Advertisement

'ट्रंप की धमकियों से नहीं डरने वाले...', रूसी कंपनियों से तेल खरीद पर अमेरिकी राष्ट्रपति को भारत का करारा जवाब

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रूस से तेल खरीदारी जारी रखने पर सोमवार को दी गई धमकी का करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 'देश की राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा में जो कुछ भी होगा वह किया जाएगा. हम धमकियों से डरने वाले नहीं हैं.'

05 Aug, 2025
( Updated: 06 Aug, 2025
04:22 PM )
'ट्रंप की धमकियों से नहीं डरने वाले...', रूसी कंपनियों से तेल खरीद पर अमेरिकी राष्ट्रपति को भारत का करारा जवाब

रूसी तेल कंपनियों से तेल खरीद पर लगातार धमकी दे रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत ने करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि देश की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों में जो कुछ भी होगा, उसके लिए हर आवश्यक कदम उठाया जाएगा. यही नहीं रूसी तेल कंपनियों पर अमेरिका की दोतरफा नीतियों पर भी भारत ने तीखा हमला बोला है. 

डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों पर भारत की 2 टूक 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की तरफ से जारी बयान में अमेरिका को करारा जवाब देते हुए कहा गया है कि 'रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर निशाना साधना पूरी तरीके से अनुचित और बेबुनियाद है, जब यूक्रेन में युद्ध शुरू हुआ, तब तेल आपूर्तियां यूरोप की तरफ मोड़ दी गई. इसकी वजह से भारत को रूस से तेल मंगाना पड़ा. उस दौरान अमेरिका ने खुद हमारा समर्थन किया था, इसके पीछे की वजह थी कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में अस्थिरता बनी रहे. भारत रूस से जो भी तेल मंगवा रहा है. उसका मकसद देश में उपभोक्ताओं को सस्ती और भरोसेमंद ऊर्जा मिल सके.'

'भारत का तेल आयात कोई विकल्प नहीं'

रणधीर जायसवाल ने आगे यह भी कहा कि भारत का तेल आयात कोई विकल्प नहीं है. यह सिर्फ एक जरूरत है, हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि जो देश रुस से व्यापार करने पर भारत का विरोध जता रहा है. वह खुद उसी देश के साथ व्यापार कर रहा है.'

भारत ने रूस के साथ हो रहे व्यापार के आंकड़े पेश किए

विदेश मंत्रालय की तरफ से भारत का रूस के साथ चल रहे व्यापार आंकड़े भी पेश किए गए हैं. इसमें बताया गया है कि '2024 में यूरोपीय संघ और रूस के बीच 67.5 अरब यूरो का वस्तु व्यापार हुआ. इसके अलावा साल 2023 में सेवा व्यापार 17.2 अरब यूरो का था. यह भारत और रूस के बीच हुए कुल व्यापार से काफी अधिक है. इसके अलावा यूरोपीय देशों ने 2024 में रूस से रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात की, जो 2022 के 15.21 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड से अधिक है.'

'भारत और रूस के बीच व्यापार केवल ऊर्जा तक सीमित नहीं'

सरकार ने अपनी तरफ से आंकड़े जारी करते हुए कहा कि 'यूरोप और रूस के बीच का व्यापार केवल ऊर्जा तक सीमित नहीं है. इसमें उर्वरक, खनिज उत्पाद, रसायन, लोहे और स्टील के उत्पाद, मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं. विदेश मंत्रालय की तरफ से अमेरिका के रूस के आयात पर भी सवाल उठाया गया है. इसमें बताया गया है कि अमेरिका रूस से अपनी परमाणु ऊर्जा की जरूरतों के लिए यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पैलेडियम, उर्वरक और रसायन की खरीदारी लगातार कर रहा है. 

क्या कहा था डोनाल्ड ट्रंप ने?

यह भी पढ़ें

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को धमकी देते हुए कहा था कि अगर वह रूस से तेल की खरीदारी जारी रखता है, तो उस पर भारी टैरिफ लगाया जाएगा. ट्रंप ने भारत पर बिना किसी सबूत के झूठा आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीद कर दूसरे देशों को बेच रहा है. 

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
अधिक
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें