'भजन के लिए थोड़ी बैठे हैं', अपराधियों, पेपर लीक माफियाओं को CM योगी की क्लियर वॉर्निंग, कहा-दुर्जनों को ठिकाने लगा देंगे
सीएम योगी ने एक बार फिर अपराधियों और नकल माफियों को तगड़ी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि सज्जन को सुरक्षा, दुर्जनों को ठिकाने लगाएगी. उन्होंने आगे कहा कि भजन के लिए थोड़ी बैठे हैं, उसके लिए मठ है.
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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बीते साल हुई पेपर लीक की घटनाओं और इसकी रोकथाम पर कहा कि पहले भर्ती के लिए योग्य नौजवानों को प्राथमिकता नहीं दी जाती थी और इसमें शिवपाल जी को तो मास्टर माना जाता था, मानो उनकी इसमें पीएचडी हो. उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार को घेरते हुए कहा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया को तार-तार कर दिया गया था और हर व्यक्ति बेहाल था. आज स्थिति बदल चुकी है और उत्तर प्रदेश का नौजवान नौकरी प्राप्त कर रहा है, चाहे वह शिक्षा विभाग हो, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग हो, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग हो या पुलिस भर्ती बोर्ड हो.
नकल माफिया की भी तोड़ेंगे कमर: सीएम योगी
उन्होंने आगे कहा कि भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने हर स्तर पर एक मजबूत तंत्र विकसित किया है. इसी कारण शिक्षा आयोग में उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त डीजीपी को नियुक्त किया गया है, ताकि जिस तरह माफिया की कमर तोड़ी गई, उसी तरह नकल माफिया की भी कमर तोड़ी जा सके. नकल माफिया की आदतें भले ही पहले बिगाड़ी गई हों, लेकिन उन्हें सुधारने की जिम्मेदारी सरकार की होती है और यही हमारी पद की शपथ भी है.
हम भजन करने के लिए नहीं बैठे हैं: सीएम योगी
उन्होंने अपराधियों पर सरकार की कार्रवाई की जानकारी देते हुए कहा कि एक सज्जन को सुरक्षा देना और दुर्जन को उसके स्थान तक पहुंचाना सरकार का दायित्व है. परित्राणाय साधूनाम्, विनाशाय च दुष्कृताम्-यही हमारा सिद्धांत है. हम भजन करने के लिए नहीं बैठे हैं, भजन के लिए मठ पर्याप्त हैं. हम यहां व्यवस्था सुधारने के लिए आए हैं.
नया नहीं, सदियों पुराने उद्योगों को पुनर्जीवित कर रहे हैं: सीएम योगी
उन्होंने आगे कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ रोजगार भी उतना ही जरूरी है. रोजगार केवल सरकारी नौकरी तक सीमित नहीं है. प्रदेश के परंपरागत उद्योगों में एमएसएमई का एक बड़ा सेक्टर पहले से मौजूद है, जिसे हमने नया नहीं बनाया, बल्कि सदियों से चले आ रहे इन उद्योगों को आगे बढ़ाया है. उदाहरण के तौर पर काला नमक चावल, जिसे भगवान बुद्ध के समय से उगाया जा रहा है. पहले कुछ नहीं किया गया, लेकिन अब इसकी ब्रांडिंग हुई, पैकेजिंग हुई और इसे एक्सपोर्ट भी किया जा रहा है.
‘रेल, हवाई, रैपिड, मेट्रो...सरकार की इच्छाशक्ति का परिणाम’
वहीं प्रदेश में हवाई नेटवर्क के विकास को लेकर उन्होंने कहा कि प्रदेश में एयरपोर्ट की संख्या भी इसका उदाहरण है. 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में एयरपोर्ट बहुत कम थे और उनमें से भी केवल दो ही पूरी तरह संचालित थे. आज 16 एयरपोर्ट संचालित हैं, जिनमें चार अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं और पांचवां, भारत का सबसे बड़ा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर में शीघ्र ही शुरू होने जा रहा है. यही उत्तर प्रदेश की रफ्तार है.
देश की पहली रैपिड रेल आज यूपी में चल रही है. देश का पहला वॉटर-वे भी यूपी में संचालित हो चुका है, जो प्रयागराज से वाराणसी होते हुए हल्दिया तक जुड़ा है और आगे इसके विस्तार की योजना भी है. यह सब सरकार की इच्छाशक्ति का परिणाम है, क्योंकि जब सरकार चाहती है तो काम होकर दिखता है.
ये सपा का अहंकार है: सीएम योगी
इस दौरान उन्होंने सपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन यह उसी पार्टी का अहंकार है. अहंकार में व्यक्ति कहता है कि मैंने यह कर दिया, लेकिन सम्मान तब मिलता है जब दुनिया कहती है कि आपने अच्छा किया. 2017 से पहले प्रदेश पहचान के संकट से जूझ रहा था, लेकिन आज हर उत्तर प्रदेशवासी सम्मान महसूस कर रहा है, क्योंकि सरकार एक टीम के रूप में काम कर रही है.
‘नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया’
मुख्यमंत्री ने पूर्व की सरकारों में युवाओं के भविष्य पर डाका डालने की घटनाओं को लेकर कहा कि अगर रोजगार की बात करें तो पहले आयोगों में क्या-क्या कारनामे हुए, यह सबको पता है. अयोग्य लोगों को अध्यक्ष बनाया गया और नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया. आज स्थिति यह है कि पौने एक वर्ष में बिना किसी घूसखोरी के लगभग 9 लाख सरकारी नौकरियां दी गई हैं, जो पहले कभी नहीं हुआ.
हाल ही में 60,244 पुलिस कर्मियों की भर्ती की गई. इससे पहले इतनी बड़ी भर्ती संभव नहीं थी, क्योंकि न तो प्रशिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था थी और न ही इंफ्रास्ट्रक्चर. 2017 से पहले पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता मात्र 3,000 थी. भर्ती के साथ-साथ प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया गया, क्योंकि वर्दीधारी बल के लिए प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. जितना अधिक पसीना प्रशिक्षण में बहेगा, उतना ही कम खून सेवा के दौरान बहेगा. यही किसी भी सशस्त्र बल की असली ताकत होती है.
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