वीजा ख़त्म हुआ तो करवा ली प्लास्टिक सर्जरी! भारत में रहने के लिए उजबेकी महिलाओं ने किया खतरनाक काम, पुलिस भी रह गई सन्न
त्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक अनोखा और हैरान कर देना वाला मामला सामने आया है. यहां फर्जी तरीके से रहने के लिए उज्बेकिस्तान की दो महिलाओं ने न कोई अवैध वीजा बनवाया और न ही डॉक्यूमेंट्स बनवाए, बल्कि खुद को ही बदलवा लिया.
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भारत में इन दिनों अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों पर कड़ी कार्रवाई हो रही है. उनकी तलाश की जा रही है, उनकी देश के कई राज्यों में धरपकड़ हो रही है और गिरफ्तार कर उन्हें डिपोर्ट किया जा रहा है. गिरफ्तार होने वालों में सबसे ज्यादा संख्या अब तक रही है अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की, जिन्हें गुजरात से लेकर दिल्ली तक पकड़कर उनके देश भेजा जा रहा है. लेकिन उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां भारत में रहने के लिए दो विदेशी महिलाओं ने जो किया उसने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं. दो उजबेकी महिलाओं ने चोरी-छिपे भारत में रहने के लिए जिस तरह की तिकड़म भिड़ाई, उससे हड़कंप मच गया है
‘वीजा खत्म हुओ तो क्या हुआ…प्लास्टिक सर्जरी तो है’
दरअसल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक अनोखा और हैरान कर देना वाला मामला सामने आया है. यहां फर्जी तरीके से रहने के लिए उज्बेकिस्तान की दो महिलाओं ने न कोई अवैध वीजा बनवाया और न ही डॉक्यूमेंट्स बनवाए, बल्कि खुद को ही बदलवा लिया. जी हां, उज्बेकिस्तान की दो महिलाएं प्लास्टिक सर्जरी के जरिए अपना चेहरा बदलवाकर रह रही थीं. इनकी ये प्लास्टिक सर्जरी किसी विदेशी ने नहीं बल्कि लखनऊ के ही एक डॉक्टर ने की थी. पुलिस ने दोनों महिलाओं को हिरासत में ले लिया है.
वीजा नहीं था तो करवा ली लास्टिक सर्जरी
सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों महिलाएं बिना पासपोर्ट और वीजा के भारत में रह रही थीं. अपनी पहचान छिपाने के लिए उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी करवाई थी. ये पूरा काम एक प्राइवेट क्लिनिक के जरिए चल रहा था, जहां डॉक्टर विवेक गुप्ता मोटी रकम लेकर महिलाओं की सर्जरी करता था और उन्हें गैरकानूनी तरीके से भारत में रहने का रास्ता दिखाता था."
पुलिस ने गुप्त सूचना पर किया मामले का खुलासा
अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस रैकेट का खुलासा विदेशी नागरिकों के लिए क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) की सूचना पर हुआ. FRRO ने पुलिस को इस मामले की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस की टीम राजधानी के सुशांत गोल्फ सिटी स्थित ओमेक्स सिटी पहुंची. वहां एक फ्लैट से दोनों विदेशी महिलाएं, जो उज्बेकिस्तान की निवासी हैं, को हिरासत में लिया गया. पुलिस ने इन महिलाओं के नाम होलिदा और नीलोफर बताए हैं."
प्लास्टिक सर्जरी के खुलासे से हड़कंप
राजधानी लखनऊ में अवैध रूप से पनाह देने, पहचान छिपाने और प्लास्टिक सर्जरी के इस तरह के अंतरराष्ट्रीय रैकेट का खुलासा होने से पुलिस भी सकते में पड़ गई है. देखा जाए तो हाल के दिनों में पुलिस के सामने इस तरह का पहला मामला सामने आया है. मामले की जांच गहराई से की जा रही है, और पुलिस को उम्मीद है कि इससे जुड़ी और भी बड़ी बातें सामने आएंगी. पुलिस इस रैकेट के जड़ों तक पहुंचने के लिए छानबीन कर रही है, यह जानने के लिए कि इसके तार कहां-कहां तक फैले हुए हैं.
वीजा अवधि क्या होती है?
भारत का विदेश मंत्रालय दुनिया के हर देशों के नागरिकों को भारत में आने के लिए सीमित समय के लिए वीजा जारी करता है. ये विभिन्न कैटेगरी में जारी होते हैं, जैसे कि जॉब, पर्यटन, स्टूडेंट, व्यापार और डिप्लोमेटिक सेक्शन. कई देशों के लिए वीजा ऑन अराइवल के तहत वीजा दिए जाते हैं तो अन्य देशों को पहले से वीजा अप्लाइ करना पड़ता है.
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आपको बता दें कि कई विदेशी नागरिक अपने वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी भारत में रहने की कोशिश करते हैं. ये लोग तो पहले वैध वीजा पर भारत आते हैं, लेकिन जब उनका वीजा खत्म हो जाता है, तो उन्हें नियमों के मुताबिक देश छोड़कर जाना पड़ता है. पाकिस्तान जैसे देशों के लिए और भी वीजा की सख्ती है, उन्हें शहर दर शहर का वीजा दिया जाता है, उन्हें पुलिस थाने में भी रिपोर्ट करना पड़ता है. हालांकि अवैध रूप से रहने की फिरक में रहने वाले ये लोग तरह-तरह के रास्ते अपनाकर भारत में ही रहने का तरीका ढूंढ लेते हैं. पुलिस समय-समय पर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती रहती है.
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