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'30 अक्टूबर को वोटिंग, 10 नवंबर से पहले काउंटिंग, 22 नवंबर से पहले सरकार गठन...! बिहार विधानसभा चुनाव की सामने आई संभावित तारीख, जानें पूरी प्रक्रिया

Bihar Assembly Election 2025 Date: बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा अक्टूबर माह के प्रारंभ में की जाएगी और इसी के साथ चुनाव की अधिसूचना भी जारी होगी. मतदान की प्रक्रिया अक्टूबर के अंतिम सप्ताह और नवंबर के प्रथम सप्ताह में संपन्न कराई जाएगी. चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की तिथि 30 सितंबर निर्धारित किए जाने के कारण चुनाव कार्यक्रम को पूरा करने के लिए आयोग के पास सीमित समय ही शेष रह जाएगा. इसी दौरान राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर मतदान कराए जाने के बाद चुनाव परिणाम 10 या 12 नवंबर तक जारी किए जाने की संभावना है.

Created By: केशव झा
02 Aug, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
11:13 PM )
'30 अक्टूबर को वोटिंग, 10 नवंबर से पहले काउंटिंग, 22 नवंबर से पहले सरकार गठन...! बिहार विधानसभा चुनाव की सामने आई संभावित तारीख, जानें पूरी प्रक्रिया
प्रतीकात्मक तस्वीर

बिहार में हर बीतते दिन के साथ चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. तमाम दल लगातार मैदान में अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं. राज्य में पहले से ही SIR प्रक्रिया को लेकर काफी गहमगहमी देखी जा रही है. कई दलों ने अभी से सीटों के ऐलान, डिमांड करने शुरू कर दिए हैं. इसी बीच बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर सूत्रों के हवाले से बड़ी ख़बर सामने आ रही है. मिल रही जानकारी के मुताबिक बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की औपचारिक घोषणा अक्टूबर माह के प्रारंभ में की जा सकती है.

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जिस दिन चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा, उसी दिन चुनाव की अधिसूचना भी जारी होगी और चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाएगी. कहा जा रहा है कि मतदान की प्रक्रिया अक्टूबर के अंतिम सप्ताह और नवंबर के प्रथम सप्ताह में संपन्न कराई जाएगी। 

चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की तिथि 30 सितंबर निर्धारित किए जाने के कारण चुनाव कार्यक्रम को पूरा करने के लिए आयोग के पास सीमित समय ही शेष रह जाएगा। इसी दौरान राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर मतदान कराए जाने के बाद चुनाव परिणाम 10 या 12 नवंबर तक जारी किए जाने की संभावना है।

22 नवंबर को खत्म हो रहा है मौजूदा सरकार का कार्यकाल

बिहार की वर्तमान सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर, 2025 तक ही निर्धारित है, जिससे पहले चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराना अनिवार्य हो जाता है। परंतु मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के चलते आयोग को तैयारी के लिए अपेक्षाकृत कम समय मिल पाएगा।

करीब 1 महीने के अंदर संपन्न हो जाएगी मतदान प्रक्रिया

चुनाव आयोग द्वारा संपूर्ण मतदान प्रक्रिया को लगभग 35 दिनों के भीतर पूरा कर लिए जाने की योजना है, जिसमें चुनाव की घोषणा से लेकर मतगणना तक की तिथियां सम्मिलित हैं। इस अवधि में चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को पर्याप्त समय उपलब्ध कराया जाएगा। चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि यदि एक अक्टूबर को चुनाव की घोषणा होती है तो उसी दिन से राज्य भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। पांच अक्टूबर को पहले चरण की अधिसूचना जारी होने पर नामांकन दाखिल करने के लिए सात दिन का समय, अर्थात 12 अक्टूबर तक की अवधि दी जा सकती है।

क्या हो सकता है चुनाव का शेड्यूल?

नामांकन पत्रों की जांच एक दिन यानी 13 अक्टूबर को पूरी की जा सकती है, जबकि नामांकन वापसी के लिए 14 और 15 अक्टूबर की तिथियां निर्धारित की जा सकती हैं। इसके पश्चात लगभग 15 या 16 दिनों के अंतराल पर प्रथम चरण का मतदान 30 या 31 अक्टूबर को संभव हो सकेगा। यदि दूसरे चरण की सीटों पर चुनाव की अधिसूचना 10 अक्टूबर को जारी होती है तो इन पर मतदान की प्रक्रिया 5 नवंबर तक पूरी की जा सकती है। अंततः सभी चरणों में मतदान पूर्ण होने के बाद वोटों की गिनती 10 नवंबर से पूर्व कराए जाने की संभावना है।

चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट किया जारी

आपको बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव के बिगुल से पहले चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. यह ड्राफ्ट एक महीने तक चली "विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR)" प्रक्रिया के बाद सामने आया है. इसका मकसद हर योग्य मतदाता को वोटिंग प्रक्रिया में शामिल करना और लिस्ट को ताज़ा व सही बनाना है.

इस लिस्ट को अंतिम रूप देने से पहले मतदाताओं को अपना नाम चेक करने और अगर कोई गड़बड़ी है तो सुधार करवाने का मौका दिया गया है. चुनाव आयोग की ओर से मतदाताओं को यह भी कहा गया है कि अगर किसी का नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है, तो वे 1 सितंबर तक दावा कर सकते हैं.

चुनाव आयोग ने इसके लिए ऑनलाइन सुविधा दी है. मतदाता https://voters.eci.gov.in/home/enumFormTrack# लिंक पर जाकर अपने नाम की पुष्टि कर सकते हैं. वेबसाइट पर लॉगिन करने के बाद चार विकल्प दिखेंगे. आपको सबसे पहले ‘बिहार’ राज्य का चयन करना होगा, उसके बाद अपना जिला और विधानसभा क्षेत्र सिलेक्ट करना है.

इसके बाद भाषा चुननी होगी हिंदी या अंग्रेज़ी. फिर आपको वोटर लिस्ट की श्रेणी में से एक विकल्प चुनना होगा. जैसे ड्राफ्ट रोल, फाइनल रोल और SIR ड्राफ्ट. इसके बाद विकल्प का चयन करने के बाद, अपने बूथ के अनुसार आप अपना नाम लिस्ट में देख सकते हैं.

वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के चार चरण

पहला चरण: 25 जुलाई तक राज्यभर में 7.24 करोड़ वोटरों का वेरिफिकेशन किया गया.

दूसरा चरण: 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की गई.

तीसरा चरण: 1 सितंबर तक सभी जिलों में विशेष कैंप लगाए जाएंगे जहां दावे और आपत्तियां ली जाएंगी.

चौथा चरण: 30 सितंबर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होगी.

अगर नाम नहीं है तो क्या करें?

जिन लोगों का नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है या जिनकी जानकारी गलत दर्ज हुई है, वे 1 सितंबर तक सुधार करवा सकते हैं. इसके लिए उन्हें कैंप में जाकर फॉर्म-6 भरना होगा. यह कैंप नगर पंचायत, नगर परिषद, नगर निगम और अंचल कार्यालयों में लगेंगे.  ये कैंप 2 अगस्त से 1 सितंबर तक ये कैंप सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहेंगे. खास बात यह है कि छुट्टी वाले दिन या त्योहारों पर भी ये कैंप खुले रहेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें.

कितने वोटर हैं लिस्ट में?

SIR प्रक्रिया की शुरुआत से पहले जून 2025 तक बिहार में 7.93 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर थे. हालांकि, अभी तक यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है कि ड्राफ्ट लिस्ट में कुल कितने नाम शामिल हैं. ड्राफ्ट लिस्ट जारी होने के साथ ही "दावे और आपत्तियां" दर्ज कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इसका मतलब यह है कि अगर किसी का नाम गलती से हट गया है, या किसी जानकारी में गलती है, तो वो 1 सितंबर तक चुनाव आयोग से संपर्क कर सकता है.

38 जिलों में दी गई है लिस्ट की कॉपी

बिहार के सभी 38 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को वोटर लिस्ट की डिजिटल और प्रिंट कॉपी उपलब्ध करा दी है. राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव अधिकारी मतदाताओं और राजनीतिक दलों से दावे और आपत्तियां स्वीकार कर रहे हैं. इस दौरान कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है.

नाम जुड़वाने के लिए

गलत जानकारी सुधारने के लिए

नाम हटवाने के लिए (अगर वह अब योग्य नहीं है)

विपक्ष के आरोप

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वही इसको लेकर विपक्षी दलों का कहना है कि जिन लोगों के पास दस्तावेज़ नहीं हैं, उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं जोड़ा जा रहा है. इससे कई योग्य नागरिक मतदान से वंचित हो सकते हैं. हालांकि, चुनाव आयोग का कहना है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है और हर नागरिक को उसकी संवैधानिक भागीदारी का मौका दिया जाएगा.

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