'यूपी का कृषि मॉडल वैश्विक मिसाल...', विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने की सीएम योगी की तारीफ, कहा - मैंने अपनी आंखों से देखा है
विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश में विकसित हो रहे किसानों के कृषि मॉडल को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि 'राज्य में कृषि प्रणाली को इस तरह से तैयार किया गया है कि उसमें रेजिलियंस यानी लचीलापन शुरुआत से ही निहित है. यह बाद में जोड़ा गया तत्व नहीं है. छोटे किसानों के लिए यूपी का कृषि मॉडल वैश्विक मिसाल है.'
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विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की है. बंगा ने एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश में विकसित हो रहे छोटे किसानों के कृषि मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि यह सिद्धांत नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत है, जिसे मैंने अपनी आंखों से देखा है. उन्होंने कहा कि छोटे किसानों के लिए यूपी का कृषि मॉडल वैश्विक मिसाल है. इसके अलावा अजय बंगा ने कहा कि मैंने कुछ महीने पहले भी उत्तर प्रदेश का दौरा किया था. बता दें कि विश्व बैंक और उत्तर प्रदेश सरकार ने मिलकर 'यूपी एग्रीज' परियोजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य राज्य में कृषि प्रणाली को तकनीकी और वित्तीय रूप से मजबूत बनाना है.
विश्व बैंक के अध्यक्ष ने की सीएम योगी की तारीफ
बता दें कि विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश में विकसित हो रहे किसानों के कृषि मॉडल को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि 'राज्य में कृषि प्रणाली को इस तरह से तैयार किया गया है कि उसमें रेजिलियंस यानी लचीलापन शुरुआत से ही निहित है. यह बाद में जोड़ा गया तत्व नहीं है. छोटे किसानों के लिए यूपी का कृषि मॉडल वैश्विक मिसाल है.'
'उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ प्रयोग हो रहे'
अजय बंगा ने योगी सरकार की प्रशंसा करते हुए यह भी कहा कि 'उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ जो प्रयोग हो रहे हैं. वह अद्भुत है. इससे जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए आसानी होगी, यहां गर्मी सहन करने वाले बीज, मिट्टी के अनुकूल उर्वरक, पुनर्जीवित करने की तकनीकें, कुशल सिंचाई व्यवस्था और मजबूत बीमा-फाइनेंसिंग प्रणाली किसानों के जीवन को स्थिरता देती है. इसका मकसद यही है कि एक खराब मौसम या एक खराब सीजन किसी किसान के लिए पूरी जिंदगी का संकट न बन जाए.'
'डिजिटल एक ग्लू जो पूरे सिस्टम को जोड़ता है'
विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा कि 'पूरी प्रक्रिया का केंद्र डिजिटल तकनीक है. यह वह ग्लू है, जो पूरे सिस्टम को जोड़ता है. एक साधारण AI टूल और बेसिक मोबाइल फोन, किसान की फसल की बीमारी की पहचान कर सकता है. उर्वरक की जानकारी और मौसम की चेतावनी को पहले ही दे सकता है. इसके अलावा भुगतान को भी सुरक्षित बना सकता है. यही डेटा आगे चलकर किसान की क्रेडिट हिस्ट्री बन जाता है. जिसकी वजह से किसानों को सस्ता ऋण और बेहतर वित्तीय मदद मिलती है.'
कुछ महीने पहले भी किया था उत्तर प्रदेश का दौरा
विश्व बैंक के अध्यक्ष ने आगे कहा कि 'उन्होंने कुछ महीने पहले भी उत्तर प्रदेश का दौरा किया था. इस मॉडल को वास्तविक रूप से क्रियान्वित होते देखा. मैंने नींव से लेकर सहकारी संस्थाओं तक, किसानों के रेजिलियंस और सबसे बढ़कर डिजिटल प्रणाली, सब ने मिलकर एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया. जो एक प्रूफ ऑफ कांसेप्ट है. यह मॉडल काम करता है. इसे बड़े पैमाने पर लागू करने की आवश्यकता है. यह पूरी तरीके से स्केलेबल है.' बंगा ने कहा कि यह मॉडल तभी सफल हो सकता है, जब सरकार, डेवलपमेंट और व्यवसाय पार्टनर्स एक ही दिशा में आगे बढ़े.
योगी सरकार के साथ मिलकर चला रहे बड़ी परियोजना
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जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में विश्व बैंक और उत्तर प्रदेश सरकार ने मिलकर 'यूपी एग्रीज' परियोजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य राज्य में कृषि प्रणाली को तकनीकी और वित्तीय रूप से मजबूत बनाना है. इस परियोजना से लगभग 10 लाख छोटे और सीमांत किसानों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. राज्य सरकार ने बताया है कि डिजिटल एग्रीकल्चर इकोसिस्टम की रूपरेखा भी तैयार की गई है, जिसमें किसानों को मौसम, बीज, बाजार और बीमा से जुड़ी जानकारी वास्तविक समय पर उपलब्ध हो सकेगी. देखा जाए तो विश्व बैंक के अध्यक्ष का बयान इस बात का संकेत है कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ एक राज्य नहीं, बल्कि स्मार्ट कृषि परिवर्तन का मॉडल बनता जा रहा है.
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