बारिश, बर्फबारी और शीतलहर का ट्रिपल अटैक... घने कोहरे की चादर में लिपटी दिल्ली-NCR, जानें देशभर में कैसा है मौसम का मिजाज
देशभर में मौसम तेजी से बदल रहा है. अगले 24 से 48 घंटे कई राज्यों के लिए चुनौतीपूर्ण रह सकते हैं. IMD के अनुसार 18 से 22 दिसंबर के बीच बारिश, तेज हवाएं, घना कोहरा, शीतलहर और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी की संभावना है
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देशभर में मौसम का मिज़ाज तेजी से बदल रहा है. अगले 24 से 48 घंटे कई राज्यों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते है. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 18 से 22 दिसंबर के बीच दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत और पहाड़ी इलाकों तक मौसम का असर साफ तौर पर देखने को मिलेगा. बारिश, तेज हवाएं, घना कोहरा, शीतलहर और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है. लगातार सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ के चलते ठंड और तेज होने के आसार हैं, जिससे आम जनजीवन पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है.
मौसम विभाग का कहना है कि इस बदलाव का असर सड़क, रेल और हवाई यातायात पर भी पड़ सकता है. कई इलाकों में विजिबिलिटी काफी कम हो गई है, जिससे लोगों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है. दिल्ली-एनसीआर में सुबह के समय घने कोहरे और धुंध की मोटी चादर छाई हुई है. कई जगहों पर विजिबिलिटी जीरो के करीब पहुंच गई, जिसके चलते सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए.
यातायात और उड़ानों पर सीधा असर
घने कोहरे के कारण यमुना एक्सप्रेसवे और NH-48 जैसे प्रमुख रूट्स पर स्पीड लिमिट कम कर दी गई है. पुलिस और प्रशासन की ओर से बार-बार अपील की जा रही है कि वाहन चालक सीमित गति में गाड़ी चलाएं. एअर इंडिया और इंडिगो जैसी प्रमुख एयरलाइंस ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है और फ्लाइट स्टेटस पहले चेक करने की सलाह दी है. बीते दिनों 100 से ज्यादा उड़ानें कोहरे के कारण प्रभावित हुई थीं. एयरपोर्ट पर लो विजिबिलिटी प्रोसीजर्स लागू कर दिए गए हैं, जिसके चलते फ्लाइट्स डिले और कई मामलों में कैंसल भी हो रही हैं. रेल सेवाएं भी इससे अछूती नहीं हैं और कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं.
उत्तर भारत में कोहरा और शीतलहर का कहर
IMD के अनुसार पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 18 से 20 दिसंबर तक सुबह के समय हल्के से घना कोहरा छाया रह सकता है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कोहरे और शीतलहर का असर जनजीवन पर साफ नजर आ रहा है. दृश्यता बेहद कम होने से सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो रहा है. कुछ जगहों पर कार्यक्रम रद्द करने तक की नौबत आ गई है. मौसम विभाग ने कई जिलों में कड़ाके की ठंड को लेकर चेतावनी जारी की है.
दिल्ली-एनसीआर में ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार
दिल्ली और आसपास के इलाकों में ठंड, कोहरा और प्रदूषण ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है. अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान और गिर सकता है, जिससे ठिठुरन और बढ़ेगी. AQI 349 लगातार ‘वेरी पुअर’ से ‘सीवियर’ श्रेणी के बीच बना हुआ है. खराब हवा के कारण सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं. सुबह और रात के समय कोहरे के कारण आवाजाही बेहद मुश्किल हो गई है.
दक्षिण भारत में बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट
दक्षिण भारत के कई हिस्सों में भी मौसम बिगड़ सकता है. तमिलनाडु, पुडुचेरी और अंडमान-निकोबार क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है. चेन्नई और आसपास के इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन पहले ही प्रभावित है और फिलहाल राहत की उम्मीद कम नजर आ रही है. निचले इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या भी बनी हुई है.
पश्चिमी विक्षोभ से बढ़ेगी सर्दी
मौसम विभाग के अनुसार एक के बाद एक दो पश्चिमी विक्षोभ देश में प्रवेश करेंगे. पहला विक्षोभ 18 दिसंबर के आसपास और दूसरा 20 दिसंबर के करीब सक्रिय होगा. इनके असर से उत्तर भारत और पहाड़ी राज्यों में मौसम और ज्यादा बिगड़ सकता है. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश के साथ बर्फबारी की संभावना है. मैदानी इलाकों में ठंडी हवाओं के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है.
मध्य प्रदेश और राजस्थान में बढ़ी ठिठुरन
मध्य प्रदेश के ग्वालियर, चंबल समेत कई जिलों में घना कोहरा और ठंडी हवाएं चल रही हैं. दृश्यता कम होने से यातायात प्रभावित हो रहा है. वहीं राजस्थान में भी सर्दी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. कुछ इलाकों में न्यूनतम तापमान काफी नीचे चला गया है और रात के समय कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है.
पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का अनुमान
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में आने वाले दिनों में बर्फबारी हो सकती है. इससे तापमान और गिरने के आसार हैं. कुछ क्षेत्रों में पारा शून्य के आसपास पहुंच सकता है. पहाड़ों की ओर यात्रा करने वाले लोगों को मौसम को देखते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है. बदलते मौसम के बीच प्रशासन और मौसम विभाग लगातार नजर बनाए हुए हैं.
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