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असम के कार्बी में फिर भड़की हिंसा... डीजीपी पर भी हमला, 2 की मौत, 50 से अधिक घायल, जानें क्यों बिगड़े हालात

असम के कार्बी आंगलोंग जिले में जमीन विवाद को लेकर हिंसा भड़क उठी. दो गुटों की झड़प में दो लोगों की मौत हुई और 50 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 48 पुलिसकर्मी शामिल हैं. हालात इतने बिगड़े कि डीजीपी हरमीत सिंह पर भी तीर-कमान से हमला हुआ.

असम के कार्बी में फिर भड़की हिंसा... डीजीपी पर भी हमला, 2 की मौत, 50 से अधिक घायल, जानें क्यों बिगड़े हालात
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असम के कार्बी आंगलोंग जिले में जमीन खाली कराने को लेकर चल रहा पुराना विवाद एक बार फिर हिंसक हो गया है. ताजा घटनाओं ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है. दो गुटों के बीच हुई झड़प में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इनमें 48 पुलिसकर्मी शामिल बताए जा रहे हैं. हालात इतने बिगड़ गए कि खुद असम के डीजीपी हरमीत सिंह पर भी तीर और कमान से हमला किया गया. इस हिंसा के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है.

हिंसा कैसे भड़की

जानकारी के मुताबिक, कार्बी आंगलोंग जिले में लंबे समय से विलेज ग्रेजिंग रिजर्व और प्रोफेशनल ग्रेजिंग रिजर्व की जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. इन जमीनों को संविधान की छठी अनुसूची के तहत संरक्षित माना जाता है. आरोप है कि इन इलाकों में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है. प्रशासन अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में जुटा था, लेकिन इसका विरोध कर रहे गुटों के बीच टकराव इतना बढ़ गया कि मामला हिंसा में बदल गया.

दो लोगों की मौत से मचा हड़कंप

हिंसा के दौरान 25 साल के दिव्यांग युवक सुरेश डे और अथिक तिमुंग की मौत हो गई. सुरेश डे का शव उस इमारत से बरामद हुआ, जिसे प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया था. इन मौतों के बाद स्थिति और ज्यादा संवेदनशील हो गई. स्थानीय लोगों में डर और गुस्से दोनों का माहौल है. हालात काबू में करने पहुंची पुलिस को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर, कच्चे बम और तीर-कमान से हमला किया. असम के डीजीपी हरमीत सिंह ने खुद बताया कि जब पुलिस एक पुल पर कब्जा करने की कोशिश को रोक रही थी, तभी हमला हुआ. हालात संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए.

हिंसा पर मुख्यमंत्री  हिमंत बिस्वा सरमा ने क्या कहा?

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस हिंसा पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पश्चिम कार्बी आंगलोंग की स्थिति पर वह लगातार नजर बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि दो लोगों की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. शांति बनाए रखने के लिए खेरानी इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे. उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

इंटरनेट सेवाएं बंद

हिंसा और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं. कार्बी आंगलोंग और वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं. हालांकि, वॉयस कॉल और फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू रखी गई हैं, ताकि जरूरी संपर्क बना रहे.

भूख हड़ताल से बढ़ा तनाव

बताया जा रहा है कि हालात उस वक्त और बिगड़े, जब भूख हड़ताल पर बैठे नौ प्रदर्शनकारियों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया. उनकी गिरफ्तारी की अफवाह फैलते ही गुस्सा भड़क उठा और हिंसा तेज हो गई. हालांकि सरकार ने साफ किया कि बातचीत का रास्ता खुला है और मुख्यमंत्री ने खुद वार्ता की तारीख दी थी, जिसके बाद भूख हड़ताल वापस ले ली गई थी.

KAAC प्रमुख के घर पर हमला

हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कार्बी आंगलोंग ऑटोनॉमस काउंसिल के प्रमुख तुलिराम रोंगहांग के पैतृक आवास पर हमला किया. उनके घर में आग लगा दी गई. इसके अलावा कई दुकानें, मोटरसाइकिलें और सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया. इससे इलाके में भय का माहौल और गहरा हो गया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी है. इसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने, रैली, मशाल जुलूस और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक आवाजाही भी सीमित कर दी गई है.

प्रशासन ने जनता से की अपील

आईजी कानून व्यवस्था अखिलेश कुमार सिंह ने कहा है कि शांति वार्ता जारी है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे कानून अपने हाथ में न लें और किसी भी समस्या का समाधान कानूनी तरीके से करें. प्रशासन का कहना है कि अफवाहों पर काबू पाने और शांति बहाल करने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जा रहा है.

क्यों है यह विवाद इतना जटिल?

यह जमीन विवाद नया नहीं है. छठी अनुसूची वाले इस पहाड़ी जिले में करीब 7,184 एकड़ से अधिक संरक्षित जमीन पर कथित अतिक्रमण का मामला है. यह मामला फिलहाल गुवाहाटी हाईकोर्ट में विचाराधीन है. कोर्ट ने अभी बेदखली अभियान पर रोक लगा रखी है. इसी वजह से स्थिति और ज्यादा उलझ गई है.

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फिलहाल कार्बी आंगलोंग में शांति बहाल करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती, इंटरनेट बंदी और सख्त कानूनी कदमों के बीच सरकार बातचीत के जरिए समाधान निकालने की कोशिश कर रही है. आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि क्या यह विवाद शांतिपूर्ण तरीके से सुलझ पाता है या फिर हालात और बिगड़ते हैं.

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