तुर्की-अजरबैजान का बायकॉट जारी... जामिया-जेएनयू के बाद शारदा ने 2 और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने 23 यूनिवर्सिटीज से MoU तोड़ा
देश की कई नामी और सरकारी यूनिवर्सिटी ने तुर्की के साथ MOU यानी मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग तोड़ दिया है. इस बीच 17 मई को नोएडा और चंडीगढ़ की एक यूनिवर्सिटी ने भी कुल 25 यूनिवर्सिटीज से MOU तोड़ दिया है.

तुर्की-अजरबैजान का बायकॉट पूरे देश में आग की
तरह फैलता जा रहा है. शिक्षा, स्वास्थ्य, खानपान से लेकर कई अन्य चीजों में
विरोध लगातार जारी है. भारत ने दोनों ही देशों को उनकी औकात दिखाते हुए यह
बता दिया है कि उसने दुश्मन मुल्क का साथ देकर बड़ी गलती कर दी है. सरकार
लगातार दोनों देशों की कई कंपनियों पर लगातार नजर बनाए हुई है. ऐसे में सभी
की समीक्षा कर उन्हें देश से बाहर किया जा रहा है. जानकारी के लिए बता दें
कि तुर्की और भारत के बीच का व्यापार कुल 2.84 बिलियन डॉलर का है. 16 मई
को देश की कई नामी और सरकारी यूनिवर्सिटी ने तुर्की के साथ MOU यानी
मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग तोड़ दिया है. इस बीच 17 मई को नोएडा और
चंडीगढ़ की एक यूनिवर्सिटी ने भी कुल 25 यूनिवर्सिटीज से MOU तोड़ दिया है.
Due to national security considerations, any Memorandum of Understanding (MoU) between Jamia Millia Islamia, New Delhi, and any institution affiliated with the Government of the Republic of Türkiye stands suspended with immediate effect, until further orders.
— Jamia Millia Islamia (NAAC A++ Grade Central Univ) (@jmiu_official) May 15, 2025
Jamia Millia…
शारदा और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने भी तोड़ा MOU
देश
की नामी यूनिवर्सिटीज में शामिल जेएनयू, जामिया, एलपीयू के बाद अब नोएडा
की शारदा यूनिवर्सिटी और पंजाब की चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने भी MOU तोड़ दिया
है. इनमें शारदा यूनिवर्सिटी ने तुर्की के इस्तांबुल आयदिन और हसन
काल्योनकु यूनिवर्सिटी के साथ अपना शैक्षणिक समझौता रद्द कर दिया है. वहीं
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने तुर्की और अजरबैजान के 23 यूनिवर्सिटीज से अपना
शैक्षणिक समझौता तोड़ दिया है.
Under 23 MoUs, Chandigarh University was having collaboration with the higher education institutions in Turkiye and Azerbaijan for exchange of students…— Chandigarh University (@Chandigarh_uni) May 17, 2025
शारदा यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने क्या कहा ?
नोएडा
की शारदा यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने MOU रद्द करते हुए बताया कि 'हमने यह
फैसला राष्ट्रीय हितों की प्राथमिकता को देखते हुए लिया है. प्रत्येक वर्ष
कई छात्र तुर्की से यहां से पढ़ाई करने आते थे. इसके तहत छात्र, शिक्षक,
विनियम कार्यक्रम, संयुक्त अनुसंधान और
सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाता था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के
दौरान तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के बाद हम लगातार बायकॉट
कर रहे हैं.
शारदा यूनिवर्सिटी का यह कदम अभियान का हिस्सा
बता
दें कि शारदा यूनिवर्सिटी का यह कदम अभियान का हिस्सा माना जा रहा है.
जिसे व्यापारिक संगठन, पर्यटन निकायों और सामाजिक मंचों का समर्थन प्राप्त
है. यह कदम न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में बल्कि भारत- तुर्की संबंधों पर भी
गहरा प्रभाव डाल सकता है.