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आगरा पुलिस ने क्यों मंगाए 1000 नए डंडे, क्या है लोहे की जालियों से लैस गाड़ियां मंगाने की वजह?

12 अप्रैल को राणा सांगा की जयंती से पहले आगरा जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है. यह कार्यक्रम करणी सेना द्वारा मनाया जाएगा. जिसको लेकर आशंका व्यक्त की गई है कि माहौल खराब हो सकता है. यही वजह है कि जिला प्रशासन की टीम ने 1,000 डंडे और हेलमेट के अलावा लोहे से लैस कई गाड़ियों को मंगाया है.

कल यानी 12 अप्रैल को यूपी के आगरा शहर में करणी सेना द्वारा राणा सांगा की जयंती मनाई जाएगी. जिसको लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है. इस अवसर पर कोई वाद विवाद न हो. इसको लेकर पुलिस-प्रशासन ने 1000 नए डंडे व हेलमेट मंगवाए हैं. दरअसल, सपा सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा राणा सांगा के अपमान को लेकर हाल ही में उनके घर पर उग्र प्रदर्शन व तोड़फोड़ हुआ था. यही वजह है कि किसी भी हिंसक स्थिति से निपटने व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन कई दिनों पहले से ही तैयारी में जुट गया है. ताकि सुरक्षा में कोई भी कमी न रहे. 

राणा सांगा जयंती से पहले आगरा जिला प्रशासन अलर्ट 

12 अप्रैल को राणा सांगा की जयंती से पहले आगरा जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है. यह कार्यक्रम करणी सेना द्वारा मनाया जाएगा. जिसको लेकर आशंका व्यक्त  की गई है कि माहौल खराब हो सकता है. यही वजह है कि जिला प्रशासन की टीम ने 1,000 डंडे और हेलमेट के अलावा लोहे से लैस कई गाड़ियों को मंगाया है. उच्च अधिकारियों द्वारा इन डंडे और हेलमेट की गुणवत्ता की टेस्टिंग की गई है. टेस्टिंग के बाद आगरा के विभिन्न थाने में मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को सौंप दिया गया है. इसके अलावा यूपी पुलिस के अधिकारियों और जवानों ने किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल भी की है. वही जवानों की सुरक्षा के लिहाज से जालीदार गाड़ियों को भी मंगाया गया है. ताकि किसी भी पथराव या हमले से जवान सुरक्षित रहें. कार्यक्रम के आसपास सभी जगहों पर बैरिकेडिंग की गई है. संवेदनशील इलाकों में पुलिस का पहरा देखने को मिल रहा है.

यूपी पुलिस के साथ PAC और RAF की कई कंपनियां तैनात 

करणी सेना के इस बड़े कार्यक्रम को देखते हुए. यूपी पुलिस ने सुरक्षा का पूरा फुलप्रूफ प्लान तैयार किया है. इसमें यूपी पुलिस कर्मियों के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की एक कंपनी और PAC की आठ कंपनियों को कार्यक्रम स्थल से लेकर रामजीलाल सुमन तक के आवास तक तैनात किया गया है. पुलिस प्रशासन किसी भी कीमत पर माहौल न बिगड़ने पाए इसको लेकर बड़ी तैयारी में है.

हिंसा और कानून व्यवस्था खराब करने वालों पर पुलिस की पैनी नजर 

बता दें कि आगरा पुलिस कमिश्नरेट के एडिशनल सीपी संजीव त्यागी ने बताया कि "जो कोई भी हिंसा या अव्यवस्था फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. उन पर हमारी पहले से नजर है. ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. बाकी कुछ चिन्हित लोगों को हमने नोटिस थमा दिया है. पुलिस सिर्फ मैदान पर ही नहीं. बल्कि सोशल मीडिया पर भी अपनी पैनी नजर बनाए रखेगी. जिनके भी द्वारा भड़काऊ, हिंसात्मक और समाज को बांटने वाली पोस्ट की जा रही है. ऐसे कुल 1300 लोगों को नोटिस थमाया जा चुका है. हमारी डिजिटल टीम किसी भी विवादित पोस्ट पर लगातार मॉनिटरिंग कर रही है." पुलिस प्रशासन का यह भी कहना है कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है. जनसभा को शांतिपूर्ण कराने की हमारी पूरी योजना है. हमने तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की है. ताकि कोई शरारती तत्व माहौल खराब ना कर सके.

आगरा में किस जगह मनाई जाएगी राणा सांगा की जयंती

बता दें कि आगरा जिले के गढ़ी रामी गांव में 12 अप्रैल को होने वाली जनसभा के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. इस जनसभा के लिए 50 हजार वर्ग क्षेत्रफल खाली कराए गए हैं. राणा सांगा की जयंती पर करणी सेना के पदाधिकारियों के साथ लाखों लोगों के पहुंचने की उम्मीद है. गांव से लेकर कस्बे तक बैठकर लोगों को जोड़ने की पूरी तैयारी चल रही है.

क्या है करणी सेना की मांग और पूरा विवाद ?

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने कुछ दिन पहले राणा सांगा पर एक विवादित बयान दिया था. जिसके बाद देश के क्षत्रिय समाज में भयंकर आक्रोश देखने को मिला था. वहीं करणी सेना के कई कार्यकर्ताओं ने इस बयान के बाद सांसद के घर जमकर तोड़फोड़ व प्रदर्शन किया था. इसमें कार्यकर्ताओं की यूपी पुलिस के जवानों से झड़प भी हुई थी. ऐसे में करणी सेना राणा सांगा की जयंती पर बड़ा प्रदर्शन कर सकती है. करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत ने प्रशासन को साफ संकेत देते हुए कहा था कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया. तो फिर उनके कार्यकर्ता कुछ बड़ा कदम उठाएंगे. राज शेखावत ने रामजीलाल सुमन पर एक्शन लेने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि सांसद की सदस्यता रद्द हो. उन पर केस दर्ज किया जाए. हमारे कार्यकर्ताओं पर दर्ज केस वापस लिया जाए. सांसद और उनके पुत्र की संपत्ति की जांच हो. सपा प्रमुख अखिलेश यादव उन्हें समाजवादी पार्टी से निकाले.

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