए थे, चारों तरफ रोड जाम कर दिए गए थे, प्रधानमंत्री आए हैं, स्वाभाविक है, उनकी भी सुरक्षा का सवाल है. वह किसी भी तरह से असंतुष्ट नहीं है.'
500 साल का इंतजार खत्म
अयोध्या के प्रभु श्री राम मंदिर पर ध्वजारोहण के साथ ही सनातन धर्मियों के लिए 500 साल का इंतजार मंगलवार को खत्म हो गया. करीब 700 सौ टन के 44 फीट लंबे दंड पर पीएम मोदी ने अपने हाथों से ध्वज फहराया. यह कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में ठीक 11:45 पर हुआ. इस दौरान पीएम मोदी के रिमोट दबाते ही ध्वज लगभग 4 मिनट में शिखर पर पहुंच गया. उसके बाद पूरे परिसर में जय श्री राम के नारे गूंजने लगें. बता दें कि अब प्रभु श्री राम मंदिर का निर्माण संपूर्ण हो गया है.
कैसा दिखता है प्रभु श्री राम मंदिर का धर्म ध्वजा?
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अयोध्या के प्रभु श्री राम मंदिर में 10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबे समकोण वाले तिकोने झंडे का आरोहण त्रेता युग के बाद पहली बार हुआ है. इस ध्वज में भगवान श्री राम की प्रतिमा और वीरता का प्रतीक चमकते हुए सूरज की तस्वीर है. इस पर कोविदार पेड़ की तस्वीर के साथ 'ओम' भी लिखा है. वहीं पुराणों के अनुसार, कोविदार रामराज्य के ध्वज में अंकित राजचिह्न है. इसी के साथ 25 नवंबर का दिन इतिहास में दर्ज हो गया.
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