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वक्फ कानून के विरोध में ममता के बंगाल में फिर हिंसा, जमकर हुआ पथराव, पुलिसकर्मी घायल

मुर्शिदाबाद से सामने आया है जहां वक्फ कानून के विरोध में चल रहा प्रदर्शन हिंसा में बदल गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए निमटीटा रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों पर पत्थर फेंके। इस कारण कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया और दो ट्रेनों को कैंसिल किया। वहीं सड़क यातायात को भी प्रदर्शनकारियों ने बाधित किया

12 Apr, 2025
( Updated: 12 Apr, 2025
09:06 AM )
वक्फ कानून के विरोध में ममता के बंगाल में फिर हिंसा, जमकर हुआ पथराव, पुलिसकर्मी घायल
चाहे कोई धार्मिक शोभा यात्रा हो, चाहे देश के बेहतरी के लिए कोई नया कानून, इन सब को लेकर पूरे देश में सबसे ज्यादा कहीं हिंसक प्रदर्शन होता है तो वह राज्य है ममता बनर्जी की सरकार वाला पश्चिम बंगाल. इस राज्य में केंद्र के खिलाफ कोई भी विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से कभी नहीं होता, हमेशा हिंसा होती है, सरकारी संपत्तियों का नुकसान होता है, लोग घायल होते है, कभी-कभी तो हिंसा प्रदर्शन के चलते लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है. ऐसा ही ताजा मामला अब राज्य के मुर्शिदाबाद से सामने आया है जहां वक्फ कानून के विरोध में चल रहा प्रदर्शन हिंसा में बदल गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए निमटीटा रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों पर पत्थर फेंके। इस कारण कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया और दो ट्रेनों को कैंसिल किया। वहीं सड़क यातायात को भी प्रदर्शनकारियों ने बाधित किया. हिंसा भीड़ को कंट्रोल करने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों पर भी पथराव किया गया जिसमें 10 पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं. जिले में उग्र प्रदर्शन और आगजनी की घटना को देखते हुए बीएसएफ के जवान तैनात किए गए है। इस हिंसक प्रदर्शन को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। 


घटना पर पुलिस का बयान

मुर्शिदाबाद में हुई घटना को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस का बयान सामने आया है। सोशल मीडिया के एक प्लेटफार्म पर बंगाल पुलिस में पोस्ट करते हुए बताया कि "सूती और शमशेरगंज इलाकों में अब हालात सामान्य हो गए हैं. पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाकों में बेकाबू भीड़ को तीतर भीतर कर दिया है और नेशनल हाईवे पर यातायात को सुचारू रूप से चालू कर दिया है. पुलिस का कहना है कि हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी उपद्रवियों के गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. इसके साथ ही गलत सूचना फैलाने की कोशिश करने वाले ऑफर फैलाने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी." इसके साथी पुलिस में आम जनता से अपील की है कि किसी भी प्रकार अफवाहों पर ध्यान ना दे और शांति बनाए रखें. इसके अलावा लोगों के मदद के लिए एक हेल्पलाइन (033-22001641) के साथ-साथ एक 24x7 कंट्रोल रूम बनाया गया है. 



कैसे शुरू हुआ हिंसक प्रदर्शन

वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन का हिंसक प्रदर्शन में बदलने को लेकर पुलिस सूत्रों से जो जानकारी निकाल कर सामने आई है उसके मुताबिक, शमशेरगंज में जुम्मे की नमाज के बाद कुछ लोगों ने वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया। इस दौरान प्रदर्शनकरियों ने नेशनल हाईवे 12 को बाधित किया, यह पूरा प्रदर्शन हिंसक रूप कब लिया जब कुछ लोगों ने पुलिस की गाड़ी पर पथराव किया जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. वहीं दूसरी तरफ मालदा में प्रदर्शनकारियों ने रेल की पटरी पर जाकर जिससे रेल यातायात बाधित हुआ। 


बीजेपी ने दी प्रतिक्रिया

वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसक प्रदर्शन पर असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिसवा सरमा का बयान सामने आया है उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर लिखा "असम में, जहां मुस्लिम आबादी लगभग 40% है, वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे. वहां पुलिस की पहले से तैयारी थी, इसलिए स्थिति नियंत्रण में रही. उन्होंने कहा कि असम में सभी समुदाय बोहाग बिहू की तैयारी में जुटे है"


राज्यपाल ने की सरकार से अपील

सूबे के राज्यपाल सीवी आनंद बॉस ने प्रदेश की ममता सरकार से संवेदनशील क्षेत्रों में उपग्रह करने वालों के खिलाफ तुरंत और सख्त कार्रवाई करने को कहा है. उन्होंने कहा कि हमें इसकी आशंका थी, इसलिए हमने मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ भी जानकारी साझा की थी.


शुभेंदु अधिकारी का बयान 

भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शुक्रवार रात को एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, "पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन के नाम पर कट्टरपंथियों के एक खास समूह द्वारा बड़े पैमाने पर हिंसा, अव्यवस्था और अराजकता देखी जा रही है। इन लोगों ने साफ तौर पर कहा है कि वे भारत के संविधान के खिलाफ हैं और देश के कानून का विरोध करेंगे. इसलिए वे सड़कों पर उतर आए हैं."उन्होंने आगे कहा कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को मनमाने ढंग से नुकसान पहुंचाया जा रहा है. आम लोगों की सुरक्षा से समझौता किया गया है क्योंकि वे कट्टरपंथियों की इन क्रूर भीड़ की दया पर हैं. प्रशासन ने मुर्शिदाबाद जिले में उत्पात को नियंत्रित करने के लिए अनिच्छा से बीएसएफ कर्मियों की तैनाती की मांग की है. आखिर उन्हें अन्य स्थानों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग करने से क्या रोक रहा है? उन्होंने कहा, मैं पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और गृह विभाग के सचिव से अनुरोध करता हूं कि वे अहंकार छोड़कर केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क करें और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार की सहायता मांगें, जो अब हाथ से निकलती जा रही है. मुर्शिदाबाद, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हुगली, मालदा, और बीरभूम जिलों के कई पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत बड़े क्षेत्रों में अनुच्छेद 355 लागू करना अब आवश्यक हो गया है."

शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पर एक और पोस्ट में कहा, "लोकतंत्र में विरोध के नाम पर हिंसा की कोई जगह नहीं है. उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई समय की मांग है. वोट बैंक को खुश करने के लिए पश्चिम बंगाल को बंधक नहीं बनाया जा सकता."

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