उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की जगह लेना चाहता है यह 38 वर्षीय युवा, आखिर कौन है जलालुद्दीन? जिन्होंने इस पद के लिए भरा नामांकन
उपराष्ट्रपति पद के लिए राजस्थान के 38 वर्षीय युवा जलालुद्दीन ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है. वह उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की जगह लेना चाहते हैं. जिन्होंने हाल ही में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जलालुद्दीन राजस्थान के जैसलमेर के रहने वाले हैं. उन्होंने सोमवार को राज्यसभा में पहुंचकर 15 हजार रुपए की डिपॉजिट राशि के साथ उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
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उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन प्रक्रिया के बीच एक ऐसे उम्मीदवार ने दिलचस्पी दिखाई है. जिसने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. 38 साल के युवा छात्र जो राजनीति में बेहद खास दिलचस्पी रखते हैं. उन्होंने इस पद के लिए अपना नामांकन किया है. देश भर में वह चर्चाओं में है और उनके बारे में हर कोई जानना चाहता है. तो चलिए जानते हैं राजस्थान के जलालुद्दीन के बारे में? जिन्होने देश की राजधानी दिल्ली पहुंचकर अपना नामांकन भरा है.
कौन है जलालुद्दीन?
बता दें कि उपराष्ट्रपति पद के लिए राजस्थान के 38 वर्षीय युवा जलालुद्दीन ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है. वह उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की जगह लेना चाहते हैं. जिन्होंने हाल ही में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जलालुद्दीन राजस्थान के जैसलमेर के रहने वाले हैं. उन्होंने सोमवार को राज्यसभा में पहुंचकर 15 हजार रुपए की डिपॉजिट राशि के साथ उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है.
कहां से पढ़ाई की है जलालुद्दीन ने?
बता दें कि जलालुद्दीन वर्तमान में जयपुर के हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रहे हैं. इससे पहले वह साल 2009 में जैसलमेर जिले की आसुतार बांधा पंचायत से वार्ड पंच का चुनाव लड़ चुके हैं, उस चुनाव में उन्हें एक वोट से हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि, उसके बाद भी उनका हौसला नहीं टूटा और उन्होंने साल 2013 में जैसलमेर विधानसभा सीट से और 2014 में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया, लेकिन अंत समय में दोनों ही जगह से अपना पर्चा वापस ले लिया.
9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भरा
उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ऐसे में जलालुद्दीन ने भी निर्वाचन आयोग में अपना नामांकन दाखिल किया. उन्होंने ठान रखा है कि वह इस चुनाव में भाग लेकर रहेंगे. बता दें कि 9 सितंबर को इस पद के लिए चुनाव होना है.
नामांकन के बाद क्या कहा जलालुद्दीन ने?
अपना नामांकन दाखिल करने के बाद जलालदुद्दीन ने कहा कि 'मुझे चुनाव लड़ने का शौक है. मैं जानता हूं कि मेरा नामांकन रद्द हो जाएगा, लेकिन मैंने फिर भी नामांकन दाखिल किया है. मैने यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव में भी भाग लेने की कोशिश की थी, लेकिन उम्र अधिक होने के कारण नामांकन स्वीकार नहीं किया गया था.'
आखिर क्यों रद्द हो सकता है नामांकन?
जलालुद्दीन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए जो नामांकन दाखिल किया है. वह तकनीकी खामियों के चलते रद्द हो सकता है. इसमें निर्वाचन आयोग द्वारा दस्तावेजों की जांच के दौरान यह पाया गया कि जलालुद्दीन द्वारा दी गई निर्वाचन नामावली की प्रमाणित प्रति पुरानी तारीख की थी. ऐसे में नियमो के अनुसार, इस प्रकार की गलती होने पर नामांकन अपने आप खारिज हो जाता है.
कभी भी हार से हताश नहीं हुए जलालुद्दीन
बता दें कि जलालुद्दीन अपने जीवन में कभी भी हार से हताश नहीं हुए हैं. जैसलमेर के मंगालिया मोहल्ले के रहने वाले जलालुद्दीन अलग-अलग स्तर के चुनावों में नामांकन दाखिल करते आ रहे हैं. उनका मानना है कि लोकतंत्र में भागीदारी सबसे जरूरी है और वह इसी सिद्धांत के तहत सक्रिय रहना चाहते हैं. हालांकि, कुछ भी हो लेकिन उनका जोश और राजनीतिक प्रक्रिया में भागीदारी का जज्बा अन्य लोगों को प्रभावित कर रहा है.
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