UP की सियासत में हलचल तेज... योगी कैबिनेट विस्तार के साथ तीसरे डिप्टी CM की अटकलें, जानें किसके नाम की हो रही चर्चा
यूपी बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने के बाद योगी सरकार के कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक जल्द मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है और तीसरे डिप्टी सीएम की नियुक्ति भी संभव है. इस पद के लिए पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति का नाम सबसे आगे चल रहा है.
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उत्तर प्रदेश बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलते ही राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है. संगठन में बदलाव के बाद अब योगी सरकार के कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो चुका है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है और उत्तर प्रदेश को तीसरा उपमुख्यमंत्री भी मिल सकता है. इस संभावित पद के लिए पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है.
दरएसल, यूपी के सियासी गलियारों में चल रही चर्चा और मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, योगी सरकार का कैबिनेट विस्तार जल्द किया जा सकता है. इस दौरान छह तक नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है. फिलहाल योगी सरकार में मुख्यमंत्री समेत कुल 54 मंत्री हैं, जबकि स्वीकृत संख्या 60 है. ऐसे में मंत्रिमंडल में नए चेहरों के लिए जगह मौजूद है. हालांकि, इस विस्तार के साथ कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है, जिसको लेकर अंदरखाने चर्चाएं तेज हैं.
सपा के बागवत करने वाले नेताओं को मिलेगा ईनाम?
सूत्रों की मानें तो इस बार के विस्तार में केवल बीजेपी नेताओं पर ही नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी से बगावत कर चुके नेताओं पर भी नजर है. पार्टी के भीतर चर्चा है कि सपा छोड़कर भाजपा के साथ आए दो से तीन नेताओं को सरकार में जगह दी जा सकती है. इनमें पूजा पाल, मनोज पांडेय और महेंद्र सिंह के नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. इन नेताओं को शामिल कर भाजपा विपक्ष में सेंध लगाने और अपने सामाजिक समीकरण मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है. स संभावित फेरबदल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र और नोएडा से विधायक पंकज सिंह का नाम भी सामने आ रहा है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि उन्हें मंत्री बनाए जाने पर गंभीरता से विचार चल रहा है. इसके अलावा मौजूदा यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के भी एक बार फिर सरकार में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है. संगठन में अध्यक्ष पद से हटने के बाद उन्हें कैबिनेट में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है.
भूपेंद्र चौधरी की वापसी के संकेत
भूपेंद्र चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक प्रभावशाली जाट नेता के तौर पर जाने जाते हैं. अगस्त 2022 में प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले वह योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री रह चुके हैं. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को कैबिनेट में शामिल करना पश्चिमी यूपी के जाट समुदाय को राजनीतिक संदेश देने के लिहाज से अहम माना जा रहा है. यह क्षेत्र ऐसा है, जहां चुनावी समीकरण तेजी से बदलते रहते हैं, और भाजपा किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती. नए नियुक्त भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ओबीसी समुदाय से आते हैं. ऐसे में पार्टी अब सरकार और संगठन दोनों में सामाजिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रही है. इसी रणनीति के तहत अनुसूचित जाति समुदाय से किसी बड़े चेहरे को अहम पद देने पर विचार किया जा रहा है.
तीसरे डिप्टी सीएम की चर्चा क्यों हुई शुरू?
उत्तर प्रदेश सरकार में फिलहाल मुख्यमंत्री के बाद दो सबसे महत्वपूर्ण पद उपमुख्यमंत्री के हैं. इनमें केशव प्रसाद मौर्य ओबीसी समुदाय से आते हैं, जबकि ब्रजेश पाठक ब्राह्मण समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि तीसरे डिप्टी सीएम की नियुक्ति की जा सकती है, जो इस बार अनुसूचित जाति समुदाय से हो सकते हैं. इसी वजह से साध्वी निरंजन ज्योति का नाम सबसे आगे चल रहा है, क्योंकि वह एक मजबूत एससी चेहरा मानी जाती हैं और केंद्र व राज्य की राजनीति में लंबा अनुभव रखती हैं.
सहयोगी दलों को भी मिल सकता है मौका
कैबिनेट विस्तार में भाजपा के साथ-साथ सहयोगी दलों को भी प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है. राष्ट्रीय लोक दल और अपना दल के नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल कर गठबंधन को और मजबूत करने की रणनीति पर काम किया जा रहा है.
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बताते चलें कि यूपी में कैबिनेट विस्तार केवल पदों की अदला-बदली नहीं, बल्कि आगामी चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है. आने वाले दिनों में यह साफ हो जाएगा कि योगी सरकार में कौन से नए चेहरे जगह बनाते हैं और कौन सियासी दौड़ से बाहर हो जाते हैं.
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